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शनिवार, 7 जून, 2025
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यमुना के नैसर्गिक प्रवाह को बेहतर बनाने की योजना पर काम कर रही दिल्ली सरकार

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नयी दिल्ली, सात जून (भाषा) दिल्ली सरकार यमुना को पुनर्जीवित करने के प्रयास में विभिन्न स्रोतों से जल निर्वहन बढ़ाकर नदी के नैसर्गिक प्रवाह को बेहतर बनाने के लिए एक कार्य योजना पर काम कर रही है। अधिकारियों ने शनिवार को यह जानकारी दी।

उन्होंने बताया कि ‘कोरोनेशन पिलर’ और ‘यमुना विहार सीवेज ट्रीटमेंट प्लांट’ (एसटीपी) से उपचारित पानी को वजीरबाड़ में यमुना में छोड़ा जाएगा और इसके लिए दिल्ली जल बोर्ड (डीजेबी) एक परिवहन प्रणाली विकसित करेगा।

अधिकारियों ने बताया कि सर्वेक्षण का काम पूरा हो गया है और एक विस्तृत परियोजना रिपोर्ट को अंतिम रूप दिया जा रहा है।

नैसर्गिक प्रवाह, जल प्रवाह की वह न्यूनतम मात्रा है जो किसी नदी में अपने पारिस्थितिकी तंत्र को संरक्षित रखने और स्नान के मानकों को पूरा करने के लिए होनी चाहिए।

राष्ट्रीय जल विज्ञान संस्थान (एनआईएच) ने हथिनीकुंड बैराज में यमुना में 23 क्यूमेक्स (घन मीटर प्रति सेकंड) नैसर्गिक प्रवाह की सिफारिश की है।

अधिकारियों ने बताया कि नैसर्गिक प्रवाह को बनाये रखने के लिए उत्तर प्रदेश से मंजूरी के बाद ऊपरी गंगा नहर से 500 क्यूसेक (घन फुट प्रति सेकंड) पानी यमुना में छोड़ा जाना चाहिए।

वर्तमान में बैराज से केवल 10 क्यूमेक्स पानी छोड़ा जाता है और 13 क्यूमेक्स का अंतर रह जाता है।

अधिकारियों ने बताया कि पल्ला से असगरपुर तक यमुना नदी का 48 किलोमीटर का हिस्सा राष्ट्रीय राजधानी से होकर गुजरता है, जिसमें से वजीराबाद और ओखला के बीच का 22 किलोमीटर का हिस्सा नदी के पुनरुद्धार कार्य के लिए जरूरी क्षेत्र है।

दिल्ली में नैसर्गिक प्रवाह को बेहतर बनाने के लिए यमुना में 6.23 क्यूमेक्स अतिरिक्त रूप से छोड़ा जाएगा, जिससे यह आंशिक रूप से पुनर्जीवित हो सकेगी।

इस परियोजना के लिए उत्तर प्रदेश सिंचाई विभाग से मंजूरी मिल गई है और 8.7 करोड़ रुपये की राशि आवंटित की गई है।

इस परियोजना के इस वर्ष अक्टूबर तक पूरा होने की उम्मीद है।

आधिकारिक रिपोर्ट के अनुसार, वजीराबाद और ओखला के बीच यमुना का 22 किलोमीटर का हिस्सा नदी में प्रदूषण के लिए 80 प्रतिशत जिम्मेदार है जबकि यह खंड नदी की कुल लंबाई के दो प्रतिशत से भी कम है।

भाषा जितेंद्र रंजन

रंजन

यह खबर ‘भाषा’ न्यूज़ एजेंसी से ‘ऑटो-फीड’ द्वारा ली गई है. इसके कंटेंट के लिए दिप्रिंट जिम्मेदार नहीं है.

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