नई दिल्ली: गुरुवार को राजधानी दिल्ली के लोगों को धुंध और प्रदूषण के बीच घुटन भरी सांस के साथ दिन की शुरुआत करनी पड़ी. लोगों ने सांस लेने की दिक्कत के साथ आंखों में जलन होने की भी शिकायत की.
नोएडा के एक निवासी अर्जुन प्रजापति ने आरोप लगाया कि सरकार के प्रतिबंध लगाने के बावजूद, दिल्ली और एनसीआर क्षेत्र में पटाखों की बड़ी मात्रा में बिक्री हुई है.
उन्होंने कहा ‘सरकार के प्रतिबंध के बावजूद, दीवाली में इतने सारे पटाखे बेचे गए, जिससे यह स्थिति हो गई. इतनी दिक्कत हो रही कि मैं सांस भी नहीं ले पा रहा, आंखों में जलन भी हो रही है. प्रदूषण बढ़ रहा है. सरकार को इसके लिए कुछ कदम उठाने चाहिए.’
राष्ट्रीय राजधानी में सुबह 8 बजे वायु गुणवत्ता सूचकांक (एक्यूआई) 364 (बहुत खराब श्रेणी) था और सुबह 7 बजे धीमी हवा की गति के साथ 408 (गंभीर) के स्तर पर था. इस दौरान कथित रूप से पराली जलाने की वजह से भी प्रदूषण में अचानक वृद्धि हुई जिससे हवा की गुणवत्ता में गिरावट आई.
इसके अलावा शहर में धुंध की चादर छाई हुई है जिससे वरिष्ठ नागरिकों को सांस लेने में दिक्कत हो रही है.
एक बुजुर्ग ने कहा, ‘प्रदूषण के बीच, हमें सांस लेने में कठिनाई होती है, नाक में जलन होती है. जब हम यहां सुबह की सैर के लिए आए, तो पूरा इलाका स्मॉग से ढका हुआ था.’
राष्ट्रीय राजधानी (एनसीआर) खराब हवा की चपेट में रही. SAFAR (सिस्टम ऑफ एयर क्वालिटी एंड वेदर फोरकास्टिंग एंड रिसर्च) इंडिया द्वारा जारी आंकड़ों के अनुसार, नोएडा, जो राष्ट्रीय राजधानी क्षेत्र का हिस्सा है, वहां AQI 393 ‘बहुत खराब’ के स्तर पर रहा, जबकि गुरुग्राम का AQI 318 पर रहा ‘बहुत ख़राब’ स्तर पर रहा.
एनसीआर के एक और निवासी ने कहा, ‘सरकार बहुत सारी पाबंदियां लगा रही है, लेकिन किसी ने इसका पालन नहीं किया, हाल ही में दीवाली में, पटाखों पर प्रतिबंध के बावजूद, बहुत से लोगों ने पटाखे फोड़े.’
उन्होंने कहा, ‘जब मैं सुबह सैर के लिए आया तो मुझे आंखों में खुजली और गले में जलन हुई. दूसरे राज्य खेतों की आग (पराली) को रोकने में विफल हो रहे हैं. अब सर्दियां आ रही हैं, जो प्रदूषण बढ़ने का एक और कारण है.
स्थानीय लोग आसपास के राज्यों, पंजाब और हरियाणा में पराली जलाने की शिकायत कर रहे हैं.
दिल्ली के स्थानीय लोगों ने कहा, ‘हमें राजनेताओं के साथ-साथ खुद को भी जवाबदेह ठहराना चाहिए. पराली जलाने की वज़ह से ही लोग प्रदूषण से पीड़ित है.’
इस बीच, स्कूली बच्चों ने अपने स्कूल प्रशासन से स्थिति सामान्य होने तक स्कूलों को बंद करने की मांग की.
ज्ञान गंगा शिक्षा निकेतन स्कूल, हल्द्वानी के छात्र दिव्यांश ने निजी वाहनों के टेल-एंड पाइप से होने वाले प्रदूषण के बारे में कहा.
दिव्यांश ने कहा, ‘स्कूलों को भी बंद कर देना चाहिए, ताकि लोग निजी वाहनों का इस्तेमाल न करें. इसके अलावा सरकार को कारखानों और कार्यालयों को भी बंद करना चाहिए.
SAFAR के आंकड़ों के अनुसार, मॉडल टाउन के धीरपुर में AQI 457 के स्तर तक गिर गया, जिससे स्वस्थ लोग भी बीमार पड़ सकते हैं.
आईजीआई एयरपोर्ट (टी3) के पास AQI आज 346 पर ‘बहुत खराब’ श्रेणी में रहा. बुधवार को इलाके में AQI 350 दर्ज किया गया.
राष्ट्रीय राजधानी में वायु प्रदूषण के बिगड़ने के साथ, दिल्ली के अधिकारियों ने अगले आदेश तक सभी निर्माण कार्य और तोड़-फोड़ के काम को रोक दिया है.
राष्ट्रीय बाल अधिकार संरक्षण आयोग (एनसीपीसीआर) ने दिल्ली सरकार से हवा की गुणवत्ता में सुधार होने तक स्कूलों को बंद करने का आग्रह किया है.
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