नयी दिल्ली, नौ अप्रैल (भाषा) दिल्ली के कानून मंत्री कपिल मिश्रा ने राष्ट्रीय राजधानी में फरवरी 2020 में हुए दंगों के सिलसिले में अपने खिलाफ आगे की जांच के आदेश को बुधवार को दिल्ली की एक अदालत में चुनौती दी।
यह आवेदन विशेष न्यायाधीश कावेरी बावेजा के समक्ष प्रस्तुत किया गया, जो शीघ्र ही मामले की सुनवाई कर सकती हैं।
अदालत आगे की जांच के आदेश के खिलाफ दिल्ली पुलिस द्वारा दायर आवेदन पर भी सुनवाई कर सकती है।
अतिरिक्त मुख्य न्यायिक मजिस्ट्रेट (एसीजेएम) वैभव चौरसिया ने एक अप्रैल को कहा था कि प्रथम दृष्टया यह एक संज्ञेय अपराध है जिसकी जांच की जानी चाहिए।
उन्होंने कहा, ‘‘यह स्पष्ट है कि मिश्रा कथित अपराध के समय इलाके में ही थे। आगे की जांच की आवश्यकता है।’’
एसीजेएम यमुना विहार निवासी मोहम्मद इलियास द्वारा दायर याचिका पर सुनवाई कर रहे थे, जिसमें मिश्रा के खिलाफ प्राथमिकी दर्ज करने का अनुरोध किया गया था। हालांकि, प्राथमिकी दर्ज करने की मांग का विरोध करते हुए दिल्ली पुलिस ने कहा है कि मिश्रा की दंगों में कोई भूमिका नहीं थी।
भाषा शफीक नेत्रपाल
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