नई दिल्ली : दिल्ली उच्च न्यायालय ने उत्तर पूर्व दिल्ली हिंसा मामले में केंद्र को एक पक्ष बनाया है. उच्च न्यायालय ने केंद्र से जवाब दाखिल करने के लिए कहा और 13 अप्रैल के लिए मामले को सूचीबद्ध किया है.
दिल्ली हिंसा के मामले में सॉलिसिटर जनरल ने कहा कि भाजपा के तीनों नेताओं के नफरत भरे कथित भाषणों को लेकर प्राथमिकी दर्ज करने के लिए केंद्र और पुलिस को याचिका पर जवाब दाखिल करने की जरूरत है. तुषार मेहता ने अदालत में दलील दी कि उत्तर-पूर्वी दिल्ली में हालात सामान्य होने तक हस्तक्षेप करने की कोई हड़बड़ी नहीं है.
दिल्ली पुलिस ने उच्च न्यायालय ने बताया कि उन्होंने इस स्तर पर किसी के खिलाफ अभद्र भाषा के लिए प्राथमिकी दर्ज नहीं करने का फैसला किया है, क्योंकि यह दिल्ली में शांति और सामान्य स्थिति बहाल करने में मदद नहीं करेगा. दिल्ली पुलिस का कहना है कि उन्होंने नॉर्थ ईस्ट दिल्ली हिंसा मामले में 48 एफआईआर दर्ज की हैं.
Delhi High Court makes Centre a party in the North East Delhi violence case. https://t.co/hXch8jLh5J
— ANI (@ANI) February 27, 2020
आपको बता दें, उपराज्यपाल अनिल बैजल ने उत्तर-पूर्वी दिल्ली में कानून व्यवस्था की स्थिति से संबंधित मामलों में अदालत में दिल्ली पुलिस का प्रतिनिधित्व करने के लिए सॉलिसिटर जनरल तुषार मेहता और तीन अन्य को नियुक्त किया था.
गृह विभाग की ओर से जारी एक आदेश के अनुसार अतिरिक्त सॉलिसिटर जनरल मनिंदर कौर आचार्य, वरिष्ठ अधिवक्ता अमित महाजन और रजत नायर भी इस तरह के मामलों में दिल्ली पुलिस का प्रतिनिधित्व करेंगे.
उत्तर-पूर्वी दिल्ली में संशोधित नागरिकता कानून को लेकर हुई सांप्रदायिक हिंसा में अब तक 34 लोगों की मौत हो चुकी है.
(समाचार एजेंसी भाषा के इनपुट के साथ)