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Monday, 6 May, 2024
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दिव्यांगों के लिए स्पेशल एजुकेटर्स की भर्ती को लेकर दिल्ली HC ने केंद्र और KVS को भेजा नोटिस

जस्टिस विपिन सांघी और जस्टिस नवीन चावला की बेंच ने सोमवार को केंद्रीय विद्यालय संगठन और केंद्र सरकार से शिक्षा मंत्रालय के जरिए प्रतिक्रिया मांगी है और उन्हें काउंटर एफिडेविट फाइल करने के लिए दो हफ्ते का समय दिया है.

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नई दिल्लीः दिल्ली हाईकोर्ट ने मंगलवार को एक जनहित याचिका पर सुनवाई करते हुए केंद्र सरकार और केंद्रीय विद्यालय संगठन को उचित संख्या में स्पेशल एजुकेटर्स के रिक्रूटमेंट को लेकर नोटिस जारी किया है. इसमें कहा गया है दिव्यांगों को शिक्षा देने के लिए कम से कम दो स्पेशल एजुकेटर्स की हर केंद्रीय विद्यालय में भर्ती की जाए.

जस्टिस विपिन सांघी और जस्टिस नवीन चावला की बेंच ने सोमवार को केंद्रीय विद्यालय संगठन और केंद्र सरकार से शिक्षा मंत्रालय के जरिए प्रतिक्रिया मांगी है और उन्हें काउंटर एफिडेविट फाइल करने के लिए दो हफ्ते का समय दिया है. उनसे पूछा गया है कि अभी तक उन्होंने कितने स्पेशल एजुकेटर्स को केंद्रीय विद्यालय में नियुक्त किया है और इसके बारे में भी विस्तृत डिटेल मांगी है कि कितने विद्यालयों में नियुक्तियां करने को कहा गया था. कोर्ट ने इसके लिए 17 नवंबर, 2022 को अगली सुनवाई की तारीख निश्चित की है.

याचिकाकर्ता ने कहा कि केंद्रीय विद्यालय ने अब तक एक भी स्पेशल एजुकेटर को नियुक्त नहीं किया है जबकि साल 2009 में उसने कोर्ट को आश्वासन दिया था कि दिव्यांगों को शिक्षित करने में किसी भी तरह की कोर-कसर नहीं छोड़ी जाएगी.

आगे याचिकाकर्ता ने कहा कि केवीएस ने यहां तक कि स्थायी रूप से स्पेशल एजुकेटर के पद का सृजन नहीं किया है न ही इसके लिए रिक्रूटमेंट के लिए कोई नियम ही बनाया है. इस तथ्य के बावजूद कि इन विद्यालयों में 5701 दिव्यांग बच्चे पढ़ रहे हैं.

आगे यह कहा गया कि केवीएस द्वारा स्पेशल एजुकेटर्स की भर्ती न किए जाने से बच्चों को संविधान द्वारा दिए गए मूलभूत अधिकारों का हनन होता है. इसमें कहा गया है कि देश मे इस वक्त 1239 केंद्रीय विद्यालय हैं जिनमें से 49 केवल दिल्ली में हैं और केंद्रीय विद्यालय की वार्षिक रिपोर्ट के मुताबिक इनमें स्कूलों में कुल 13,89,995 छात्र पढ़ते हैं.


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