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Monday, 6 May, 2024
होमदेशकोटा में बच्चों को खो चुके माता-पिता से मिले स्पीकर बिरला और डिप्टी सीएम, पायलट बोले- जवाबदेही तय होनी चाहिए

कोटा में बच्चों को खो चुके माता-पिता से मिले स्पीकर बिरला और डिप्टी सीएम, पायलट बोले- जवाबदेही तय होनी चाहिए

पिछले दिनों राष्ट्रीय बाल अधिकार संरक्षण आयोग को अस्पताल की जांच के दौरान काफी कमियां मिली थी.अस्पताल में जहां दरवाजे नहीं थें वहीं सूअर भी घूम रहे थे.

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नई दिल्ली: राजस्थान के कोटा के जेके लोन सरकारी अस्पताल में बच्चों के मौत का सिलसिला जारी है. 35 दिनों में 107 मासूम बच्चे दम तोड़ चुके है. वहीं राजस्थान के बूंदी में भी एक महीने के भीतर दस बच्चों की मौत की खबर आ रही है. कोटा के अस्पताल में शनिवार सुबह भी एक और नवजात ने दम तोड़ दिया. बच्चों की लगातार हो रही मौत के कारण की जांच के लिए केंद्रीय स्वास्थ्य मंत्रालय की एक विशेष टीम अस्पताल जायजा लेने पहुंची. इस टीम में जोधपुर एम्स के विशेषज्ञ डॉक्टरों के अलावा स्वास्थ्य व वित्त निदेशक और जयपुर के विशेषज्ञ भी शामिल है. टीम ने अस्पताल के डॉक्टरों से चर्चा के बाद वहां की स्थिति का जायजा भी लिया. शुक्रवार को भी यहां दो ब​च्चियों की मौत हुई थी.

बच्चों की मौत का आंकड़ा सौ से ऊपर जाने पर शनिवार सुबह कोटा के सांसद और लोकसभा अध्यक्ष ओम बिरला कोटा और आसपास के क्षेत्रों में अस्पताल में जान गंवाने वाले बच्चों के परिजनों से मिलने पहुंचे. पीड़ित परिवारों को हरसंभव मदद का आश्वासन दिया. स्पीकर ओम बिरला ने कहा, ‘जे. के. लोन अस्पताल में मरने वाले शिशुओं के कुछ परिवारों से मिला हूं. दुख की इस घड़ी में हम इन परिवारों के साथ खड़े हैं. मैंने राजस्थान के सीएम को दो बार पत्र लिखकर चिकित्सा सुविधाओं को बेहतर बनाने के सुझाव भी दिए हैं.’

हमारी जिम्मेदारी

इधर,कांग्रेस अध्यक्ष सोनिया गांधी की रिपोर्ट तलब करने के बाद दोपहर में राज्य के उपमुख्यमंत्री सचिन पायलट भी कोटा पहुंचे. पायलट भी इलाज के दौरान अस्पताल में मरे बच्चों के घर पहुंचे तथा परिजनों से मुलाकात की. उन्होंने कहा,’ मुझे लगता है कि इस पर हमारी प्रतिक्रिया अधिक संवेदनशील हो सकती थी. 13 महीने तक सत्ता में रहने के बाद पिछली सरकार को दोष देने का कोई मतलब नहीं रह जाता है. अब जिम्मेदारी हमारी है. इस मामले में जवाबदेही तय होनी चाहिए.’

इसके पूर्व राज्य के स्वास्थ्य मंत्री रघु शर्मा ने भी अस्पताल का दौरा किया था. उन्होंने पूर्व सीएम वसुंधरा राजे का नाम लिए बिना भाजपा सरकार को अस्पतालों की दुर्दशा के लिए जिम्मेदार ठहराया था.

इस मामले में राज्य सरकार द्वारा गठित की गई जांच समिति की रिपोर्ट के अनुसार, नवजात बच्चों की मौत का कारण हाइपोथर्मिया बताया गया है. इसके अलावा अस्पताल में व्यवस्था और उपकरणों की कमी भी बताई गई है.

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पिछले दिनों राष्ट्रीय बाल अधिकार संरक्षण आयोग को अस्पताल की जांच के दौरान काफी कमियां मिली थी.अस्पताल में जहां दरवाजे नहीं थें वहीं सूअर भी घूम रहे थे. हॉस्पिटल में कई सुविधाओं का अभाव भी था. इसे लेकर आयोग ने शिक्षा व स्वास्थ्य सचिव को नोटिस भी जारी किया था लेकिन उन्होंने कोई जवाब नहीं दिया. इसके बाद आयोग ने सख्ती दिखाते हुए जिले के मुख्य चिकित्साधिकारी को 7 जनवरी तक सभी दस्तावेंजों के साथ उपलब्ध होने का आदेश भी दिया.

बच्चों की मौत और राजनीति

इधर, बच्चों की मौत को लेकर राजनीति भी शुरू हो गई है. बसपा प्रमुख मायावती ने कांग्रेस सरकार पर निशाना साधा है. मायावती ने ट्वीट कर कहा कि राजस्थान के कोटा में लगभग 105 मासूम बच्चों की हुई मौत अति चिन्ताजनक है, लेकिन इसको लेकर वहां की कांग्रेस सरकार बिल्कुल भी संवेदनशील नजर नहीं आती है. ऐसे में अच्छा होता कि इस मामले में, लोकतान्त्रिक संस्थाएं आगे आकर, अपनी संवैधानिक जिम्मेदारी को निभातीं.

मायावती ने एक अन्य ट्वीट में कहा कि प्रदेश के गोरखपुर में हुई बच्चों की दर्दनाक मौत से सबक सीखकर अब यहां की सरकार को भी अपने अस्पतालों की देखरेख के लिए सतर्क रहना चाहिये, वरना इनकी भी फजीहत राजस्थान की तरह होने में देर नहीं लगेगी. शुक्रवार को भी मायावती ने कोटा में हुई बच्चों की मौत पर कांग्रेस नेतृत्व पर निशाना साधा था.

मायावती को प्रियंका को जवाब

कोटा  मामले में कांग्रेस महासचिव प्रियंका गांधी ने बसपा प्रमुख के बयान पर कहा, ‘उनको निकलना चाहिए, उनको भी पीड़ितों से मिलने जाना चाहिए.’

प्रियंका ने कहा,’मैंने इस मामले की जानकारी ​ली है.कांग्रेस की एक टीम इस मामले पर अधिक जानकारी प्राप्त करने के लिए वहां गई है.

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