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शनिवार, 26 अप्रैल, 2025
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दिल्ली : पुलिस सत्यापन अभियान के बाद पाकिस्तानी हिंदू शरणार्थी अपनी स्थिति को लेकर चिंतित

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(श्रुति भारद्वाज)

नयी दिल्ली, 26 अप्रैल (भाषा) दिल्ली के मजनू का टीला में रह रहे पाकिस्तानी हिंदू शरणार्थी समुचित जानकारी नहीं होने के कारण अपनी स्थिति को लेकर चिंतित हैं, हालांकि सरकार ने स्पष्ट किया है कि हिंदू पाकिस्तानी नागरिकों को पहले से दिए गए दीर्घकालिक वीजा (एलटीवी) वैध रहेंगे।

दिल्ली पुलिस के अधिकारियों ने कहा कि सत्यापन अभियान शुरू किया गया है, लेकिन वे यह सुनिश्चित करेंगे कि किसी को भी अनावश्यक रूप से परेशान न किया जाए।

जम्मू-कश्मीर के पहलगाम में बर्बर आतंकवादी हमले में 26 लोगों के मारे जाने के बाद कड़े कदम उठाते हुए भारत ने बृहस्पतिवार को घोषणा की कि पाकिस्तानी नागरिकों को जारी किए गए सभी वीजा 27 अप्रैल से रद्द माने जाएंगे और इन लोगों को इस अवधि से पहले देश छोड़ना होगा।

सरकार ने बाद में स्पष्ट किया कि हिंदू पाकिस्तानी नागरिकों को पहले से दिए गए दीर्घकालिक वीजा वैध रहेंगे, लेकिन कई शरणार्थियों का कहना है कि वे अपने भविष्य को लेकर चिंतित हैं, क्योंकि उनके वीजा का हर दो साल में नवीनीकरण किया जाता है और नागरिकता (संशोधन) अधिनियम, 2019 के तहत भारतीय नागरिकता के लिए उनके आवेदन अब भी लंबित हैं।

मजनू का टीला में हिंदू शरणार्थी समुदाय के अध्यक्ष सोना दास ने कहा कि कई परिवार वर्षों से दिल्ली में रह रहे हैं, जो अधिकारियों द्वारा दस्तावेज सत्यापन के बाद समय-समय पर अपने वीजा का नवीनीकरण कराते हैं।

दास ने ‘पीटीआई-भाषा’ को बताया, ‘‘इसके अलावा, इनमें से कई परिवार एक या दो महीने पहले ही पाकिस्तान से आए हैं, कुछ मजनू का टीला के पास शिविरों में रह रहे हैं, जबकि अन्य ने सिग्नेचर ब्रिज के नीचे शरण ली है।’’

उन्होंने बताया कि हाल में पुलिस ने शरणार्थियों से सत्यापन के लिए अपने दस्तावेज जमा करने को कहा था, ताकि यह पता लगाया जा सके कि कोई अवैध रूप से तो नहीं रह रहा है या जाली कागजात का इस्तेमाल तो नहीं कर रहा है।

उन्होंने कहा, ‘‘सभी प्रासंगिक दस्तावेज एकत्र किए गए थे, लेकिन लोग इस बात से घबराए हुए हैं कि आगे क्या होगा।’’

दिल्ली पुलिस के अधिकारियों ने कहा कि वे सुनिश्चित करेंगे कि किसी को भी अनावश्यक रूप से परेशान न किया जाए। एक अधिकारी ने कहा, ‘‘हम केवल यह जांच कर रहे हैं कि सभी प्रवासियों के पास उचित दस्तावेज हैं।’’

सरकार के निर्देश के बाद, दिल्ली पुलिस ने यह सुनिश्चित करने के लिए एक अभियान शुरू किया है कि कोई भी पाकिस्तानी नागरिक राजधानी में अवैध रूप से नहीं रह रहा है। अधिकारियों ने कहा कि हाल में भारत में प्रवेश करने वालों के दस्तावेज़ों की जांच पर ध्यान केंद्रित किया जाएगा।

शरणार्थी शिविर के एक अन्य निवासी कृष्ण लाल ने कहा कि वह अपने परिवार के बारे में चिंतित हैं। लाल ने कहा, ‘‘मेरी पत्नी, बच्चों और भाई ने भारतीय नागरिकता के लिए आवेदन किया था, लेकिन अभी तक यह मंजूर नहीं हुआ है।’’

उन्होंने कहा, ‘‘मुझे नहीं पता कि अब उनके वीजा रद्द हो जाएंगे या उन्हें रहने की अनुमति दी जाएगी।’’

मजनू का टीला में एक चाय की छोटी सी दुकान संचालित करने वाले कन्हैया ने कहा कि पाकिस्तान में उनका कुछ नहीं बचा है। उन्होंने कहा, ‘‘पाकिस्तान में हमारा कुछ नहीं बचा है। अगर हमें दिल्ली छोड़ने के लिए कहा गया, तो हमारे पास जाने के लिए कोई जगह नहीं होगी और हमारे पास जीने का कोई रास्ता नहीं होगा।’’

क्षेत्र में एक अन्य शरणार्थी शिविर के प्रमुख दयाल दास ने कहा कि स्थानीय पुलिस ने हाल में उनसे संपर्क किया और नागरिकता प्राप्त करने वाले निवासियों, जिनके पास दस्तावेज नहीं हैं, और कितने नए परिवार आए हैं, के बारे में जानकारी मांगी।

दास ने कहा, ‘‘पिछले दो महीनों में ही पाकिस्तान से 10 से 12 नए परिवार यहां आए हैं।’’

दो बच्चों की मां रेशमा ने कहा कि उनके बच्चों ने हाल में ही पास के स्कूल में जाना शुरू किया है। वह उन्हें भारत में बेहतर भविष्य देने का सपना देखती हैं।

उन्होंने कहा, ‘‘जब यहां कुछ लोगों को नागरिकता मिली थी, तब हमें उम्मीद जगी थी। अब, जब दस्तावेजों की जांच हो रही है, तो हमें नहीं पता कि हमें यहां रहने दिया जाएगा या वापस भेज दिया जाएगा।’’

इससे पहले 11 मार्च को केंद्र सरकार ने नागरिकता (संशोधन) अधिनियम, 2019 के तहत 186 पाकिस्तानी हिंदुओं को भारतीय नागरिकता प्रदान की थी। हालांकि, कई अन्य अब भी इंतजार कर रहे हैं।

अधिकारियों ने बताया कि वीजा रद्द करने का फैसला हिंदू पाकिस्तानी नागरिकों को जारी किए गए दीर्घकालिक वीजा पर लागू नहीं होगा, ये वैध रहेंगे।

इससे पहले, भारत ने पाकिस्तानी नागरिकों के लिए दक्षेस वीजा छूट योजना को निलंबित कर दिया था और इस योजना के तहत वर्तमान में भारत में रह रहे लोगों को देश छोड़ने के लिए 48 घंटे का समय दिया था।

भाषा आशीष धीरज

धीरज

यह खबर ‘भाषा’ न्यूज़ एजेंसी से ‘ऑटो-फीड’ द्वारा ली गई है. इसके कंटेंट के लिए दिप्रिंट जिम्मेदार नहीं है.

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