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Saturday, 23 November, 2024
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दिल्ली सरकार ने 13 साल बाद वाहनों के प्रदूषण नियंत्रण प्रमाण पत्र के लिए शुल्क बढ़ाया

गहलोत ने कहा कि डीजल वाहनों के लिए पीयूसी प्रमाणपत्र शुल्क 100 रुपये से बढ़ाकर 140 रुपये कर दिया गया है. उन्होंने कहा कि नई दरें सरकार द्वारा अधिसूचित होते ही प्रभावी हो जाएंगी.

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नई दिल्ली: परिवहन मंत्री कैलाश गहलोत ने गुरुवार को कहा कि दिल्ली सरकार ने लगभग 13 साल के अंतराल के बाद पेट्रोल, सीएनजी और डीजल वाहनों के प्रदूषण नियंत्रण (पीयूसी) प्रमाण पत्र के लिए शुल्क में वृद्धि की है.

उन्होंने एक बयान में कहा कि दोपहिया और तीन पहिया वाहनों के पीयूसी प्रमाणपत्र के लिए शुल्क 60 रुपये से बढ़ाकर 80 रुपये और चार पहिया वाहनों के लिए 80 रुपये से बढ़ाकर 110 रुपये कर दिया गया है.

गहलोत ने कहा कि डीजल वाहनों के लिए पीयूसी प्रमाणपत्र शुल्क 100 रुपये से बढ़ाकर 140 रुपये कर दिया गया है.

उन्होंने कहा कि नई दरें सरकार द्वारा अधिसूचित होते ही प्रभावी हो जाएंगी.

उन्होंने कहा कि दिल्ली सरकार शहर की वायु गुणवत्ता बनाए रखने और यह सुनिश्चित करने के लिए प्रतिबद्ध है कि सभी वाहन आवश्यक प्रदूषण मानकों को पूरा करें.

गहलोत ने कहा कि ‘दिल्ली पेट्रोल डीलर्स एसोसिएशन’ की यह लंबे समय से मांग थी कि प्रदूषण जांच सेवाओं की बढ़ती लागत को ध्यान में रखा जाए.

उन्होंने कहा, ‘‘एसोसिएशन के अनुरोध और इस तथ्य को ध्यान में रखते हुए कि 2011 से प्रदूषण जांच दरों में संशोधन नहीं किया गया है, दिल्ली सरकार ने दिल्ली में वाहनों की प्रदूषण जांच के लिए दरें बढ़ाने की घोषणा की है.’’

उन्होंने कहा कि यह संशोधन ज़रूरी है ताकि यह सुनिश्चित किया जा सके कि प्रदूषण जांच केंद्र कुशलतापूर्वक काम करना जारी रखें और जनता को गुणवत्तापूर्ण सेवाएं प्रदान कर सकें.

एसोसिएशन प्रदूषण जांच शुल्क में वृद्धि की मांग कर रहा था. इसके प्रतिनिधियों ने पिछले महीने गहलोत से मिलकर दरों में संशोधन किये जाने की मांग की थी.

यह खबर ‘भाषा’ न्यूज़ एजेंसी से ‘ऑटो-फीड’ द्वारा ली गई है. इसके कंटेंट के लिए दिप्रिंट जिम्मेदार नहीं है.

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