नई दिल्ली: दिल्ली-एनसीआर की हवा इन दिनों आपात स्थिति तक पहुंच चुकी है. रविवार को दिल्ली से लेकर उत्तर प्रदेश तक गहरे स्मॉग से ढंका रहा. राजधानी सहित यूपी के भी कई स्कूल पांच नवंबर तक बंद कर दिए गए हैं. विजिबिलिटी इतनी कम है कि हवाई सेवाएं भी प्रभावित रहीं. वायु प्रदूषण के बढ़ते स्तर की वजह से लोगों को सांस लेने से लेकर आंखों में जलन और सांस फूलने तक की काफी परेशानी का सामना करना पड़ रहा है.
रविवार को राजधानी के कई इलाकों में हल्की बारिश भी हुई जिससे संभावना जतायी गई कि प्रदूषण के स्तर में कमी आएगी. मौसम विभाग ने सोमवार और मंगलवार को दिन में तेज हवाएं चलने का पूर्वानुमान लगाया है जिससे धुंध से कुछ राहत मिलने की उम्मीद है.
Delhi receives mild showers, visuals from INA flyover. pic.twitter.com/6fvSTFu4SG
— ANI (@ANI) November 3, 2019
इससे निपटने के लिए दिल्ली सरकार ने 4 नवंबर से राज्य में ऑड-ईवन योजना लागू करने का फैसला किया है. सोमवार से राज्य में यह शुरू हो जाएगी. राज्य के मुख्यमंत्री अरविंद केजरीवाल ने कहा है कि इस कदम से प्रदूषण में काफी कमी आएगी.
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केजरीवाल ने राज्य में बढ़ रहे प्रदूषण के स्तर के लिए हरियाणा और पंजाब में किसानों द्वारा जलाए जा रहे पराली को इसका कारण बताया है. वहीं विपक्षी पार्टियां लगातार केजरीवाल सरकार को घेर रही हैं. ऑड-ईवन नियम के बारे में एम्स के निदेशक डा. रणदीप गुलेरिया का मानना है कि दूषित हवा से सेहत पर पड़ रहे कुप्रभाव का सम विषम स्थायी समाधान नहीं है.
हवाई सेवाएं भी हो रही है बाधित
दिल्ली एयरपोर्ट के तरफ से बयान में कहा गया है कि विज़िबिलिटी कम होने की वजह से अभी तक 32 हवाई जहाजों का रास्ता बदला गया है. एयर इंडिया ने कहा है कि खराब मौसम की वजह से हवाई सेवाएं बाधित हो रही है. 12 हवाई जहाजों को जयपुर, अमृतसर और लखनऊ की तरफ भेजा गया है.
Delhi Airport statement: Due to low visibility at Delhi Airport 32 flights have been diverted. pic.twitter.com/k46FNSaSmv
— ANI (@ANI) November 3, 2019
एक्यूआई खतरे के निशान के ऊपर होने पर, घर से निकलने से बचें
गुलेरिया का कहना है कि अध्ययनों से यह साबित हो चुका है कि एक्यूआई पर खतरनाक स्तर वाली दूषित हवा का संपर्क न सिर्फ श्वसन रोगों का खतरा बढ़ाता है बल्कि हृदय रोगों की भी वजह बनता है. इसलिये इस स्तर पर वायु प्रदूषण दिल से लेकर दिमाग और हड्डियों से लेकर त्वचा तक, संपूर्ण शरीर पर बुरा प्रभाव छोड़ता है. गर्भवती महिलाओं, नवजात शिशुओं, दिल और अस्थमा के रोगियों और बुजुर्गों के लिये यह स्थिति बेहद जोखिम भरी है.
गुलेरिया ने कहा, हर साल दीवाली के बाद एक्यूआई के गंभीर श्रेणी में पहु्ंचने के एक सप्ताह के भीतर एम्स के श्वसन रोग विभाग की ओपीडी में रोगियों की संख्या 15 से 20 प्रतिशत तक बढ़ जाती है. इनमें अधिकतर मरीज खांसी, सांस लेने में दिक्कत और घुटन महसूस करने जैसी व्याधियों से पीड़ित होते हैं. इतना ही नहीं एम्स में पढ़ने के लिये बाहर से आने वाले छात्रों में भी इन दिनों यह समस्या बढ़ जाती है.
