नयी दिल्ली, 17 फरवरी (भाषा) दिल्ली, महाराष्ट्र, हरियाणा और उत्तर प्रदेश में बजट आवंटन, चार्जिंग अवसंरचना, रोजगार सृजन समेत विभिन्न मापदंडों के अनुरूप समग्र इलेक्ट्रिक वाहन (ईवी) नीति है। एक अध्ययन में यह बात कही गयी है।
क्लाईमेट्स ट्रेंड्स द्वारा किये गये ‘राज्य इलेक्ट्रिक वाहन नीतियों का विश्लेषण एवं उनका प्रभाव’ विषयक अध्ययन में 21 मापदंडों पर 26 राज्यों एवं केंद्रशासित प्रदेशों की ईवी नीति की समग्रता का विश्लेषण किया।
उसने कहा कि अरूणाचल प्रदेश, मणिपुर, हिमाचल प्रदेश, लद्दाख, केरल और उत्तराखंड की नीतियों में 21 परिभाषित मापदंडों में महज तीन से सात मापदंड हैं और वे समग्रता की दृष्टि से सबसे नीचे हैं।
उसके अनुसार पिछले पांच सालों में 26 राज्यों एवं केंद्रशासित प्रदेशों ने ईवी नीतियां जारी कीं और उनमें 16 नीतियां 2020 और 2022 के बीच जारी की गयीं।
रिपोर्ट के अनुसार आंध्रप्रदेश, बिहार, कर्नाटक, केरल, मध्य प्रदेश, तमिलनाडु, तेलंगाना और दिल्ली ने अक्टूबर 2020 से पहले अपनी नीतियां जारी की थी, लेकिन उनमें से कोई भी ईवी वाहनों की संख्या में विस्तार, चार्जिंग अवसंरचना बढ़ाने एवं निवेश में वृद्धि के अपने लक्ष्यों को पूरा करने की दिशा में अग्रसर नहीं है।
भाषा राजकुमार पवनेश
पवनेश
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