नयी दिल्ली/जयपुर, 22 अगस्त (भाषा) राष्ट्रीय बाघ सरंक्षण प्राधिकरण (एनटीसीए) ने मंगलवार को राजस्थान के करौली और धौलपुर जिलों में बाघ अभयारण्य बनाने के प्रस्ताव को मंजूरी दे दी। इसी के साथ धौलपुर-करौली बाघ अभयारण्य बाघों को समर्पित देश का 54वां अभयारण्य बन गया हैं।
राजस्थान में रणथम्भौर, सरिस्का, मुकुंद्रा हिल्स और रामगढ़ विषधारी के बाद यह पांचवा बाघ अभयारण्य है।
केंद्रीय पर्यावरण मंत्री भूपेंद्र सिंह ने माइक्रोब्लॉगिंग साइट ‘एक्स’ (पूर्व में ट्विटर) पर पोस्ट किया, ‘‘राजस्थान ने वन्य जीव सरंक्षण में लंबी छलांग लगाई। राज्य में एक और बाघ अभयारण्य की घोषणा कर खुशी हो रही है।’’
उन्होंने कहा, ‘‘ धौलपुर-करौली बाघ अभयारण्य को एनटीसीए ने अंतिम मंजूरी दे दी है। शपथ लें कि इस बहुमूल्य पारिस्थितिकी और इसके शानदार बाघों की हम रक्षा करेंगे।’’
इस बीच, राजस्थान के कुम्भलगढ़ को बाघ अभयारण्य घोषित करने के प्रस्ताव को सैद्धांतिक मंजूरी दे दी गई है।
यादव ने एक अन्य ‘एक्स’ पोस्ट में कहा, ‘‘यह जानकारी साझा करते हुए खुशी हो रही है कुम्भलगढ़ को बाघ अभयारण्य घोषित करने के प्रस्ताव को सैद्धांतिक मंजूरी दे दी गई है। यह राजस्थान में बाघों के उज्जवल भविष्य और जैव विविधता की दिशा में वन्यजीव संरक्षण का अहम कदम है। ’’
उन्होंने कहा कि इस कदम से इकोटूरिज्म के जरिये रोजगार के अवसर को बढ़ावा मिलेगा।
एनसीटीए ने प्रस्ताव को चार अगस्त को मंजूरी दी और मंगलवार को सैद्धांतिक रूप केंद्रीय पर्यावरण, वन एवं जलवायु परिवर्तन मंत्रालय ने मंजूरी दी। प्रस्तावित कुम्भलगढ़ अभयारण्य करीब 2800 वर्ग किलोमीटर में फैला हुआ है।
एनटीसीए सदस्य एवं राजसमंद से सांसद दिया कुमारी ने कहा, ‘‘आज मेवाड़ के लिए ऐतहासिक दिन है और परियोजना को हरी झंडी देने के लिए प्रधानमंत्री नरेन्द्र मोदी जी और केंद्रीय मंत्री भूपेंद्र यादव का आभार व्यक्त करती हूं।’’
उन्होंने कहा, ‘‘ मैंने कई बाधाओं के बावजूद पूरी कोशिश इस परियोजना को जमीन पर लाने के लिए की। मैं खुश हूं कि केंद्र सरकार ने आज इसे सैद्धांतिक मंजूरी दे दी और हमे कुम्भलगढ़ के जल्द बाघ अभ्यारण्य बनने की उम्मीद कर सकते हैं।’’
सरकारी आंकड़ों के मुताबिक देश में 2018 में कुल 2,967 बाघ थे जो 2022 में बढ़कर 3,682 हो गए हैं। इस प्रकार बाघों की संख्या में सालाना छह प्रतिशत की वृद्धि हुई है।
राजस्थान में बाघों की संख्या 2006 के 22 से बढ़कर 2022 में 88 हो गई है।
भाषा धीरज माधव
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