मंगलुरु (कर्नाटक), 30 अगस्त (भाषा) पिछले दो दशकों में धर्मस्थल में बलात्कार, हत्या और शवों को दफनाने की कई घटनाओं के आरोपों की जांच कर रहा विशेष जांच दल (एसआईटी) शनिवार को गिरफ्तार गवाह-शिकायतकर्ता चिन्नैया को निशानदेही के लिए अज्ञात स्थानों पर ले गया। पुलिस सूत्रों ने यह जानकारी दी।
जिला पुलिस के सूत्रों के अनुसार, चिन्नैया को बेंगलुरु ले जाया जा रहा है, जहां उसे कथित तौर पर मानव खोपड़ी मिली थी। एसआईटी टीम सुबह करीब छह बजे कड़ी सुरक्षा के बीच उसे उन स्थानों की निशानदेही के लिए ले गई जिनका उसने अपने बयानों में कथित रूप से जिक्र किया था।
अधिकारियों ने बताया कि इस दौरान उन्होंने दस्तावेज भी ज़ब्त किए।
हालांकि, चिन्नैया को किन-किन स्थानों पर ले जाया गया है, इस बारे में अभी तक कोई आधिकारिक बयान नहीं आया है।
जांच से जुड़े एक सूत्र ने कहा, ‘‘सुरक्षा कारणों से यह प्रक्रिया तड़के की गई। जिन स्थानों का दौरा किया गया और जो दस्तावेज़ हासिल किए गए, उनका विवरण इस समय नहीं बताया जा सकता।’’
शिकायतकर्ता ने दावा किया था कि उसने धर्मस्थल में पिछले वर्षों के दौरान कई शवों को दफनाया, जिनमें यौन उत्पीड़न वाली महिलाओं के शव भी शामिल थे। इस दावे के बाद विवाद खड़ा हो गया।
बाद में इस शिकायतकर्ता की पहचान सी एन चिन्नैया के रूप में हुई और उसे झूठी गवाही के आरोप में गिरफ्तार किया गया।
भाजपा ने मामले में मंदिर को निशाना बनाने का विरोध किया था।
उपमुख्यमंत्री डी के शिवकुमार ने शिकायत झूठी होने पर कार्रवाई की चेतावनी दी थी।
मंदिर के धर्माधिकारी वीरेंद्र हेगड़े ने भी एसआईटी के गठन का स्वागत किया था।
भाषा इन्दु
राजकुमार नेत्रपाल
नेत्रपाल
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