नयी दिल्ली: जवाहरलाल नेहरू विश्वविद्यालय (जेएनयू) परिसर में नकाबपोश हमलावरों के प्रवेश और छात्रों सहित 34 लोगों पर हमले की घटना के चार दिन बाद गुरुवार को दिल्ली पुलिस की अपराध शाखा ने कहा कि उसने इस हमले के संबंध में कुछ संदिग्धों की पहचान की है. बता दें कि पांच जनवरी को विश्वविद्यालय परिसर में दो गुटों में जमकर हंगामा हुआ जिसके बाद पुलिस भी वहां पहुंची थी.
पुलिस के एक वरिष्ठ अधिकारी ने कहा कि उन्होंने दो व्हाट्सएप समूहों के कम से कम 70 एडमिन की पहचान की है, जिन समूहों में कथित तौर पर जेएनयू छात्र संघ (जेएनयूएसयू) के सदस्यों पर हमले की योजना बनाई गई थी.
पुलिस के अनुसार, वे रविवार को हमला करने वालों की पहचान करने के बहुत करीब है और कुछ संदिग्धों की पहचान कर ली गई है.
पुलिस ने अब तक विश्वविद्यालय के 100 से अधिक लोगों से बात की है, जिनमें छात्र, शिक्षक, वार्डन और गवाह शामिल हैं.
सच्चाई बाहर आएगी एवं नकाबपोश बेनकाब होंगे
जेएनयू हमले के पीछे छात्र संघ और एबीवीपी के बीच ठनी हुई है वहीं इसका राजनीति करण भी जम कर हुआ है. कांग्रेस पार्टी ने तो इस हमले के पीछे मानव संसाधन विकास मंत्री और गृह मंत्री का हाथ होने का आरोप तक लगाया है जिसपर पलटवार करते हुए भाजपा ने कहा कि यह ‘उल्टा चोर कोतवाल को डांटे’ जैसी बात है. भगवा पार्टी ने कहा कि बार-बार झूठ बोलकर सचाई छिपायी नहीं जा सकती और पुलिस जांच में सब सच्चाई बाहर आएगी एवं नकाबपोश बेनकाब होंगे .
भाजपा के वरिष्ठ नेता एवं केंद्रीय मंत्री प्रकाश जावड़ेकर ने संवाददाताओं से कहा, ‘ कांग्रेस के नेताओं का यह कहना कि जेएनयू में हिंसा सरकार एवं मानव संसाधन विकास मंत्री द्वारा प्रायोजित है…. उल्टा चोर कोतवाल को डांटे जैसा है . ’
उन्होंने आरोप लगाया कि नकाब पहनकर 2 तारीख को और फिर 5 तारीख को भी सर्वर रूम तोड़ा गया. यह जो काम हुआ है, काम करे कोई और शोर करे कोई.
जावड़ेकर ने कहा, ‘ यह उल्टा चोर कोतवाल को डांटे जैसी बात है. यही कांग्रेस की आज प्रेस कांफ्रेंस दर्शाती है.’
गौरतलब है कि कांग्रेस नेता जयराम रमेश ने संवाददाताओं से बातचीत में आरोप लगाया, ‘जेएनयू की घटना के पीछे मानव संसाधन विकास मंत्री और गृह मंत्री दोनों शामिल हैं. यह आधिकारिक रूप से प्रायोजित गुंडागर्दी थी.’
उन्होंने आरोप लगाया कि एक महिला प्राध्यापिका की पिटाई की गई, क्योंकि वो छात्र रजिस्ट्रेशन का कार्यक्रम चला रही है और अनेक वार्डन के घर जाकर उन पर दबाव बनाकर उनसे इस्तीफा लिखवाया जाता है.
भाजपा नेता ने कहा, ‘ ये गुंडागर्दी नहीं है तो क्या है?’
जावड़ेकर ने आरोप लगाया कि छात्र उनकी (छात्र संघ) नहीं सुन रहे थे क्योंकि छात्र वहां पढ़ने के लिए आए थे, इससे चिढ़े हुए आंदोलनकारी नकाब पहन कर सर्वर रूम में जाकर तोड़फोड़ करते हैं, ताकि ये प्रक्रिया रुके और रजिस्ट्रेशन करा रहे छात्रों को पीटा गया.
उन्होंने कहा कि विश्वविद्यालय में सेमेस्टर के लिए रजिस्ट्रेशन की प्रक्रिया 1 जनवरी को शुरू हुई. 1 जनवरी को 1,100 छात्रों ने अपना रजिस्ट्रेशन करवाया, जिसका बहिष्कार करने का आह्वान वाम और कांग्रेस के छात्र संगठनों ने किया था .
(भाषा के इनपुट्स के साथ)