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Friday, 1 November, 2024
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मणिपुर सरकार ने स्वाति मालीवाल को दौरा टालने को कहा, वह बोलीं- एक एक्टिविस्ट के तौर पर जा रही हूं

दिल्ली महिला आयोग की प्रमुख मालीवाल ने कहा कि मणिपुर सरकार ने मुझसे राज्य की कानून-व्यवस्था अच्छी न होने से मुझे वहां जाने से रोका है, लेकिन मैंने जाने का फैसला किया है.

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नई दिल्ली : दिल्ली महिला आयोग (डीसीडब्ल्यू) की प्रमुख, स्वाति मालीवाल ने रविवार को दावा किया कि मणिपुर सरकार ने उन्हें हिंसा प्रभावित राज्य की यात्रा टालने कहा है, लेकिन उन्होंने काफी विचार के बाद वहां जाने का फैसला किया है. उन्होंने कहा कि वह यौन हिंसा पीड़ितों से मिलना चाहती हैं और उनकी मदद करना चाहती हैं. उन्होंने सोशल मीडिया पर कुछ दिनों पहले दो महिलाओं को नंगा घुमाने का वीडियो सामने आने के बाद राज्य का दौरा करने के लिए वहां की सरकार को पत्र लिखा था.

स्वाति मालीवाल ने कहा, “उन्होंने वहां की सरकार से मणिपुर आने की गुजारिश की थी, पहले तो सरकार ने आने को कहा था लेकिन अब अचानक रोक रही है, लेकिन उन्होंने वहां जाने का फैसला किया है.”

डीसीडब्ल्यू प्रमुख स्वाति मालीवाल ने कहा, “अगर इस तरह के मामले राजस्थान और बंगाल से आते हैं तो मैं वहां का भी दौरा करूंगी.”

डीसीडब्ल्यू की चेयरपर्सन ने दावा किया कि सरकार ने राज्य में कानून व्यवस्था की स्थिति ‘अच्छी न होने’ की बात कहते हुए उन्हें अपनी यात्रा टालने को कहा है. मालीवाल ने कहा, “मैंने मणिपुर सरकार को पत्र लिखा था कि मैं राज्य में आना चाहती हूं और यौन हिंसा की पीड़ितों से मिलना चाहती हूं. मुझे मणिपुर सरकार का एक पत्र मिला है जिसमें उन्होंने सुझाव दिया है कि मैं अपनी यात्रा टाल दूं क्योंकि राज्य में कानून व्यवस्था की स्थिति अच्छी नहीं है.”

डीसीडब्ल्यू की प्रमुख ने कहा कि उन्होंने मणिपुर जाने का फैसला किया है, और मणिपुर सरकार से अपील की है कि उन्हें न रोके.

मालीवाल ने कहा, “मणिपुर सरकार चाहती है कि मैं अपने फैसले पर फिर से विचार करूं. मैंने इस पर बहुत विचार किया और मैंने मणिपुर जाने का फैसला किया है. मैं राज्य सरकार से अपील कर रही हूं कि वह मुझे न रोके बल्कि वह सुविधा मुहैया कराए ताकि मैं यौन हिंसा पीड़ितों से मिल सकूं और उनकी मदद कर सकूं.”

उन्होंन कहा, “मैं मणिपुर केवल पीड़ितों की मदद करने के लिए जाना चाहती हूं. मैं राज्य सरकार से अपील कर रही हूं कि वह मुझे मणिपुर जाने की इजाजत दे और राहत शिविरों में जाने के लिए व्यवस्था करे जहां पर ये पीड़ित ठहरे हुए हैं.”

उन्होंने कहा, “मैं वहां केवल एक एक्टिविस्ट, एक औरत के तौर पर जा रही हूं. मैं जानती हूं कि वहां जाने में रिस्क है लेकिन हम सभी ने वो वीडियो देखा है जो दिल दहला देने वाला है. मैं मदद करना चाहती हूं और जानना चाहती हूं कि क्या उन लड़कियों को मदद दी गई. मैं सरकार को भरोसा दे सकती हूं कि मैं कोई समस्या नहीं पैदा करूंगी, बस केवल पीड़ितों से मिलूंगी और सरकार की मदद करूंगी. मेरा मणिपुर जाना महत्वपूर्ण है, और मैं जा रही हूं.”

मालीवाल ने यह भी दावा किया कि हिंसा और हमले की घटनाओं की वजह से मणिपुर से बहुत सारी लड़कियां भाग गई हैं और दिल्ली आ गई हैं. उन्होंने कहा, “मैं इन चीजों पर सीएम से बात करना चाहती हूं और मैंने उनसे समय मांगा है.”

मणिपुर के सीएम बीरेन सिंह का हवाला देते हुए मालीवाल ने कहा कि उत्तर-पूर्व राज्य से इस तरह के लगभग 100 मामले सामने आए हैं, जैसा कि मुख्यमंत्री खुद कह रहे हैं.

उन्होने कहा, “यौन हिंसा मामलों के सभी पीड़ितों से मैं मिलना चाहती हूं. मैं देखना चाहती हू क्या सरकार उन तक पहुंची है, और कोई राहत या काउंसलिंग दी गई है.”

इस संबंध में, महिलाओं और लड़कियों के खिलाफ यौन हिंसा की घटनाएं सामने आने के बाद उन्होंने डीजीपी को एक पत्र लिखा था और कहा था कि वह 23 जुलाई को इम्फाल पहुंच जाएंगी व हालत के आकलन के लिए डीजीपी कार्यालय से सहयोग देने की गुजारिश की है.

बृहस्पतिवार को, मालीवाल ने हिंसा के पीड़ितों के लिए न्याय की मांग करते हुए प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी को भी पत्र लिखा, उनसे यह गुजारिश करते हुए कि मणिपुर में हिंसा रोकने के लिए वह अर्जेंट कदम उठाएं और वहां के सभी नागरिकों की गरिमा और सुरक्षा सुनिश्चित करें.


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