scorecardresearch
Wednesday, 1 October, 2025
होमदेशदिल्ली उच्च न्यायालय ने यूआईडीएआई को फर्जी आधार कार्ड वाले लोगों के बारे में सूचना देने कहा

दिल्ली उच्च न्यायालय ने यूआईडीएआई को फर्जी आधार कार्ड वाले लोगों के बारे में सूचना देने कहा

Text Size:

नयी दिल्ली, 22 जनवरी (भाषा) दिल्ली उच्च न्यायालय ने यूआईडीएआई को उन 400 से अधिक लोगों के बारे में सूचना मुहैया कराने का निर्देश दिया है, जिन्हें राष्ट्रीय राजधानी में ‘सिविल डिफेंस’ में पंजीकरण कराने के लिए कथित तौर पर फर्जी आधार कार्ड जारी किए गए थे।

न्यायमूर्ति चंद्रधारी सिंह ने दिल्ली सरकार की वह याचिका स्वीकार कर ली, जिसमें भारतीय विशिष्ट पहचान प्राधिकरण (यूआईडीएआई) को यह निर्देश देने का आग्रह किया गया है कि वह (यूआईडीएआई) एक मामले की पड़ताल के लिए जांच एजेंसी द्वारा आधार कार्ड धारकों के बारे में मांगी गई सूचना मुहैया कराए।

भ्रष्टाचार रोधी शाखा ने कथित आपराधिक षड्यंत्र को लेकर भारतीय दंड संहिता और भ्रष्टाचार रोधी कानून के तहत मामला दर्ज किया है।

अदालत ने कहा, ‘‘अदालत याचिका को स्वीकार करती है। प्रतिवादी (यूआईडीएआई) को निर्देश दिया जाता है कि याचिका में संलग्न जिन लोगों के भी नाम हैं उनके बारे में आधार कानून के प्रावधानों के तहत सभी संबंधित सूचना मुहैया कराएं।’’

याचिका के अनुसार, शिकायतकर्ता विजेंदर गुप्ता ने दिल्ली सरकार की भ्रष्टाचार रोधी शाखा में शिकायत की कि डीटीसी (दिल्ली परिवहन निगम की) बसों में जिस तरीके से मार्शल की भर्ती हुई है, वह अवैध है।

इसमें आरोप लगाया गया कि भर्ती प्रक्रिया से छेड़छाड़ की गई और जिलाधिकारी ने अपने गृह राज्य राजस्थान के 400 से अधिक लोगों को फर्जी प्रमाण पत्र जारी किए और आधार कार्ड बनाए जाने के लिए उन्हें दिल्ली के निवासी के तौर पर सत्यापित किया। साथ ही, प्रति व्यक्ति दो लाख रुपये जबरन वसूले गए।

शिकायत के आधार पर जनवरी 2020 में प्राथमिकी दर्ज की गई थी।

भाषा नीरज नीरज सुभाष

सुभाष

यह खबर ‘भाषा’ न्यूज़ एजेंसी से ‘ऑटो-फीड’ द्वारा ली गई है. इसके कंटेट के लिए दिप्रिंट जिम्मेदार नहीं है.

share & View comments