नयी दिल्ली, 27 मई (भाषा) दिल्ली सरकार एक सक्रिय ‘घटना प्रतिक्रिया प्रणाली’ बनाने की योजना बना रही है जो आपदा के समय काम करेगी, इसके अलावा राष्ट्रीय राजधानी में गंभीर परिस्थितियों से निपटने के लिए एसडीआरएफ गठित करने की भी सरकार की योजना है। अधिकारियों ने मंगलवार को यह जानकारी दी।
एक वरिष्ठ अधिकारी के अनुसार सरकार घटना प्रतिक्रिया प्रणाली संबंधी प्रस्ताव पर काम कर रही है, जिसमें विभिन्न विभागों के अधिकारी शामिल होंगे।
अधिकारी ने कहा, ‘‘जब भी कोई आपदा आती है तो लोगों को सुरक्षित निकालना, उन्हें आश्रय गृहों में पहुंचाना, उनके भोजन और स्वास्थ्य संबंधी जरूरतों का ध्यान रखना आदि कदम उठाए जाते हैं। इस प्रक्रिया में शामिल विभाग समान ही रहते हैं।’’
उन्होंने कहा, ‘‘घटना प्रतिक्रिया प्रणाली के साथ ही हमारे पास सभी प्रकार की स्थितियों से निपटने के लिए नोडल अधिकारी होंगे।’’
इस प्रणाली के माध्यम से बेहतर समन्वय होगा और आपदा की स्थिति में तत्काल कदम उठाए जा सकेंगे।
उन्होंने कहा, ‘‘दिल्ली राष्ट्रीय राजधानी है और काफी संवेदनशील है। इसे भारत के भूकंपीय क्षेत्र मानचित्र में भूकंपीय क्षेत्र चार में रखा गया है। दिल्ली में आग लगने की दुखद घटनाएं हुई हैं और 2023 में बाढ़ आई। ऐसी घटनाओं ने अधिकारियों को ऐसी प्रणाली बनाने पर विचार करने के लिए प्रेरित किया है जहां विभाग बेहतर तरीके से समन्वय कर सकें।’’
घटना प्रतिक्रिया प्रणाली के प्रस्ताव के अलावा सरकार राज्य आपदा प्रतिक्रिया बल (एसडीआरएफ) के गठन की भी योजना बना रही है। इस बारे में एक प्रस्ताव मुख्यमंत्री रेखा गुप्ता के समक्ष भी प्रस्तुत किया जाएगा।
एनडीआरएफ की तरह एसडीआरएफ भी मानव जनित या प्राकृतिक आपदाओं में बचाव कार्यों में शामिल होगा तथा गंभीर परिस्थितियों में बचाव कार्यों को संभालने के लिए प्राधिकारियों को आवश्यक जनशक्ति उपलब्ध कराएगा।
अधिकारी ने बताया कि इन प्रस्तावों पर काम जारी है और इन्हें मुख्यमंत्री के समक्ष प्रस्तुत किया जाएगा। मुख्यमंत्री ने अपने पहले बजट भाषण में बेहतर संकट प्रबंधन के लिए आपातकालीन परिचालन केंद्र स्थापित करने का प्रस्ताव रखा था।
भाषा शोभना वैभव
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