लखनऊ: दिल्ली पुलिस ने 13 दिसंबर को लोकसभा में सुरक्षा चूक मामले में उत्तर प्रदेश के जालौन जिले से 50 वर्षीय एक व्यक्ति को हिरासत में लिया है. दिप्रिंट को मिली जानकारी के मुताबिक उरई के रहने वाले अतुल कुलश्रेष्ठ नाम के इस शख्स के फेसबुक पेज ‘भगत सिंह फैंस क्लब’ के ज़रिए एक अन्य आरोपी से जुड़े होने का संदेह है.
जालौन में पुलिस अधिकारियों ने कुलश्रेष्ठ को “शराबी” और “वामपंथी विचारधारा से प्रभावित” बताया.
जालौन के पुलिस अधीक्षक (एसपी) इराज राजा ने दिप्रिंट को बताया कि कुलश्रेष्ठ को 19 दिसंबर की दोपहर को दिल्ली पुलिस की एक टीम ने हिरासत में लिया था. उन्होंने कहा “वह शराबी है और बेरोजगार है. उसके चार बेटे हैं जो कमा रहे हैं, और (वह) मुख्य रूप से सोशल मीडिया पर सक्रिय है. बताया जा रहा है कि वह कथित तौर पर एक सोशल मीडिया ग्रुप के जरिए संसद सुरक्षा चूक के आरोपियों से जुड़ा था. हमारे पास फिलहाल और कोई विवरण नहीं है,”
इस बीच, कुलश्रेष्ठ के सबसे बड़े बेटे अभिषेक ने हिरासत के कारणों के बारे में ज्यादा कुछ बताए बिना कहा कि पुलिस अधिकारियों की एक टीम ने उनके पिता को मंगलवार दोपहर के आसपास अपने साथ ले जाने के लिए कहा.
उन्होंने पूछा “हम अपने पिता से बात नहीं कर पाए हैं. हमें केवल यह पता चला कि उन्होंने छह महीने पहले फेसबुक पर संसद सुरक्षा चूक के एक आरोपी से बात की थी. हमारे पास और कोई जानकारी नहीं है. पुलिस को कम से कम उनकी संलिप्तता का कोई सबूत तो दिखाना चाहिए. वे बिना सबूत के किसी को कैसे ले जा सकते हैं?”
इस दावे के बारे में पूछे जाने पर कि उनके पिता फेसबुक पर ‘भगत सिंह फैंस क्लब’ पेज के सदस्य थे, अभिषेक ने इस बारे में कोई भी जानकारी होने से इनकार किया और कहा कि उनके पिता ने भगत सिंह की जयंती मनाने के लिए केवल स्थानीय कार्यक्रम आयोजित किए थे. उन्होंने कहा, “कुछ साल पहले उनके पैर में गंभीर चोट लग गई थी, जिसके कारण वह घर पर ही रहते हैं.”
बुधवार को दिल्ली पुलिस ने सुरक्षा चूक की जांच के सिलसिले में कर्नाटक के विद्यागिरि से एक सॉफ्टवेयर इंजीनियर को भी हिरासत में लिया. कथित तौर पर वह उन दो व्यक्तियों में से एक का कॉलेज बैचमेट था, जिन्हें लोकसभा के अंदर धुएं के कैनिस्टर का प्रयोग करके प्रदर्शन करने की कोशिश करते समय पकड़ा गया था.
13 दिसंबर को, दो व्यक्ति लोकसभा की विज़िटर्स गैलरी से सदन के अंदर कूद गए और उन्हें अध्यक्ष की कुर्सी तक पहुंचने की कोशिश करते देखा गया, लेकिन इससे पहले कि वे वहां तक पहुंच पाते उन्हें सांसदों ने पकड़ लिया और पुलिस को सौंप दिया.
वहीं, हरियाणा के जींद की एक महिला समेत दो लोगों को गैस कनिस्टर्स का इस्तेमाल करने और नारे लगाने के आरोप में संसद परिसर से गिरफ्तार किया गया. उनकी गिरफ्तारी के बाद बिहार के एक शिक्षक ललित झा ने आत्मसमर्पण कर दिया, जिसे दिल्ली पुलिस ने मामले में “मास्टरमाइंड” बताया है. वह इस मामले में अब तक गिरफ्तार छह लोगों में से एक है.
(संपादनः शिव पाण्डेय)
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