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Sunday, 22 December, 2024
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दिल्ली पुलिस का दावा, बुली बाई ऐप मामले के मुख्य आरोपी नीरज विश्नोई की मंशा मशहूर होने की थी

पुलिस ने कहा कि अब तक की जांच में 21 वर्षीय बिश्नोई को इन गतिविधियों के लिए किसी और के द्वारा प्रभावित किए जाने का पता नहीं चला है.

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नई दिल्लीः ‘बुली बाई’ ऐप मामले में अब तक की जांच में पता चला है कि इस मामले के मुख्य कर्ताधर्ता नीरज बिश्नोई की मंशा मशहूर होने और अपनी पहचान बनाने की थी. दिल्ली पुलिस ने शुक्रवार को यह बात कही.

पुलिस ने कहा कि अब तक की जांच में 21 वर्षीय बिश्नोई को इन गतिविधियों के लिए किसी और के द्वारा प्रभावित किए जाने का पता नहीं चला है. अधिकारियों ने कहा कि इस तरह के पहले आ चुके ‘सुल्ली डील्स’ मामले में बिश्नोई की संलिप्तता हो सकती है और इस मामले की तफ्तीश की जा रही है.

पुलिस के मुताबक आरोपी छात्र ने पहले ट्विटर पर भी एक अकाउंट बनाया था और एक शिकायतकर्ता की तस्वीर पर अभद्र टिप्पणियां की थीं और उसकी ‘नीलामी’ के संबंध में ट्वीट भी किया था. पुलिस ने शुक्रवार को यह जानकारी दी.

पुलिस के अनुसार इस तरह का एक खाता तब सामने आया जब ‘सुल्ली डील्स’ मामले में जांच चल रही थी. उसने अपने हैंडल के माध्यम से सुल्ली डील ऐप के संभावित निर्माता के संबंध में कुछ फर्जी जानकारी डालने की कोशिश की थी.

दिल्ली पुलिस ने कहा था कि 21 वर्षीय इंजीनियरिंग छात्र बिश्नोई की गिरफ्तारी के साथ उसने गिटहब प्लेटफॉर्म पर बुली बाई ऐप पर ‘नीलामी’ के लिए सैकड़ों मुस्लिम महिलाओं की तस्वीरें डालने से संबंधित मामले को सुलझा लिया है.

एक वरिष्ठ पुलिस अधिकारी ने कहा कि पूछताछ के दौरान पता चला कि बिश्नोई ने पहले ‘गीयू’ नाम के साथ अनेक ट्विटर हैंडल बनाये थे. गीयू वीडियो गेम का एक पात्र है.

पुलिस के अनुसार एक हैंडल दक्षिण पश्चिम दिल्ली में किशनगढ़ थाने में दर्ज एक प्राथमिकी से संबंधित पाया गया. आरोपी ने एक अन्य खाता तीन जनवरी, 2022 को बुली बाई ऐप मामले में मुंबई पुलिस द्वारा की गयी गिरफ्तारियों का मजाक उड़ाने के लिए बनाया.

पुलिस ने बताया कि इसी तरह का एक हैंडल सुल्ली डील्स ऐप मामले में जांच के दौरान सामने आया.

पुलिस उपायुक्त (साइबर) के पी एस मल्होत्रा ने कहा कि मामले में आगे जांच जारी है.

बता दें कि इस मामले में नीरज विश्नोई के अलावा दो छात्रों श्वेता सिंह और मयंक रावल को भी गिरफ्तार किया गया था जिसके बाद स्थानीय अदालत ने उन्हें 10 जनवरी तक के लिए पुलिस हिरासत में भेज दिया गया था. इन दोनों को मुंबई पुलिस ने उत्तराखंड से गिरफ्तार किया था और स्थानीय अदालत में पेश करने के बाद ट्रांजिट रिमांड पर मुंबई लेकर गई. पुलिस का दावा था कि सिंह ने ऐप का ट्टिवर हैंडल बनाया था और वह मामले का मुख्य आरोपी है.

दरअसल, बुली बाई ऐप पर सैकड़ों मुस्लिम महिलाओं की फोटो नीलामी के लिए डाली गई थी और तस्वीरों से छेड़छाड़ भी की गई थी. हालांकि, यह पहली बार नहीं हुआ है इसके पहले सुली बाई ऐप के जरिए भी ऐसा ही करने की कोशिश की गई थी जिस मामले में दिल्ली में एफआईआर दर्ज की गई थी.


यह भी पढेंः बुली बाई मामले में उत्तराखंड से गिरफ्तार दो छात्रों को 10 जनवरी तक पुलिस हिरासत में भेजा गया


 

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