नयी दिल्ली, 16 जुलाई (भाषा) दिल्ली उच्च न्यायालय ने करोल बाग इलाके में चार जुलाई को लगी भयावह आग के संबंध में अदालत की निगरानी में जांच का अनुरोध करने वाली याचिका पर सरकार और दिल्ली नगर निगम (एमसीडी) से जवाब तलब किया है।
इस घटना में दो लोगों की मौत हुई थी।
मुख्य न्यायाधीश डीके उपाध्याय और न्यायमूर्ति तुषार राव गेडेला की पीठ ने एक गैर सरकारी संगठन द्वारा दायर याचिका पर दिल्ली सरकार, एमसीडी, दिल्ली अग्निशमन सेवा और दिल्ली विकास प्राधिकरण (डीडीए) को नोटिस जारी किया।
मध्य दिल्ली के करोल बाग इलाके में चार जुलाई को विशाल मेगा मार्ट में लगी आग में दो लोगों की मौत हो गई थी।
अदालत ने अधिकारियों से चार सप्ताह के भीतर जवाब दाखिल करने को कहा और मामले की अगली सुनवाई 24 सितंबर को तय कर दी।
गैर सरकारी संगठन ‘कुटुम्ब’ द्वारा दायर याचिका में विशाल मेगा मार्ट के प्रबंधन, दिल्ली पुलिस, अग्निशमन सेवाओं और एमसीडी की लापरवाही का आरोप लगाया गया है, जिसकी वजह से आग लगी।
याचिका में सुरक्षा नियमों के पालन में गंभीर खामियों की ओर इशारा किया गया और अनिवार्य मानदंडों का पालन किए बिना, भीड़भाड़ वाले इलाकों में संचालित व्यावसायिक प्रतिष्ठानों को लाइसेंस और अनापत्ति प्रमाण पत्र (एनओसी) जारी करने पर सवाल उठाए गये।
वकील रुद्र विक्रम सिंह के माध्यम से दायर याचिका में सुरक्षा प्रोटोकॉल लागू करने में विफल रहने के लिए एमसीडी, अग्निशमन सेवाओं और पुलिस अधिकारियों के आचरण की जांच के लिए अदालत से निर्देश देने का भी अनुरोध किया गया।
याचिका में विशाल मेगा मार्ट व आसपास की व्यावसायिक इकाइयों के पास वैध एनओसी संबंधी आकलन और अवैध रूप से संचालित इकाइयों का पता लगाने का निर्देश देने का अनुरोध भी किया गया।
याचिका में स्थिति रिपोर्ट दाखिल होने तक करोल बाग और आसपास के इलाकों में बिना लाइसेंस वाले शॉपिंग सेंटर, रेस्तरां, कोचिंग संस्थानों और ऐसी अन्य संस्थाओं को तत्काल बंद करने का निर्देश देने का अनुरोध किया गया।
भाषा जितेंद्र मनीषा
मनीषा
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