नयी दिल्ली, 28 फरवरी (भाषा) दिल्ली का स्वास्थ्य ढांचा कर्मचारियों, दवाओं और उपकरणों की कमी से जूझ रहा है। यह खुलासा शुक्रवार को विधानसभा में पेश की गई नियंत्रक एवं महालेखा परीक्षक (सीएजी) की रिपोर्ट में किया गया है। रिपोर्ट में पूर्ववर्ती आम आदमी पार्टी सरकार की प्रमुख परियोजना ‘मोहल्ला क्लीनिक’ में आवश्यक सुविधाओं की कमी की भी तस्वीर पेश की गई है।
रिपोर्ट में स्वास्थ्य क्षेत्र के लिए निर्धारित कोष को खर्च न किए जाने का भी जिक्र किया गया है। इसमें कहा गया है कि 74 मोहल्ला क्लीनिक की समीक्षा में पाया गया कि किसी में भी सभी 165 आवश्यक दवाएं उपलब्ध नहीं थीं।
सीएजी रिपोर्ट में मोहल्ला क्लीनिक में पल्स ऑक्सीमीटर, ग्लूकोमीटर, एक्स-रे व्यूअर, थर्मामीटर और ब्लड प्रेशर मॉनिटर जैसे आवश्यक उपकरणों की कमी पर भी प्रकाश डाला गया है।
यह दूसरी सीएजी रिपोर्ट है, जो सदन में पेश की गई है। दिल्ली आबकारी नीति पर एक रिपोर्ट पिछले मंगलवार को विधानसभा में पेश की गई थी। रेखा गुप्ता के नेतृत्व वाली भाजपा सरकार द्वारा पिछली आम आदमी पार्टी सरकार के प्रदर्शन पर 12 रिपोर्ट पेश की जानी हैं।
शहर के स्वास्थ्य ढांचे की स्थिति पर सीएजी की रिपोर्ट में कहा गया है कि अक्टूबर 2022 और मार्च 2023 के बीच मोहल्ला क्लीनिक में जाने वाले लगभग 70 प्रतिशत मरीजों ने डॉक्टर के पास एक मिनट से भी कम समय बिताया।
इसमें पाया गया कि दिल्ली के चार चयनित जिलों में 218 मोहल्ला क्लीनिक में से 41 क्लीनिक चिकित्सकों के इस्तीफा देने, नौकरी छोड़ने या लंबी छुट्टी पर रहने के कारण 15 दिनों से लेकर लगभग दो साल तक की अवधि के लिए बंद रहे।
वर्ष 2016-17 से 2020-21 की अवधि वाली रिपोर्ट में कहा गया है कि 31 मार्च 2017 तक 1,000 मोहल्ला क्लीनिक खोलने के लक्ष्य के मुकाबले 31 मार्च, 2023 तक केवल 523 ही शुरू हो पाए।
रिपोर्ट में कहा गया है कि स्थायी विशेषज्ञ डॉक्टरों की कमी के कारण अस्पतालों में आपातकालीन सेवाएं प्रभावित हो रही हैं। साथ ही सार्वजनिक स्वास्थ्य सेवाओं में गंभीर कमियां हैं, जिसका असर मरीजों और चिकित्सा पेशेवरों दोनों पर पड़ रहा है।
रिपोर्ट में ऐसे मामलों का भी उल्लेख किया गया है, जहां पड़ताल किए गए अस्पतालों में मानव संसाधन की कमी के कारण ऑपरेशन थियेटर का उपयोग नहीं किया जा रहा था। इसके अलावा, इन अस्पतालों में सर्जरी के लिए औसत प्रतीक्षा समय एक से 10 महीने तक था।
इसी तरह, प्रदर्शन ऑडिट रिपोर्ट में गहन चिकित्सा इकाई (आईसीयू) सेवाओं में भी कमी पाई गई। लोक नायक अस्पताल (एलएनएच) के मेडिसिन विभाग के आईसीयू में मार्च 2020 तक 12 में से पांच ईसीजी मशीनें काम नहीं कर रही थीं। रिपोर्ट में कहा गया है कि जुलाई 2020 में एक मशीन गायब हो गई और फरवरी 2021 में मामला दर्ज कराया गया।
इसमें स्वास्थ्य एवं परिवार कल्याण विभाग में नर्सिंग कर्मियों की 21 प्रतिशत कमी तथा प्रमुख अस्पतालों में डॉक्टरों, नर्सों और पैरामेडिकल कर्मियों की ‘‘भारी’’ कमी की बात कही गई है।
भाषा शफीक दिलीप
दिलीप
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