नयी दिल्ली, दो अप्रैल (भाषा) दिल्ली उच्च न्यायालय ने मंगलवार को सेलिब्रिटी शेफ कुणाल कपूर को उनसे अलग रह रही पत्नी द्वारा की गई क्रूरता के आधार पर तलाक की मंजूरी दे दी और कहा कि उनके प्रति महिला का आचरण गरिमा और सहानुभूति वाला नहीं था।
उच्च न्यायालय ने तलाक से इनकार करने वाले एक कुटुंब अदालत के आदेश को चुनौती देने वाली कपूर की अपील को स्वीकार कर लिया और कहा कि यह कानून की भलीभांति स्थापित स्थिति है कि सार्वजनिक रूप से जीवनसाथी के खिलाफ लापरवाहीपूर्ण, अपमानजनक और निराधार आरोप लगाना क्रूरता के समान है।
न्यायमूर्ति सुरेश कुमार कैत और न्यायमूर्ति नीना बंसल कृष्णा ने कहा, ‘‘वर्तमान मामले के उपरोक्त तथ्यों के प्रकाश में, हम पाते हैं कि प्रतिवादी (पत्नी) का अपीलकर्ता (पति) के प्रति आचरण ऐसा रहा है कि वह उसके प्रति गरिमा और सहानुभूति वाला नहीं है।’’
उन्होंने कहा, ‘‘यदि एक जीवनसाथी का दूसरे के प्रति इस तरह का स्वभाव है तो यह विवाह की मूल भावना का ही निरादर करती है और इस बात का कोई संभावित कारण नहीं है कि उन्हें एकसाथ रहते हुए लंबे समय तक यातना सहने के लिए बाध्य क्यों होना चाहिए।’’
कुणाल की शादी अप्रैल 2008 में हुई थी और उनकी पत्नी ने 2012 में एक बेटे को जन्म दिया था।
टेलीविजन शो ‘मास्टर शेफ’ में जज कपूर ने अपनी याचिका में आरोप लगाया कि उनकी पत्नी ने कभी उनके माता-पिता का सम्मान नहीं किया और उन्हें भी अपमानित किया।
दूसरी तरफ महिला ने उन पर अदालत को गुमराह करने के लिए झूठे आरोप लगाने का दावा किया और कहा कि उन्होंने हमेशा अपने पति से जीवनसाथी की तरह बात की और उनके प्रति वफादार थी।
उन्होंने आरोप लगाया कि कुणाल ने उन्हें अंधेरे में रखा और तलाक लेने के लिए फर्जी कहानियां गढ़ीं।
भाषा वैभव धीरज
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