scorecardresearch
शुक्रवार, 18 अप्रैल, 2025
होमदेशपुलिस अधिकारियों के तबादले के लिये 'अनाधिकारिक सूची' भेजते थे देशमुख: कुंते

पुलिस अधिकारियों के तबादले के लिये ‘अनाधिकारिक सूची’ भेजते थे देशमुख: कुंते

Text Size:

मुंबई, तीन फरवरी (भाषा) महाराष्ट्र के गृह विभाग के पूर्व अतिरिक्त मुख्य सचिव (एसीएस) सीताराम कुंते ने प्रवर्तन निदेशालय (ईडी) को बताया है कि राज्य के तत्कालीन गृह मंत्री अनिल देशमुख अक्सर उन्हें पुलिस अधिकारियों के स्थानांतरण के लिये एक ”अनाधिकारिक सूची” सौंपते थे, और क्योंकि वह उनके अधीन काम करते थे, इसलिये सूची को स्वीकार करने से इंकार नहीं कर पाते थे।

आईएएस अधिकारी ने कहा कि ”अनाधिकारिक सूची” में उल्लिखित अधिकांश नाम अंतिम स्थानांतरण आदेश में भी शामिल रहते थे।

जुलाई 2020 में मुंबई में 10 डीसीपी के स्थानांतरण आदेश को रद्द करने पर कुंते ने कहा कि मुख्यमंत्री (उद्धव ठाकरे) ने उन्हें मामले पर यथास्थिति बनाए रखने के लिए इस बारे में मुंबई के तत्कालीन पुलिस आयुक्त (परम बीर सिंह) को इसकी जानकारी देने के लिये कहा था।

कुंते ने ये खुलासे ईडी को दिए बयान में किए। यह बयान पिछले साल दिसंबर में यहां की एक अदालत में देशमुख से जुड़े धनशोधन मामले में ईडी द्वारा दायर पूरक आरोपपत्र का हिस्सा है। आरोप पत्र में देशमुख के अलावा उनके दो बेटों हृषिकेश व सलिल और नौ अन्य के नाम का उल्लेख है।

ईडी ने जब कुंते से ”अनाधिकारिक सूची” प्राप्त करने के बारे में पूछा तो उन्होंने कहा कि देशमुख अक्सर कुछ पुलिस अधिकारियों / कुछ पदों के संबंध में सुझाव देने वाली ऐसी सूची सौंपते थे।

उन्होंने कहा, ”देशमुख के उक्त सुझाव पीईबी (पुलिस स्थापना बोर्ड) के सभी सदस्यों को दिखाए जाते थे और मैं मौखिक रूप से बताता था कि ये सिफारिशें/सुझाव देशमुख से प्राप्त हुए हैं।”

उन्होंने कहा कि आमतौर पर देशमुख द्वारा अनाधिकारिक सूची के रूप में दिए गए अधिकांश सुझावों/सिफारिशों को अंतिम आदेश में शामिल किया जाता था।

कुंते ने कहा कि देशमुख के अधीन काम करने के कारण वह अनाधिकारिक सूची को स्वीकार करने से इंकार नहीं कर पाते थे।

जुलाई, 2020 में तत्कालीन मुंबई पुलिस प्रमुख द्वारा जारी किए गए 10 डीसीपी के स्थानांतरण आदेश को रद्द करने पर एक सवाल के जवाब में, कुंते ने कहा, ”मुझे मुख्यमंत्री से टेलीफोन पर निर्देश मिला था कि उन्हें तबादलों और तैनाती के संबंध में कुछ शिकायतें मिली हैं। उन्होंने (मुख्यमंत्री) मुझसे कहा कि मैं पुलिस आयुक्त को यथास्थिति बनाए रखने के लिए कहूं और पुलिस आयुक्त को इस मामले से अवगत कराऊं। इसके बाद, मैंने मुंबई पुलिस आयुक्त को टेलीफोन पर बातचीत/व्हाट्सएप संदेश के माध्यम से इसकी सूचना दी।”

उन्होंने कहा, ”मुझे न तो शिकायतों की सही प्रकृति के बारे में पता है और न ही इस मामले में आगे किसी घटनाक्रम की जानकारी है।”

देशमुख धनशोधन मामले में गिरफ्तारी के बाद से न्यायिक हिरासत में हैं। प्रवर्तन निदेशालय इस मामले की जांच कर रहा है।

मुंबई के पूर्व पुलिस आयुक्त परमबीर सिंह ने देशमुख और अन्य के खिलाफ भ्रष्टाचार के आरोप लगाए थे, जिसके बाद सीबीआई ने उनके खिलाफ मामले दर्ज किया था। सीबीआई द्वारा मामला दर्ज किये जाने के बाद प्रवर्तन निदेशालय ने देशमुख व अन्य के खिलाफ धनशोधन का मामला दर्ज किया था।

देशमुख ने पिछले साल अप्रैल में महाराष्ट्र के गृह मंत्री के पद से इस्तीफा दे दिया था।

भाषा जोहेब उमा

उमा

यह खबर ‘भाषा’ न्यूज़ एजेंसी से ‘ऑटो-फीड’ द्वारा ली गई है. इसके कंटेट के लिए दिप्रिंट जिम्मेदार नहीं है.

share & View comments