नयी दिल्ली, चार अगस्त (भाषा) दिल्ली उच्च न्यायालय ने अपनी आठ वर्षीय चचेरी बहन के साथ दुष्कर्म और हत्या के आरोपी एक व्यक्ति को जमानत देने से इनकार कर दिया है।
अदालत ने कहा कि इस घटना से चचेरे भाई-बहन के बीच विश्वास के रिश्ते को ‘‘क्रूर’’ तरीके से तोड़ा गया है।
न्यायमूर्ति गिरीश कठपालिया ने एक अगस्त के फैसले में कहा कि घटना पर जन आक्रोश और मीडिया कवरेज से अपराध की गंभीरता कम नहीं हो सकती।
उच्च न्यायालय ने अपने आदेश में कहा, ‘‘जमानत के चरण में, अदालत रिकॉर्ड में मौजूद सबूतों की बारीकी से पड़ताल नहीं कर सकती। ऊपर दर्ज की गई व्यापक तस्वीर उस वीभत्स तरीके को दर्शाती है जिस तरह आठ साल की एक बच्ची के साथ दुष्कर्म किया गया और उसकी हत्या कर दी गई, वह भी उसके अपने चचेरे भाई द्वारा।’’
अदालत ने कहा कि यौन अपराधों से बच्चों का संरक्षण (पॉक्सो) अधिनियम की धारा छह (गंभीर यौन उत्पीड़न) के तहत अपराध के लिए न्यूनतम 20 वर्ष के कठोर कारावास की सजा का प्रावधान है, जिसे आजीवन कारावास तक बढ़ाया जा सकता है।
उच्च न्यायालय ने अपने आदेश में कहा कि अधिनियम की धारा छह के तहत प्रावधान न केवल न्यूनतम सजा 20 वर्ष के कठोर कारावास को निर्धारित करता है, बल्कि इसमें आगे यह प्रावधान किया गया है कि आजीवन कारावास का अर्थ दोषी के शेष प्राकृतिक जीवनकाल के लिए कारावास होगा।
अदालत ने कहा कि बेशक भारतीय दंड संहिता की धारा 302 (हत्या) के तहत अन्य अपराध के लिए भी मृत्युदंड का प्रावधान है।
न्यायमूर्ति कठपालिया ने कहा, ‘‘बात केवल आरोपियों पर लगाए गए अपराधों के गंभीर परिणामों की ही नहीं है। इस बात को भी नजरअंदाज नहीं किया जा सकता कि आरोपी ने चचेरे भाई-बहन के बीच भरोसे के रिश्ते का, और वो भी इतने क्रूर तरीके से, फायदा उठाया।’’
बच्ची के पिता के बयान पर अप्रैल 2016 में आरोपी व्यक्ति के खिलाफ मामला दर्ज किया गया था। लड़की के पिता ने बताया था कि वह अपने घर के बाहर खेलते समय लापता हो गई थी।
जांच के दौरान पुलिस को पता चला कि लड़की को आखिरी बार उसके चचेरे भाई के साथ देखा गया था और अगले दिन उत्तम नगर इलाके में एक श्मशान घाट के पीछे एक बच्ची का शव बरामद किया गया।
इस शव की पहचान संबंधित बच्ची के शव के रूप में हुई और आरोपी को गिरफ्तार कर लिया गया। आरोपी व्यक्ति ने यह तर्क देते हुए जमानत मांगी कि उसे जनता के दबाव और ‘मीडिया ट्रायल’ के कारण फंसाया गया है।
भाषा रवि कांत नेत्रपाल
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