नई दिल्ली: सरकार ने शहर के लगभग 2,700 स्कूलों के वास्ते अलग स्कूल बोर्ड बनाने के लिए शनिवार को मंजूरी दी.
मुख्यमंत्री अरविंद केजरीवाल ने कहा कि शुरुआत में राज्य सरकार के 21-22 सरकारी स्कूलों को दिल्ली स्कूली शिक्षा बोर्ड (डीबीएसई) से संबद्ध किया जाएगा और अगले चार-पांच सालों में सभी स्कूलों को इसके अधीन कर दिया जाएगा.
शहर में दिल्ली सरकार के एक हजार स्कूल हैं और लगभग 1,700 निजी स्कूल हैं. इनमें से ज्यादातर सीबीएसई से मान्यता प्राप्त हैं.
केजरीवाल ने कहा कि नए बोर्ड का एक संचालन मंडल होगा जिसके अध्यक्ष दिल्ली सरकार के शिक्षा मंत्री होंगे. इसके अलावा एक कार्यकारी खंड भी होगा और एक मुख्य कार्यकारी अधिकारी उसके प्रमुख होंगे.
उन्होंने कहा, ‘डीबीएसई का उद्देश्य ऐसी शिक्षा देना होगा जो छात्रों में देशभक्ति और आत्मनिर्भरता का संचार करे.’
केजरीवाल ने आगे कहा, ‘पूरा देश देख रहा है कि बीते छह सालों में दिल्ली की शिक्षा व्यवस्था में क्रांतिकारी बदलाव हुए हैं. इसके लिए हमने हर वर्ष बजट का 25 प्रतिशत शिक्षा के लिए रखना शुरू किया.’
इस दिल्ली बोर्ड ऑफ स्कूल एजुकेशन का मकसद स्टूडेंट्स को अच्छा इंसान बनाना, देशभक्त बनाना और स्टूडेंट्स को रोजगार मांगने के लिए नहीं देने के लिए तैयार करना है. वह बोले कि अब रटने पर नहीं बल्कि सीखने पर जोर होगा.
मुख्यमंत्री ने शिक्षा बोर्ड का एलान करते हुए कहा कि आज जो मैं एलान करने जा रहा हूं उससे न सिर्फ दिल्ली बल्कि देश की शिक्षा व्यवस्था पर भी बहुत गहरा असर पड़ने जा रहा है.
वह बोले ये कोई मामूली शिक्षा बोर्ड नहीं होगा, जैसा दूसरे राज्यों में होता है, बल्कि यह अंतरराष्ट्रीय स्तर का होगा. उन्होंने यह भी कहा कि ऐसा नहीं है कि हमारी सरकार है इसलिए हमने अलग बोर्ड बना लिया है बल्कि हमारा मकसद छात्रों को अतंराष्ट्रीय स्तर पर तैयार करना है.
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