नयी दिल्ली, 30 दिसंबर (भाषा) दिल्ली उच्च न्यायालय के न्यायाधीश योगेश खन्ना शनिवार को सेवानिवृत्त हो गये।
न्यायमूर्ति खन्ना सात वर्ष तक दिल्ली उच्च न्यायालय के न्यायाधीश रहे। उन्होंने 2013 में अतिरिक्त सत्र न्यायाधीश के रूप में निर्भया सामूहिक बलात्कार मामले में चार दोषियों को मौत की सजा सुनाई थी।
न्यायमूर्ति खन्ना आठ नवंबर, 2016 को उच्च न्यायालय के स्थायी न्यायाधीश बने थे।
अतिरिक्त सत्र न्यायाधीश के रूप में, न्यायमूर्ति खन्ना ने 13 सितंबर, 2013 को निर्भया सामूहिक बलात्कार और हत्या मामले में चार दोषियों को मौत की सजा सुनाई थी।
बीस मार्च, 2020 को मौत की सजा पर अमल किया गया था।
दक्षिण दिल्ली में 16 दिसंबर, 2012 की रात को एक चलती बस में पैरामेडिकल छात्रा के साथ सामूहिक बलात्कार किया गया था और उसके साथ इतनी क्रूरता की गई थी कि उसकी 29 दिसंबर, 2012 को सिंगापुर के एक अस्पताल में मौत हो गई थी।
न्यायमूर्ति खन्ना ने उच्च न्यायालय में अपने कार्यकाल के दौरान कई महत्वपूर्ण आदेश और निर्णय पारित किये।
न्यायमूर्ति खन्ना का जन्म 31 दिसंबर 1961 को हुआ था और उन्होंने 1986 में दिल्ली के कैम्पस लॉ सेंटर से एलएलबी की पढ़ाई पूरी की थी।
वर्ष 2000 में वह दिल्ली उच्च न्यायिक सेवा में शामिल हो गए और उच्च न्यायालय में पदोन्नत होने से पहले दिल्ली की रोहिणी अदालत में बतौर जिला न्यायाधीश अपनी सेवाएं दीं।।
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देवेंद्र सुरेश
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