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Wednesday, 8 May, 2024
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दिल्ली हिंसा में मृतकों की संख्या हुई 18, उच्च न्यायालय ने दिल्ली पुलिस को नोटिस जारी किया

एक वरिष्ठ अधिकारी ने बताया कि लोक नायक जय प्रकाश नारायण अस्पताल से चार शवों को गुरु तेग बहादुर अस्पताल लाया गया. इसके साथ ही मरने वाले लोगों की संख्या बढ़कर 18 हो गई है.

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नई दिल्ली : उत्तर पूर्वी दिल्ली में संशोधित नागरिकता कानून को लेकर भड़की सांप्रदायिक हिंसा में मरने वाले लोगों की संख्या बढ़कर 18 पर पहुंच गई है. जीटीबी अस्पताल के अधिकारियों ने यह जानकारी दी.

एक वरिष्ठ अधिकारी ने बताया कि लोक नायक जय प्रकाश नारायण अस्पताल से चार शवों को गुरु तेग बहादुर अस्पताल लाया गया. इसके साथ ही मरने वाले लोगों की संख्या बढ़कर 18 हो गई है.

दिल्ली उच्च न्यायालय ने दिल्ली पुलिस को नोटिस जारी करते हुए वरिष्ठ अधिकारियों को दिल्ली के उत्तर पूर्व जिले में हिंसा के संबंध में अदालत में उपस्थित रहने के लिए कहा है.

सरकारी सूत्रों के अनुसार, एनएसए अजीत डोभाल को दिल्ली हिंसा को नियंत्रण में लाने का प्रभार दिया गया है. वह स्थिति के बारे में पीएम और मंत्रिमंडल को जानकारी देने जा रहे हैं. एनएसए ने कल रात जाफराबाद, सीलमपुर और #NortheastDelhi के अन्य हिस्सों का दौरा किया, जहां उन्होंने विभिन्न समुदायों के नेताओं के साथ बातचीत की थी.

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उन्होंने स्पष्ट कर दिया है कि राष्ट्रीय राजधानी में अराजकता को बर्दाश्त नहीं किया जाएगा और पर्याप्त संख्या में पुलिस बल और अर्धसैनिक बलों को तैनात किया गया है. स्थिति को नियंत्रण में लाने के लिए पुलिस को फ्री हैंड दिया गया है.

दिल्ली के सीलमपुर क्षेत्र का नया दृश्य. राष्ट्रीय सुरक्षा सलाहकार (एनएसए) अजीत डोभाल ने कल रात उत्तर पूर्वी दिल्ली में हिंसा से प्रभावित क्षेत्रों का दौरा किया था और क्षेत्र में सुरक्षा व्यवस्था की समीक्षा की थी.

दिल्ली हिंसा पर कांग्रेस नेता पी चिदंबरम ने कहा, उच्च न्यायालय के दो न्यायाधीशों को एक उचित अस्पताल में घायल व्यक्तियों की सुरक्षित निकासी सुनिश्चित करने के लिए कल आधी रात को सुनवाई करनी पड़ी. दिल्ली पुलिस के प्रदर्शन के बारे में क्या कहना है? चाहे पूर्वी दिल्ली में हिंसा भड़की हो (एमओएस-होम) या स्वतःस्फूर्त (एमएचए), सरकार का कर्तव्य है कि वह हिंसा को समाप्त करे हिंसा सोमवार से जारी है और अब भी हिंसा की घटनाएं हो रही हैं. यह दिल्ली पुलिस की भारी विफलता को दर्शाता है.

आपको बता दें, दिल्ली उच्च न्यायालय ने आधी रात सुनवाई के बाद पुलिस को संशोधित नागरिकता कानून (सीएए) को लेकर हुई हिंसा में घायल हुए लोगों के सुरक्षित निकास और उनका तत्काल उपचार सुनिश्चित करने का निर्देश दिया.

न्यायमूर्ति एस. मुरलीधर के आवास पर उस याचिका पर सुनवाई हुई, जिसमें घायलों को पर्याप्त सुविधाओं वाले चिकित्सीय संस्थानों तक सुरक्षित ले जाने की व्यवस्था की मांग की गई थी.

न्यायमूर्ति एस. मुरलीधर और न्यायमूर्ति अनूप जे. भंभानी की पीठ ने पुलिस को इस व्यवस्था के लिए सभी संसाधनों का इस्तेमाल करने का निर्देश भी दिया.

(समाचार एजेंसी भाषा के इनपुट के साथ)

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