(फाइल फोटो के साथ)
मुंबई, 24 जुलाई (भाषा) महाराष्ट्र के उपमुख्यमंत्री एकनाथ शिंदे ने ट्रेन विस्फोट मामले में सभी 12 आरोपियों को बरी करने संबंधी मुंबई उच्च न्यायालय के फैसले पर उच्चतम न्यायालय द्वारा रोक लगाए जाने का स्वागत किया।
मुंबई उच्च न्यायालय के न्यायमूर्ति अनिल किलोर और न्यायमूर्ति श्याम चांडक की विशेष पीठ ने 21 जुलाई को यह कहते हुए 12 आरोपियों को बरी कर दिया था कि अभियोजन पक्ष इस मामले को साबित करने में पूरी तरह विफल रहा है और यह ‘‘विश्वास करना कठिन है कि आरोपियों ने इस अपराध को अंजाम दिया है’’।
विशेष अदालत ने इन 12 आरोपियों में से पांच को मृत्युदंड और सात को आजीवन कारावास की सजा सुनाई थी। मौत की सजा पाने वाले एक दोषी की 2021 में मौत हो गई थी।
उच्चतम न्यायालय ने बृहस्पतिवार को 2006 के मुंबई ट्रेन बम विस्फोट मामले में सभी 12 आरोपियों को बरी करने के मुंबई उच्च न्यायालय के फैसले पर रोक लगा दी, लेकिन कहा कि उन्हें जेल वापस जाने की जरूरत नहीं है। शीर्ष अदालत ने मुंबई उच्च न्यायालय के फैसले को मिसाल न मानने का भी निर्देश दिया।
शिंदे ने ‘एक्स’ पर लिखा, ‘‘इस फैसले के लिए उच्चतम न्यायालय का तहे दिल से शुक्रिया। उच्च न्यायालय के फैसले के बाद बिना एक पल भी गंवाए, राज्य सरकार ने तुरंत उच्चतम न्यायालय का दरवाजा खटखटाया। इसके लिए राज्य के मुख्यमंत्री देवेंद्र फडणवीस और संबंधित प्रशासनिक अधिकारियों को हार्दिक बधाई। सरकार का पक्ष रखने वाले सॉलिसिटर जनरल (एसजी) तुषार मेहता को भी बधाई।’’
शिंदे ने कहा, ‘‘राज्य सरकार तब तक चैन से नहीं बैठेगी जब तक दोषियों को कड़ी से कड़ी सजा नहीं मिल जाती।’’
मुंबई की पश्चिमी लाइन पर विभिन्न स्थानों पर 11 जुलाई 2006 को उपनगरीय ट्रेनों में हुए सात विस्फोटों में 180 से अधिक लोग मारे गए थे।
भाषा राजकुमार देवेंद्र
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