जयपुर, 24 जनवरी (भाषा) किसानों के एक समूह ने वाणिज्यिक बैंकों से लिया कर्ज नहीं चुका पाने वाले किसानों की जमीनें नीलाम किए जाने के नोटिस व कार्रवाई के मामले में सोमवार को यहां प्रदर्शन किया। इन किसानों ने राजभवन से राज्य सरकार द्वारा भेजे गए उस विधेयक को मंजूरी देने की मांग की है जिससे पांच एकड़ जमीन पर ऋण लेने पर कुर्की व नीलामी पर रोक लग जाती है।
भारतीय किसान संघ के प्रदेश अध्यक्ष राजाराम मील के नेतृत्व में 11 सदस्यीय प्रतिनिधिमंडल ने राज्य सरकार द्वारा पारित संशोधन विधेयक को मंजूरी देने की मांग को लेकर राजभवन में एक ज्ञापन सौंपा। प्रतिनिधिमंडल ने शहीद स्मारक से राजभवन तक मार्च निकालना चाहा लेकिन पुलिस ने उन्हें रोक दिया। बाद में पुलिस ने प्रतिनिधिमंडल को ज्ञापन सौंपने की अनुमति दी।
उल्लेखनीय है कि राज्य में वाणिज्यिक बैंकों से लिया कर्ज नहीं चुका पाने वाले किसानों की जमीनें नीलाम किए जाने के नोटिस व कार्रवाई को लेकर कुछ किसानों ने गत बृहस्पतिवार को भी जयपुर में प्रदर्शन किया था। उसके बाद मुख्यमंत्री अशोक गहलोत ने कर्ज नहीं चुकाने वाले किसानों की कृषि भूमि को बैंकों द्वारा नीलाम किए जाने से रोकने के निर्देश दिए। इसके साथ उन्होंने कहा था कि राज्य सरकार ने पांच एकड़ तक के कृषि भूमि वाले किसानों की जमीन नीलामी पर रोक का विधेयक विधानसभा में पारित किया जिसे अभी राज्यपाल की अनुमति नहीं मिली है।
राजभवन की ओर से सोमवार को जारी एक आधिकारिक बयान के अनुसार इस तरह का कोई विधेयक स्वीकृति के लिए लंबित नहीं है।
जबकि मुख्यमंत्री कार्यालय ने अपने बयान में कहा कि यह विधेयक राजभवन में विचाराधीन है। मुख्यमंत्री के विशेष अधिकारी लोकेश शर्मा ने एक बयान में कहा, “राजभवन द्वारा मीडिया को सूचित किया गया है कि कृषि भूमि नीलामी के संबंध में व्यावसायिक बैंक रोडा (रिमूवल ऑफ डिफिक्लटीज) कानून में संशोधन का कोई विधेयक राजभवन नहीं आया है। सत्य यह है कि राजस्थान सरकार ने 2 नवंबर 2020 को दीवानी प्रक्रिया संहिता की धारा 60 (1)(बी) के नियम में संशोधन किया था जिससे 5 एकड़ जमीन पर किसान क्रेडिट कार्ड (केसीसी) ऋण लेने पर कुर्क एवं नीलामी पर रोक लग जाती। परन्तु यह बिल अभी तक राजभवन में विचाराधीन है।”
भारतीय किसान यूनियन के प्रदेश अध्यक्ष मील ने कहा, “राजस्थान सरकार द्वारा कृषि भूमि को नीलामी से रोकने के लिए पारित विधेयक जो राज्यपाल महोदय ने अटका रखा है, इस संबंध में संयुक्त किसान मोर्चा ने आज राजस्थान राजभवन का घेराव किया।”
उन्होंने कहा, “राज्यपाल ने किसानों से मुलाकात नहीं की। सचिव तकनीकी पहलुओं की आड़ में किसानों को भ्रमित करने की कोशिश कर रहे हैं। हमारी मांग है कि भूमि की नीलामी को रोकने वाले विधेयक को पारित किया जाए जो पिछले एक साल से राज्यपाल के पास लंबित है।”
उल्लेखनीय है कि किसानों की ऋण अदायगी में असमर्थता के लिए बैंक नोटिस और उनकी कृषि भूमि की नीलामी के मुद्दे पर विपक्ष ने अपने वादे को पूरा नहीं करने के लिए कांग्रेस पर निशाना साधा है।
राज्य में वाणिज्यिक बैंकों द्वारा कर्ज नहीं चुकाने वाले किसानों की कृषि भूमि की नीलामी व नोटिस जारी करने का मुद्दा इन दिनों खासा चर्चा में है। मुख्य विपक्षी भाजपा इसको लेकर राज्य की अशोक गहलोत को घेरने का प्रयास कर रही है।
भाषा पृथ्वी
कुंज बिहारी प्रशांत
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