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Friday, 22 November, 2024
होमदेशगैंगस्टर साथी, समर्पित प्रशंसक—ओलंपियन पहलवान सुशील कुमार कैसे गिरफ्तारी से बचने में कामयाब रहे

गैंगस्टर साथी, समर्पित प्रशंसक—ओलंपियन पहलवान सुशील कुमार कैसे गिरफ्तारी से बचने में कामयाब रहे

दिल्ली पुलिस के अनुसार, हत्या के मामले में वांछित दो बार के ओलंपिक पदक विजेता ने अपनी फरारी के पहले दो दिन हरिद्वार के एक आश्रम में काटे थे.

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नई दिल्ली: दिप्रिंट को पता चला है कि पिछले दो सप्ताह से अधिक समय से फरार चल रहे पहलवान सुशील कुमार दिल्ली के बाहरी इलाके में छिपे हो सकते हैं.

दो बार के ओलंपिक पदक विजेता पूर्व जूनियर राष्ट्रीय कुश्ती चैंपियन 23 वर्षीय सागर राणा की हत्या के मामले में वांछित हैं, जिसकी 4 मई को दिल्ली के छत्रसाल स्टेडियम में हत्या कर दी गई थी.

तभी से फरार चल रहे सुशील कुमार पर भारतीय दंड संहिता (आईपीसी) की धारा 302 (हत्या), 365 (अपहरण) और 120-बी (आपराधिक साजिश) के तहत आरोप लगाए गए हैं.

पुलिस के मुताबिक चैंपियन पहलवान ने अपनी फरारी के पहले दो दिन 5 और 6 मई हरिद्वार के एक आश्रम में छिपकर बिताए.

एक वरिष्ठ पुलिस अधिकारी ने कहा, ‘सुशील कुमार दिल्ली से निकलकर हरिद्वार स्थित एक आश्रम में चले गए जहां वह 5 मई की सुबह से 6 मई की रात तक रहे. सुशील कुमार का फोन 6 मई की सुबह पूरी तरह बंद हो गया. फोन बंद करने से पहले वह सिर्फ व्हाट्सएप के जरिए कॉल कर रहे थे.’

अधिकारी ने यह भी कहा कि सुशील के साथ एक करीबी सहयोगी भी गया था, जो हरियाणा के सोनीपत का रहने वाला है.

अधिकारी ने कहा, ‘सुशील कुमार के करीबी भूरा पहलवान ने उसे कार से हरिद्वार के आश्रम पहुंचाया. भूरा पिछले 8-10 वर्षों से उसका ड्राइवर है.’

पुलिस के अनुसार, पहलवान लगातार जगहें बदल रहा है और राष्ट्रीय राजधानी क्षेत्र में और उसके आसपास उसके छह-सात ठिकाने हैं.

एक अन्य वरिष्ठ पुलिस अधिकारी ने कहा, ‘सुशील कुमार हरिद्वार में एक योग गुरु के आश्रम में रहा था. लौटने के बाद से वह हरियाणा-दिल्ली सीमा पर और उसके आसपास ही छिपा हुआ है. हम उसे पकड़ने के लिए एनसीआर क्षेत्र और पड़ोसी राज्यों में छापेमारी कर रहे हैं.’

संपर्क करके यह पूछने पर कि यह आश्रम कौन-सा था, डीसीपी नॉर्थ वेस्ट उषा रंगरानी ने इस मामले पर किसी टिप्पणी से इनकार कर दिया.

पुलिस ने इससे पहले दिल्ली के नजफगढ़ के बपरोला स्थित सुशील कुमार के पैतृक घर, पहलवान को छत्रसाल में मिले सरकारी आवास और रोहिणी, जहां उसके ससुराल वाले रहते हैं, में भी छापेमारी की थी.

दिल्ली पुलिस ने सोमवार को सुशील कुमार की गिरफ्तारी के लिए सूचना देने वाले को एक लाख रुपये इनाम देने की भी घोषणा की. एथलीट के खिलाफ पिछले हफ्ते ही गैरजमानती वारंट जारी किया गया था.


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गैंगस्टर साथी, तकनीकी क्षमता और पहलवान के प्रशंसक बने दीवार

दिल्ली पुलिस ने पहलवान के अब तक गिरफ्तारी से बचने के तीन प्रमुख कारण बताए हैं—तकनीकी तौर पर ज्यादा मजबूत होना, गैंगस्टर सहयोगियों का साथ और बड़ी संख्या में प्रशंसक.

पहले पुलिस अधिकारी ने कहा, ‘सुशील कुमार को गैंगस्टर साथियों की मदद मिलती है और टेक्नोलॉजी के मामले में बहुत मजबूत है. यहां तक कि जब उसका फोन ऑन भी था, तब भी वह स्विच ऑन और ऑफ करता रहता था और बीच-बीच में व्हाट्सएप कॉल करता था. उसे अच्छी तरह पता है कि तकनीक का उपयोग कैसे करना है ताकि पकड़ा न जाए. वह इस मामले में काफी प्रोफेशनल हैं.’

अधिकारी ने कहा, ‘इसके अलावा सुशील के संबंध कई गैंगस्टर से हैं. वे उसे बचाने में पूरी मदद कर रहे हैं.’

अधिकारी ने आगे कहा कि इस क्षेत्र में सुशील कुमार के प्रशंसकों ने भी पुलिस को चकमा देने में काफी मदद की है. अधिकारी ने कहा, ‘एक अंतरराष्ट्रीय पहलवान के रूप में सुशील कुमार के दिल्ली-एनसीआर, हरियाणा और उत्तर प्रदेश में बहुत बड़ी संख्या में प्रशंसक हैं. इस क्षेत्र के अधिकांश पहलवान उन्हें गुरु मानते हैं और खुद का उनका चेला. वे उसे बार-बार ठिकाने बदलने में मदद कर रहे हैं.’

पुलिस अधिकारी ने कहा, ‘यहां की पहलवान बिरादरी सुशील कुमार के प्रति बहुत समर्पित है. वे उसके ठिकाने के बारे में कोई जानकारी नहीं देना चाहते.’


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