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Sunday, 22 December, 2024
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दिल्ली सरकार ने 12 निजी स्कूलों को कारण बताओं नोटिस भेजा, किताबें, यूनिफॉर्म खरीदने को कर रहे थे मजबूर

शिक्षा विभाग के दिशा-निर्देशों के मुताबिक, निजी स्कूलों को अभिभावकों को जानकारी देने के लिए नए शैक्षणिक सत्र की शुरुआत से पहले अपनी वेबसाइट पर किताबों और अन्य अध्ययन सामग्री की कक्षावार सूची प्रदर्शित करनी होगी.

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नई दिल्ली: दिल्ली की शिक्षा मंत्री आतिशी ने बुधवार को कहा कि दिल्ली सरकार ने एक दर्जन निजी स्कूलों को कारण बताओ नोटिस जारी किया है और अन्य छह स्कूलों के खिलाफ जांच के आदेश दिए हैं.

उन्होंने कहा कि किताबों और पोशाक पर शिक्षा निदेशालय (डीओई) के स्पष्ट दिशा-निर्देशों के बावजूद कई स्कूलों के खिलाफ विशिष्ट दुकानदारों से महंगी किताबें और पोशाक खरीदने के लिए अभिभावकों को मजबूर करने की शिकायतें मिल रही थी.

उन्होंने कहा, ‘अभिभावकों से प्राप्त शिकायतों के बाद संबंधित स्कूलों को कारण बताओ नोटिस भेजा गया इसके अलावा डीओई द्वारा जांच भी की जा रही है. यदि दिशा-निर्देशों का कोई उल्लंघन पाया जाता है तो इन स्कूलों के खिलाफ दिल्ली स्कूल शिक्षा अधिनियम, 1973 के प्रासंगिक प्रावधानों के तहत कार्रवाई की जाएगी.

शिक्षा मंत्री ने कहा कि सभी अभिभावकों को नए शैक्षणिक वर्ष की शुरुआत से पहले आगामी सत्र के लिए किताबें और पोशाक के बारे में जानकारी प्राप्त करने का अधिकार है ताकि वे अपनी सुविधा के अनुसार व्यवस्था कर सकें.

शिक्षा विभाग के दिशा-निर्देशों के मुताबिक, निजी स्कूलों को अभिभावकों को जानकारी देने के लिए नए शैक्षणिक सत्र की शुरुआत से पहले अपनी वेबसाइट पर किताबों और अन्य अध्ययन सामग्री की कक्षावार सूची प्रदर्शित करनी होगी.

इसके अतिरिक्त, स्कूलों को अपनी वेबसाइट पर कम से कम पांच नजदीकी दुकानों के पते और फोन नंबर भी उपलब्ध होंगे, जहां से अभिभावक किताबें और पोशाक खरीद सकें.

दिशा-निर्देश में यह भी कहा गया है कि अभिभावक को अपनी सुविधानुसार स्कूल की सामग्रियों को खरीदने का अधिकार है और कोई स्कूल उन्हें किसी विशेष विक्रेता से सामग्री खरीदने के लिए बाध्य नहीं कर सकता है.

साथ ही, दिशा-निर्देश में बताया गया है कि निजी स्कूल कम से कम तीन साल तक स्कूल पोशाक के रंग, डिजाइन या अन्य विशिष्टताओं को नहीं बदल सकते हैं.


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