तिरुवनंतपुरम, 22 अप्रैल (भाषा) केरल सरकार ने मछुआरों के गांव मुथलापोझी में जारी प्रदर्शन की पुन: आलोचना की और आरोप लगाया कि क्षेत्र में जानबूझकर अशांति पैदा करने का प्रयास किया जा रहा है।
तटीय गांव में पिछले कई दिनों से प्रदर्शन हो रहे हैं, जहां मछुआरे और ट्रेड यूनियन रेत के जमाव के कारण नदी के मुहाने पर उत्पन्न अवरोध के समाधान की मांग कर रहे हैं।
श्रम मंत्री वी. शिवनकुट्टी और नागरिक आपूर्ति मंत्री जी. आर. अनिल ने यहां संयुक्त रूप से एक संवाददाता सम्मेलन आयोजित किया जिसमें उन्होंने आरोप लगाया कि कुछ लोग राजनीतिक लाभ के लिए स्थिति का फायदा उठाने की कोशिश कर रहे हैं।
शिवनकुट्टी ने संवाददाता सम्मेलन में स्पष्टक किया कि मुथलापोझी बंदरगाह से जमा रेत को हटाने का निर्णय हाल ही में हुई मंत्रिस्तरीय बैठक के दौरान लिया गया था।
श्रम मंत्री ने कहा कि रेत को हटा दिया जाएगा और यह सुनिश्चित करने के प्रयास किए जा रहे हैं कि क्षेत्र में मछली पकड़ने का काम सुचारू और सुरक्षित तरीके से शुरू हो सके।
मंत्री के कार्यालय के हवाले से बताया गया कि वर्तमान में मुथलापोझी में चार उत्खनन मशीनें, एक ड्रेजर और टिपर लॉरियां की मदद से काम जारी है।
उन्होंने कहा कि यदि रेत नहीं हटाई गई तो पांच पंचायतों पर बाढ़ का खतरा मंडराएगा।
मंत्री ने संवाददाता सम्मेलन में कहा, ‘‘यहां 177 करोड़ रुपये की बंदरगाह विकास परियोजना के लिए केंद्र सरकार की मंजूरी मिल गई है। निविदा प्रक्रिया चल रही है। इन प्रक्रियाओं को आगे बढ़ाने के लिए रेत हटाना भी जरूरी है।’’
भाषा प्रीति रंजन
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