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Sunday, 6 October, 2024
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दिल्ली उच्च न्यायालय ने पत्रकार के खिलाफ जारी लुक आउट सर्कुलर रद्द किया

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नयी दिल्ली, चार अप्लै (भाषा) दिल्ली उच्च न्यायालय ने सोमवार को प्रवर्तन निदेशालय (ईडी) द्वारा पत्रकार राणा अय्यूब के खिलाफ जारी एक लुक आउट सर्कुलर (एलओसी) को रद्द कर दिया।

अदालत ने अय्यूब को विदेश यात्रा पर जाने की अनुमति देते हुए कहा कि एलओसी ‘जल्दबाजी’ में जारी किया गया था और यह मानने का कोई ठोस कारण नहीं था कि वह जांच एजेंसी के सामने पेश नहीं होंगी।

उच्च न्यायालय ने कहा कि एलओसी व्यक्ति से समर्पण कराने का एक कठोर उपाय है और इस तरह यह व्यक्तिगत स्वतंत्रता व मुक्त आवाजाही के याचिकाकर्ता के अधिकारों में हस्तक्षेप करता है।

छह पन्नों के आदेश में न्यायमूर्ति चंद्र धारी सिंह ने कहा, “एलओसी उन मामलों में जारी किया जाना चाहिए, जिनमें आरोपी जानबूझकर समन/गिरफ्तारी से बचने की कोशिश करता है या फिर गैर-जमानती वारंट जारी होने के बाद भी अदालत के समक्ष पेश होने में नाकाम रहता है।”

उन्होंने कहा, “ताजा मामले में प्रतिवादी (ईडी) द्वारा याचिकाकर्ता (अय्यूब) की इस दलील का विरोध नहीं किया गया है कि वह तलब किए जाने पर हर संबंधित तारीख पर जांच एजेंसी के समक्ष पेश हुई है।”

न्यायमूर्ति सिंह ने कहा, “इसलिए यह मानने का कोई ठोस कारण नहीं है कि याचिकाकर्ता जांच एजेंसी के सामने पेश नहीं होंगी। ऐसे में मामले में एलओसी जारी करने के लिए कोई आधार नहीं बनता है।”

अदालत ने कहा कि यह स्पष्ट है कि एलओसी जल्दबाजी में और इस तरह के उपाय पर अमल के लिए निर्धारित वजह के अभाव में जारी किया गया था।

उच्च न्यायालय ने कहा कि एलओसी रद्द किए जाने के योग्य है, क्योंकि इसका कोई आधार नहीं है और यह विदेश यात्रा पर जाने तथा अभिव्यक्ति की आजादी का इस्तेमाल करने के अय्यूब के मानवाधिकारों का उल्लंघन करता है।

अदालत ने एलओसी को रद्द करने की अय्यूब की याचिका को स्वीकार कर लिया और उन पर विभिन्न शर्तें लगाईं, जिनके तहत उन्हें ईडी को तुरंत अपनी यात्रा की तारीखों और विस्तृत यात्रा कार्यक्रम की जानकारी देने के साथ-साथ उन जगहों का पता साझा करना होगा, जहां-जहां वह जाएंगी।

उच्च न्यायालय ने अय्यूब को मुंबई में ईडी के पास एक लाख रुपये की एफडीआर जमा करने का निर्देश दिया। साथ ही कहा कि वह किसी भी तरह से सबूतों से छेड़छाड़ करने या गवाहों को प्रभावित करने का प्रयास नहीं करेंगी।

अदालत ने यह भी कहा, “याचिकाकर्ता को तय तारीख यानी 11 अप्रैल 2022 को भारत लौटना होगा। साथ ही जांच एजेंसी को यह शपथ पत्र देना होगा कि वह भारत लौटते ही और ईडी द्वारा पूछताछ के लिए निर्धारित तिथियों पर उसके सामने तुरंत पेश होंगी।”

ईडी ने यह कहते हुए अय्यूब की याचिका का विरोध किया था कि वह एक करोड़ रू से अधिक धनराशि से जुड़े एक गंभीर अपराध में कथित तौर पर शामिल हैं और उनके भारत न लौटने की आशंका है।

भाषा पारुल नरेश

नरेश

यह खबर ‘भाषा’ न्यूज़ एजेंसी से ‘ऑटो-फीड’ द्वारा ली गई है. इसके कंटेट के लिए दिप्रिंट जिम्मेदार नहीं है.

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