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गुरूवार, 15 मई, 2025
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दिल्ली उच्च न्यायालय ने अदालतों के बैठने और भोजनावकाश के समय में बदलाव किया

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नयी दिल्ली, 15 मई (भाषा)दिल्ली उच्च न्यायालय ने न्यायाधीशों और कर्मचारियों के लिए अदालती बैठकों और भोजनावकाश के समय में बदलाव किया है। यह बदलाव उच्चतम न्यायालय द्वारा यह कहे जाने के एक दिन बाद किया गया है कि उच्च न्यायालय के न्यायाधीश ‘‘अनावश्यक रूप से’’ और बार-बार विराम ले रहे हैं।

उच्च न्यायालय द्वारा 14 मई को जारी अधिसूचना में आगे के लिए संशोधित समय का उल्लेख किया गया है।

अधिसूचना के मुताबिक अदालतें पूर्वाह्न सुबह 10.30 बजे से अपराह्न 1.30 बजे तक और फिर अपराह्न 2.30 बजे से शाम 4.30 बजे तक बैठेंगी। अदालत में अपराह्न 1:30 बजे से 2.30 बजे तक भोजनावकाश होगा।

उच्च न्यायालय ने कहा कि प्रत्येक माह का चौथा शनिवार, जो वर्तमान में न्यायालय रजिस्ट्री के लिए अवकाश होता था, अब कार्य दिवस होगा।

अब तक अदालतों का समय पूर्वाह्न 10.30 बजे से अपराह्न 1.15 बजे तक और अपराह्न 2.15 बजे से शाम 4.30 बजे तक था, जबकि दोपहर 1.15 बजे से 2.15 बजे तक भोजनावकाश होता था।

यह अधिसूचना इसलिए महत्वपूर्ण है क्योंकि उच्चतम न्यायालय ने 13 मई को कहा था कि उसे उच्च न्यायालय के न्यायाधीशों के खिलाफ कई शिकायतें मिली हैं और यह उनके कार्य के मुकाबले उन पर होने वाले खर्च का आकलन करने का सही समय है।

शीर्ष अदालत ने कहा, ‘‘कुछ न्यायाधीश ऐसे हैं जो बहुत मेहनत करते हैं लेकिन साथ ही ऐसे न्यायाधीश भी हैं जो अनावश्यक रूप से कॉफी ब्रेक लेते हैं; यह ब्रेक या वह ब्रेक। लंच का समय क्या है? हम उच्च न्यायालय के न्यायाधीशों के बारे में बहुत सारी शिकायतें सुन रहे हैं। यह एक बड़ा मुद्दा है जिस पर गौर करने की जरूरत है।’’

पीठ की अध्यक्षता कर रहे न्यायमूर्ति सूर्यकांत ने कहा, ‘‘उच्च न्यायालय के न्यायाधीशों का प्रदर्शन कैसा है? हम कितना खर्च कर रहे हैं और उसका परिणाम क्या है? अब समय आ गया है कि हम प्रदर्शन ऑडिट करें।’’

भाषा धीरज माधव

माधव

यह खबर ‘भाषा’ न्यूज़ एजेंसी से ‘ऑटो-फीड’ द्वारा ली गई है. इसके कंटेंट के लिए दिप्रिंट जिम्मेदार नहीं है.

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