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मंगलवार, 20 मई, 2025
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दिल्ली पुलिस ने 2017 में बसपा नेता, उनके परिजनों की हत्या के मामले में फरार आरोपी को गिरफ्तार किया

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नयी दिल्ली, 20 मई (भाषा) दिल्ली पुलिस ने बहुजन समाज पार्टी (बसपा) नेता चौधरी मुनव्वर हसन, उनकी पत्नी और चार बच्चों की यहां 2017 में की गई हत्या के मामले में फरार मुख्य आरोपी को गिरफ्तार कर लिया है। अधिकारियों ने मंगलवार को यह जानकारी दी।

उन्होंने बताया कि आरोपी साहिद खान उर्फ ​​बंटी सितंबर 2024 में पैरोल पर जेल से बाहर आने के बाद से फरार था और उसे उत्तरी दिल्ली के पुलिसकर्मियों ने पकड़ लिया।

पुलिस उपायुक्त (उत्तर) राजा बंथिया ने एक बयान में कहा, ‘खान कई हत्याओं का मुख्य साजिशकर्ता था, पैरोल के बाद जेल अधिकारियों के समक्ष आत्मसमर्पण नहीं करने के बाद, सात महीने से अधिक समय से फरार था।’

अधिकारी ने बताया कि पुलिस टीम ने 35 वर्षीय खान को उसके घर के पास से गिरफ्तार किया, जहां वह पैसा लेने आया था।

पुलिस के अनुसार, खान, मुनव्वर हसन का पूर्व व्यापारिक साझेदार था और उसका लक्ष्य बुराड़ी इलाके में हसन की 5-6 करोड़ रुपये की संपत्ति हड़पना था।

पुलिस उपायुक्त (डीसीपी) ने कहा, ‘वर्ष 2017 में, जब हसन बलात्कार के एक मामले में तिहाड़ जेल में बंद था, खान ने हसन के परिवार को कथित तौर पर खत्म करने की साजिश रची थी। 20 अप्रैल 2017 को खान ने भाड़े के हत्यारे की मदद से हसन की पत्नी इशरत और बेटियों आरजू और अर्शी की हत्या कर दी थी।

डीसीपी ने बताया, ‘उनके शवों को उत्तर प्रदेश के मेरठ में एक खेत में दफन कर दिया गया था। दो दिन बाद, 22 अप्रैल को हसन के बेटों आकिब और शाकिब की गला घोंटकर हत्या कर दी गई और उन्हें बुराड़ी में दफन कर दिया था।’

हसन ने जब पाया कि उसके परिवार का कोई भी सदस्य जेल में उससे मिलने नहीं आया है तो उसने अपने परिवार के अचानक गायब हो जाने का हवाला देते हुए जमानत का अनुरोध किया।

बयान में कहा गया है कि खान ने कथित तौर पर हसन की जमानत हासिल करने में मदद की। दो दिन बाद ही 20 मई 2017 को बुराड़ी स्थित उसके आवास के स्नानघर में हसन की गोली मारकर हत्या कर दी गई।

पुलिस जांच से पता चला कि खान ने इस पूरे अपराध की साजिश रची थी, जिसके लिए उसने फिरोज और जुल्फिकार नामक भाड़े के दो हत्यारों को काम पर रखा था। इन तीनों को गिरफ्तार कर तिहाड़ जेल भेज दिया गया। खान वहां हिरासत में रहा, जब तक कि उसे सितंबर 2024 में व्यक्तिगत कारणों के आधार पर पैरोल नहीं मिल गई।

डीसीपी ने बताया, ‘खान को अक्टूबर 2024 में आत्मसमर्पण करना था। लेकिन वह भूमिगत हो गया। गैर-जमानती वारंट जारी किए गए और उसे खोजने के प्रयास किए गए।’

उन्होंने बताया कि मामले की गंभीरता और आरोपी के लंबे समय से फरार होने के कारण जांच ‘स्पेशल स्टाफ’ को सौंपी गई। एक टीम बनाई गई।

खान और उसके साथियों के घरों पर निगरानी रखी गई। गुप्त सूचना के आधार पर पुलिस को पता चला कि खान पैसे लेने के लिए अपनी एक प्रॉपर्टी पर आता-जाता है।

पुलिस ने बताया कि खान को जाल बिछाकर गिरफ्तार कर लिया गया।

भाषा शुभम सुभाष

सुभाष

यह खबर ‘भाषा’ न्यूज़ एजेंसी से ‘ऑटो-फीड’ द्वारा ली गई है. इसके कंटेंट के लिए दिप्रिंट जिम्मेदार नहीं है.

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