इन समस्याओं से निपटने से बचने के उपायों के बारे में उन्होंने बताया, दिल्ली एनसीआर क्षेत्र के लोग, अब एक्यूआई देखकर घर से निकलने का कार्यक्रम बनायें. एक्यूआई खतरे के निशान के ऊपर होने पर, घर से निकलने से बचें. धूप निकलने पर ही घर से बाहर जायें. बच्चे, बुजुर्ग, मरीज और गर्भवती महिलायें इन हिदायतों का सख्ती से पालन करें. कम से कम आपात स्थिति के दौर में सुबह की सैर से बचना मुनासिब होगा. खिलाड़ियों को भी मैदान से इन दिनों दूरी बनाना बेहतर होगा. ऐसे में जॉगिंग और दौड़-धूप, अस्थमा, दिल और दिमाग के दौरे का कारण बन सकती है.
आसपास के कई राज्यों पर प्रदूषण का प्रभाव
प्रदूषण का ये हाल सिर्फ दिल्ली तक ही सीमित नहीं है. आस-पास के सभी राज्यों में इसका प्रभाव देखा जा सकता है. प्रदूषण के बढ़ते स्तर को देखते हुए उत्तर प्रदेश के मुजफ्फरनगर में निर्माण कार्यों पर 5 नवंबर तक रोक लगा दी है. अधिकारियों ने सभी निर्माण कार्यों पर प्रतिबंध लगा दिया है और कागज मिलों तथा ईंट भट्ठों को भी बंद करने का आदेश दिया है.
जिले में शनिवार से ही वायु गुणवत्ता और खराब होते हुए अब ‘बेहद गंभीर’ श्रेणी में पहुंच गई थी. अधिकारियों ने बताया कि निर्माण कार्यों पर प्रतिबंध लगा दिया गया है और कागज की नौ मिलों और 333 ईंट के भट्ठों को भी पांच नवम्बर तक बंद कर दिया गया है.
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मुख्य चिकित्सा अधिकारी डॉ. पी एस मिश्रा ने बताया कि लोग घर के बाहर निकलते समय एहतियात बरतें और मास्क पहनें.
उत्तर प्रदेश के नोएडा में भी 2 दिनों के लिए सभी स्कूलों को बंद कर दिया गया है. जनपद गौतम बुद्ध नगर में वायु प्रदूषण के प्रकोप की वजह से जिलाधिकारी बृजेश नारायण सिंह ने यहां के सरकारी व गैर सरकारी विद्यालयों को दो दिन बंद करने का आदेश दिया है. नर्सरी से कक्षा बारहवीं तक के स्कूलों में छुट्टी की गई है.
Noida: Major pollutants PM 2.5 at 486 and PM 10 at 459 both in 'severe' category in Sector-62, according to the National Air Quality Index (NAQI) data. Sector-125, Sector-1 and Sector-116 also in 'severe' category. pic.twitter.com/6tOPyjarMP
— ANI UP (@ANINewsUP) November 3, 2019
जिला सूचना अधिकारी राकेश चौहान ने बताया कि पीएम 10 व पीएम 2.5 के अधिक पाए जाने की वजह से जनपद गौतम बुद्ध नगर में प्रदूषण की मात्रा ने विकराल रूप धारण कर लिया है. जिलाधिकारी बृजेश नारायण सिंह ने रविवार को जारी एक आदेश के तहत 4 एवं 5 नवंबर को जनपद के समस्त सरकारी व गैर सरकारी विद्यालयों, कक्षा बारहवीं तक के स्कूलों को बंद करने का आदेश जारी किया है.
उन्होंने बताया कि जो भी स्कूल इस आदेश का उल्लंघन करते हुए पाए जाएंगे, उनके खिलाफ सख्त कार्रवाई की जाएगी. उन्होंने बताया कि स्कूल में पढ़ने वाले बच्चों को उनके अभिभावक अपने निजी वाहनों से या बसों से छोड़ने जाते हैं. जिसकी वजह से भी वायु प्रदूषण बढ़ रहा है. दो दिन के लिए स्कूल बंद होने पर ये वाहन नहीं चलेंगे, तथा वायु प्रदूषण में कमी आएगी.
(समाचार एजेंसी भाषा के इनपुट के साथ)