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बुधवार, 25 जून, 2025
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दिल्ली उच्च न्यायालय ने नाबालिग के फर्जी इंस्टाग्राम अकाउंट पर रोक लगाने का आदेश दिया

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नयी दिल्ली, 25 जून (भाषा) दिल्ली उच्च न्यायालय ने बुधवार को एक नाबालिग लड़की से संबंधित किसी भी आपत्तिजनक सामग्री को सोशल मीडिया पर साझा करने पर रोक लगा दी, क्योंकि अज्ञात व्यक्तियों ने उसके फर्जी इंस्टाग्राम अकाउंट बनाए और छेड़छाड़ की गई तस्वीरें प्रसारित कीं।

न्यायमूर्ति मनोज जैन ने इंस्टाग्राम के स्वामित्व वाली सोशल मीडिया कंपनी मेटा प्लेटफॉर्म्स इंक को निर्देश दिया कि वह नाबालिग के परिवार को उन व्यक्तियों की मूल ‘सब्सक्राइबर’ जानकारी उपलब्ध कराए, जिन्होंने फर्जी खाते बनाए हैं।

अदालत ने कहा, ‘‘वादी (नाबालिग पीड़िता) निषेध आदेश दिए जाने के लिए प्रथम दृष्टया मामला बनाने में सक्षम है और यदि उसके पक्ष में कोई अंतरिम आदेश नहीं दिया जाता है तो उसे अपूरणीय क्षति या नुकसान होगा। इसके अलावा, सुविधा का संतुलन भी वादी के पक्ष में और प्रतिवादियों के खिलाफ है।’’

जिन लोगों ने फर्जी अकाउंट बनाए थे, उन्हें अगली सुनवाई तक नाबालिग पीड़िता से संबंधित कोई भी आपत्तिजनक सामग्री, चाहे वह वास्तविक हो या छेड़छाड़ वाली, अपलोड करने से रोक दिया गया।

अदालत ने सुनवाई की अगली तारीख चार जुलाई तय की है। पंद्रह वर्षीय लड़की के संबंध में दायर याचिका में आरोप लगाया गया है कि उसकी निजता के अधिकार का हनन किया गया, क्योंकि उसकी वास्तविक और छेड़छाड़ वाली तस्वीरों सहित उसकी तस्वीरें अज्ञात व्यक्तियों द्वारा इंस्टाग्राम पर प्रसारित की गई थीं।

भाषा आशीष अविनाश

अविनाश

अविनाश

यह खबर ‘भाषा’ न्यूज़ एजेंसी से ‘ऑटो-फीड’ द्वारा ली गई है. इसके कंटेंट के लिए दिप्रिंट जिम्मेदार नहीं है.

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