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शनिवार, 3 मई, 2025
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दिल्ली पुलिस ने अवैध आव्रजन गिरोह का भंडाफोड़ किया, पांच भारतीयों समेत 11 लोग गरफ्तार

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नयी दिल्ली, तीन मई (भाषा) दिल्ली पुलिस ने शनिवार को एक ऐसे गिरोह का भंडाफोड़ करने का दावा किया है जो एक दशक से अधिक समय से भारत में घुसपैठियों के अवैध प्रवेश में मदद कर रहा था।

पुलिस ने गिरोह के सरगना सहित छह अवैध बांग्लादेशियों और उनके पांच भारतीय सहयोगियों को गिरफ्तार किया है।

एक शीर्ष पुलिस अधिकारी ने बताया कि गिरोह का संचालन कथित तौर पर चार साल की उम्र में भारत में घुस आया 55 वर्षीय चांद मियां करता था।

उन्होंने बताया कि गिरोह ने पहचान के लिए जाली दस्तावेज भी बनाए थे ताकि अवैध घुसपैठ देश में स्थायी रूप से रह सकें और रोजगार प्राप्त कर सकें।

पुलिस उपायुक्त (दक्षिण-पूर्व) रवि कुमार सिंह ने बताया कि चांद मियां द्वारा दी गई सूचना के आधार पर चेन्नई से 33 और अवैध घुसपैठ को पकड़ा गया। उन्होंने बताया कि स्थानीय पुलिस ने वहां दो प्राथमिकी दर्ज की हैं।

उन्होंने कहा कि नेटवर्क से कथित रूप से जुड़े 100 से अधिक बांग्लादेशी नागरिक और एजेंट अब जांच के दायरे में हैं।

चांद मियां के अलावा गिरफ्तार किए गए अन्य बांग्लादेशी नागरिक असलम (25), मोहम्मद अली हुसैन (28), मोहम्मद मिजान (25), रैडिश मोल्ला (24) और बांग्लादेशी विश्वविद्यालय से अंग्रेजी में एम.ए. कर रही फातिमा अफरोस (32) हैं।

अधिकारी के अनुसार, गिरफ्तार किए गए पांच भारतीय साथियों की पहचान मोहम्मद अनीस (41), रंजन कुमार यादव (32), रहीसुद्दीन अली (37), शब्बीर (28) और लोकमन अली (35) के रूप में हुई है। इन पर कथित तौर पर फर्जी आधार कार्ड, जन्म और जाति प्रमाण पत्र समेत अन्य दस्तावेज तैयार करने का आरोप है।

डीसीपी ने बताया कि पुलिस ने एक गुप्त सूचना के आधार पर 12 मार्च को यहां तैमूर नगर से असलम को गिरफ्तार किया और उससे पूछताछ में पूरे घुसपैठ गिरोह का पर्दाफाश।

उन्होंने बताया कि गिरोह का सूत्रधार चांद मिया था जो चेन्नई में रहता था।

पुलिस ने बताया कि चांद मिया अवैध प्रवेश को सुगम बनाने के लिए मुख्य रूप से पश्चिम बंगाल और मेघालय के रास्ते 20,000-25,000 रुपये लेता था।

डीसीपी ने बताया, ‘मिया अनपढ़ है और चार साल की उम्र में अपने पिता के साथ भारत आया था। शुरू में वह सीमापुरी में एक झुग्गी में रहता था, जहां उसके पिता कूड़ा बीनने का काम करते थे और बाद में तैमूर नगर में रहने चले गए।’ कुछ साल पहले वह चेन्नई चला गया था।

अधिकारी ने कहा, ‘वह अक्सर बांग्लादेश जाता है और हर बार अपने साथ अवैध अप्रवासियों को लाता है। मार्च में उसने असलम को भारत में अवैध प्रवेश कराने में मदद की थी।’

छापेमारी के दौरान पुलिस ने फर्जी दस्तावेजों से बनाए गए 11 आधार कार्ड, बांग्लादेशी पहचान पत्र, चार हार्ड ड्राइव, एक लैपटॉप, एक प्रिंटर, एक बायोमेट्रिक स्कैनर और 19,170 रुपये नकद जब्त किए।

पुलिस ने बताया कि इससे पहले हिरासत में लिए गए 18 बांग्लादेशियों को पहले ही निर्वासित किया जा चुका है।

उन्होंने बताया कि नेटवर्क के अन्य सदस्यों की पहचान करने तथा पूरे भारत में इसके संबंधों की जांच करने के प्रयास जारी हैं।

भाषा

शुभम माधव

माधव

यह खबर ‘भाषा’ न्यूज़ एजेंसी से ‘ऑटो-फीड’ द्वारा ली गई है. इसके कंटेंट के लिए दिप्रिंट जिम्मेदार नहीं है.

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