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Thursday, 21 November, 2024
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धारावी मेकओवर, बुलेट ट्रेन परियोजना फिर शुरू-मुंबई में अटके प्रोजेक्ट्स के लिए 2022 एक अच्छा साल रहा

2015 में स्वीकृत मोदी की पसंदीदा मुंबई-अहमदाबाद बुलेट ट्रेन परियोजना और 15 सालों से अधर में लटकी धारावी पुनर्विकास योजना समेत तमाम बड़े प्रोजेक्ट को 2022 में गति मिली.

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मुंबई: पिछले करीब एक दशक से भी अधिक समय से मुंबई में तमाम तरह के निर्माण कार्य जारी हैं, शहर में कई बड़ी परियोजनाएं निर्माणाधीन हैं. हालांकि, यह अभी पूरी नहीं हो पाई हैं, लेकिन इन परियोजनाओं ने 2020 और 2021 जब कोविड-19 के कारण निर्माण कार्य बाधित थे, उस समय की तुलना में 2022 में महत्वपूर्ण प्रगति की है.

दिप्रिंट आपको यहां ऐसी पांच बड़ी परियोजनाओं के बारे में बता रहा है जिन्होंने 2022 में गति पकड़ी है.

दो नई मेट्रो लाइनें 2ए और 7

इस साल अप्रैल में तत्कालीन मुख्यमंत्री उद्धव ठाकरे ने पश्चिमी उपनगरों में दो मेट्रो लाइनों 2ए (दहिसर से अंधेरी वेस्ट डीएन नगर) और 7 (दहिसर ईस्ट से अंधेरी ईस्ट) के पहले चरण को हरी झंडी दिखाई थी.

महानगर में सभी एलिवेटेड मेट्रो प्रोजेक्ट के लिए नोडल एजेंसी मुंबई मेट्रोपॉलिटन रीजन डेवलपमेंट अथॉरिटी (एमएमआरडीए) के मुताबिक, जनवरी 2023 में यह मेट्रो लाइनें पूरी तरह चालू हो जाएंगी.

इसके साथ, 2014 में पहली मेट्रो लाइन मुंबई मेट्रो वन शुरू होने के करीब नौ साल बाद इस नेटवर्क में दो नई लाइनें जुड़ेने जा रही हैं.


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मेट्रो-3 के लिए सुरंग बनाने का काम पूरा

मुंबई मेट्रो की सबसे विवादास्पद लाइन मानी जाने वाली अंडरग्राउंड मेट्रो-3 को भी इस साल अच्छी गति मिली.

इस 33.5 किलोमीटर लंबी लाइन के लिए सुरंग बनाने का चुनौतीपूर्ण कार्य इस माह के शुरू में 100 फीसदी पूरा हो चुका था और लगभग उसी समय सुप्रीम कोर्ट ने भी आरे में मेट्रो कार शेड के लिए डेक बनाने को मंजूरी दे दी थी, जो राज्य में करीब आधे दशक से अधिक समय तक एक अहम राजनीतिक विवाद रहा है.

इस तरह प्रमुख बाधाएं दूर होने के साथ मुंबई मेट्रो रेल कॉरपोरेशन (एमएमआरसी) को उम्मीद है कि 2023 के अंत तक मेट्रो-3 का पहला चरण ऑपरेशनल हो जाएगा.


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महाराष्ट्र समृद्धि महामार्ग

प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने गत 11 दिसंबर को मुंबई-नागपुर समृद्धि एक्सप्रेसवे के पहले चरण का उद्घाटन किया. नागपुर से शिरडी तक के इस एक्सप्रेस-वे का काम कोविड-19 के कारण दो साल से अधिक समय तक अटका रहा था.

यह एक्सप्रेसवे महाराष्ट्र के उपमुख्यमंत्री देवेंद्र फडणवीस का पसंदीदा प्रोजेक्ट है, जिसकी घोषणा उन्होंने पहली बार 2015 में तब की थी जब वह राज्य के मुख्यमंत्री थे.

इस परियोजना का दारोमदार संभाल रहे महाराष्ट्र राज्य सड़क विकास निगम लिमिटेड (एमएसआरडीसी) को उम्मीद है कि मुंबई से शिरडी तक एक्सप्रेस-वे निर्माण का अंतिम चरण 2023 के मध्य तक पूरा हो जाएगा. मुंबई-पुणे एक्सप्रेस-वे के बाद 701 किलोमीटर लंबा राजमार्ग राज्य का दूसरा प्रमुख एक्सप्रेस-वे होगा.


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मुंबई-अहमदाबाद हाई स्पीड रेल कॉरिडोर

भारत की पहली हाई-स्पीड रेल परियोजना मुंबई-अहमदाबाद बुलेट ट्रेन परियोजना को 2015 में मंजूरी दी गई थी और यह प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी का एक पसंदीदा प्रोजेक्ट है. 508 किलोमीटर दूरी को कवर करने वाली इस परियोजना का अधिकांश हिस्सा गुजरात में है.

महाराष्ट्र में इस परियोजना पर अमल की जिम्मेदारी नेशनल हाई-स्पीड रेल कॉर्पोरेशन लिमिटेड (एनएचएसआरसीएल) के पास है जो बांद्रा कुर्ला कॉम्प्लेक्स (बीकेसी) और ठाणे, वसई और बोईसर में स्टेशनों का विकास कर रही है.

हालांकि, राज्य में इस परियोजना के लिए भूमि अधिग्रहण टेढ़ी खीर साबित हुआ और इसकी वजह से इसमें काफी देरी हुई.

भारतीय जनता पार्टी (भाजपा) और शिवसेना के एकनाथ शिंदे खेमे वाली मौजूदा महाराष्ट्र सरकार के सत्ता में आने के दो माह के भीतर ही भूमि अधिग्रहण और अन्य तरह की स्वीकृतियों में काफी तेजी आई. इसके साथ ही 98 प्रतिशत से अधिक भूमि का अधिग्रहण का काम पूरा हो गया.

बांद्रा कुर्ला कॉम्प्लेक्स (बीकेसी) स्टेशन के लिए वित्तीय बोलियां 29 दिसंबर को खोली गई.


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धारावी पुनर्विकास परियोजना

करीब दो दशकों तक अटकी रहने और 2004 में शुरू होने से लेकर निविदा के स्तर पर कई प्रयास नाकाम होने के बाद अब धारावी पुनर्विकास परियोजना सिरे चढ़ती दिख रही है. एकनाथ शिंदे के नेतृत्व वाली सरकार ने इसी साल सितंबर में धारावी पुनर्विकास परियोजना के लिए नई वैश्विक बोलियों को मंजूरी दी.

नवंबर में, अडानी समूह 259 हेक्टेयर की इस परियोजना के लिए सबसे अधिक बोली लगाने वाले के तौर पर उभरा. अडानी रियल्टी ने एशिया का सबसे बड़ा स्लम क्लस्टर धारावी के पुनर्विकास के लिए 5,000 करोड़ रुपये से अधिक की वित्तीय बोली लगाई है.

(अनुवादः रावी द्विवेदी | संपादनः फाल्गुनी शर्मा)

(इस खबर को अंग्रेज़ी में पढ़ने के लिए यहां क्लिक करें)


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