नई दिल्ली: ऑनलाइन स्मार्टफोन खरीदने से जुड़े आंकड़े बताते हैं कि भारतीयों ने इस वर्ष अक्टूबर में 17 लाख अधिक चीनी डिवाइस खरीदीं. यह हाल तब है जब वास्तविक नियंत्रण रेखा पर भारत-चीन का गतिरोध जारी रहने और सरकार की तरफ से 200 से ज्यादा चीनी एप को प्रतिबंधित किए जाने के बीच चीनी उत्पादों के बहिष्कार और ‘आत्मनिर्भर भारत’ को समर्थन करने का अभियान भी चल रहा था.
ऑनलाइन और ऑफलाइन दोनों तरह की बिक्री पर नजर रखने वाली टेक मार्केट एनालिस्ट फर्म आईडीसी ने कहा, ‘..भारत के स्मार्टफोन बाजार ने सालाना आधार पर अक्टूबर में 42% की भारी-भरकम वृद्धि दर्ज की, इस दौरान 2.1 करोड़ यूनिटों की शिपिंग हुई. यह वृद्धि कई ऑनलाइन सेल फेस्टिवल और इस साल की तीसरी तिमाही में मांग बढ़ना जारी रहने के कारण हुई.’
एक अग्रणी स्मार्टफोन बाजार विश्लेषक फर्म के एक कार्यकारी ने नाम न देने की शर्त पर ये अनुमान साझा किए कि अक्टूबर 2019 और अक्टूबर 2020 के दौरान भारत में शीर्ष पांच मोबाइल कंपनियों के कितने फोन ऑनलाइन बिके.
इनमें से चार चीनी हैं- जियोमी, वीवो, रीयलमी और ओप्पो.
अक्टूबर 2019 में इन चीनी ब्रांड ने अनुमानित तौर पर 46.07 लाख स्मार्टफोन बेचे थे. ठीक एक साल बाद इसी अवधि की बात करें तो बिक्री लगभग 17 लाख बढ़कर 63.01 लाख स्मार्टफोन पर पहुंच गई.
इस संख्या का अनुमान स्मार्टफोन बाजार विश्लेषक द्वारा साझा किए गए आंकड़ों के आधार पर लगाया गया है.
आंकड़े बताते हैं कि चीनी सैनिकों के साथ टकराव के दौरान 20 भारतीय सैनिकों के शहीद होने के बाद जून में चीनी उत्पादों के बहिष्कार के आह्वान ने उपभोक्ता रुझान को प्रभावित नहीं किया है. बहिष्कार का समर्थन करने वालों में केंद्रीय उपभोक्ता मामलों के मंत्री रामविलास पासवान भी शामिल थे. जून में सरकार ने पहले चरण में कुछ चीनी ऐप पर पाबंदी लगाई थी और बाद के महीनों में उनकी संख्या बढ़ती रही.
जैसा कि स्पष्ट है अक्टूबर में त्योहारी सीजन के बीच अमेजन और फ्लिपकार्ट की तरफ से दो अहम और बहुप्रचारित ऑनलाइन सेल भी चली थीं.
अमेजन ने जहां 16 अक्टूबर से 13 नवंबर तक अपनी ‘ग्रेट इंडियन फेस्टिवल सेल‘ आयोजित की, वहीं 70 प्रतिशत तक की छूट देते हुए फ्लिपकार्ट ने 16 से 21 अक्टूबर तक अपनी बहुचर्चित ‘बिग बिलियन डेज सेल’ का आयोजन किया.
टाइम्स ऑफ इंडिया की एक रिपोर्ट के अनुसार, अमेजन की तरफ से ‘ग्रेट इंडियन फेस्टिवल’ इस साल सबसे ज्यादा लंबे समय तक चलाया गया था. फ्लिपकार्ट ने बताया कि उसने बिक्री के दौरान मोबाइल कैटेगरी में उपभोक्ताओं की संख्या दोगुनी पाई.
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आंकड़े बाजार के ट्रेंड के अनुरूप
टेक मार्केट इंटेलिजेंस फर्म कैनालिस के एक विश्लेषक अद्वैत मर्डीकर ने दिप्रिंट को बताया कि 2019 और 2020 की तीसरी तिमाही के बिक्री आंकड़ों के आधार पर अक्टूबर 2019 और अक्टूबर 2020 के आंकड़े काफी तार्किक लगते हैं.
उन्होंने कहा, यह मानना उचित है कि जून-सितंबर से अक्टूबर आने तक खरीदारी के फैसले के मामले में बहुत ज्यादा कोई बदलाव नहीं हुआ होगा.’
विश्लेषक फर्म आमतौर पर हर तिमाही के लिए सार्वजनिक रूप से स्मार्टफोन शिपमेंट के आंकड़े जारी करती हैं, लेकिन हर महीने बिक्री के आंकड़े नहीं देतीं. कुछ मामलों में, मासिक स्मार्टफोन बिक्री के आंकड़े भुगतान के आधार पर जारी होते हैं जो विश्लेषक फर्म इसके लिए भुगतान करने वाले ग्राहकों को मुहैया कराती हैं.
शिपमेंट और बिक्री के आंकड़े अलग-अलग होते हैं क्योंकि ‘शिपमेंट’ उपकरणों की वह संख्या है जो उपभोक्ताओं को बेचे जाने के लिए इसकी बिक्री करने वाले रिटेल चैनल को भेजी जाती है. बिजनेस इनसाइडर की एक रिपोर्ट के अनुसार, शिप किए गए सारे माल की बिक्री नहीं होती है.
शीर्ष 5 ब्रांड कैसे कंपेयर किए
विश्लेषक फर्म आईडीसी, कैनालिस और काउंटरपॉइंट रिसर्च तीनों ही ने अपनी सूची में भारत के शीर्ष पांच ब्रांड के तौर पर जियोमी, सैमसंग, रीयलमी, वीवो और ओप्पो को शामिल किया है, जिनकी देश के स्मार्टफोन बाजार में कुल हिस्सेदारी 88 से 94 प्रतिशत के बीच है.
तीनों फर्म के ताजा आंकड़ों के मुताबिक, इनमें से चार चीनी ब्रांड जियोमी, रीयलमी, वीवो और ओप्पो का मार्केट शेयर 69 से 73 फीसदी है.
हालांकि, प्रत्येक ब्रांड का अनुमानित मार्केट शेयर का आंकड़ा हर फर्म के विश्लेषण से थोड़ा-बहुत अलग है.
उदाहरण के तौर पर कैनालिस का कहना है कि जियोमी 2020 की तीसरी तिमाही में 26.1 प्रतिशत मार्केट शेयर के साथ शीर्ष पर रहा है. इसके बाद 20.4% के साथ सैमसंग दूसरे नंबर पर रहा.
काउंटरपॉइंट रिसर्च, हालांकि, सैमसंग को इस साल तीसरी तिमाही में शीर्ष ब्रांड के रूप में दिखाता है, जिसका मार्केट शेयर 24 प्रतिशत है, इसके बाद जियोमी 23 प्रतिशत पर रहा.
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