नई दिल्ली: सुप्रीम कोर्ट ने ‘रेड लाइट ऑन, गाड़ी ऑफ’ मुहिम को लेकर दिल्ली सरकार को फटकार लगाते हुए बृहस्पतिवार को कहा कि यह लोकलुभावन नारा होने के अलावा और कुछ नहीं है. यही नहीं कोर्ट ने दिल्ली में प्रदूषण का स्तर बढ़ने के बीच स्कूलों में कक्षाएं शुरू करने को लेकर दिल्ली सरकार को फटकार लगाई, जिसके बाद सरकार ने सभी स्कूलों को शुक्रवार से ही बंद करने का फैसला किया है.
राय ने कहा, ‘हमने वायु गुणवत्ता में सुधार का पूर्वानुमान जताए जाने के कारण स्कूल फिर से खोल दिए थे, लेकिन वायु प्रदूषण फिर से बढ़ गया है और हमने आगामी आदेश आने तक शुक्रवार से स्कूल बंद करने का फैसला किया है.’
All schools in Delhi to be closed from tomorrow till further orders, due to current air pollution levels in the city: Environment Minister Gopal Rai pic.twitter.com/k9NY7KL3SL
— ANI (@ANI) December 2, 2021
दिल्ली में स्कूल, कॉलेज और अन्य शिक्षण संस्थान 13 नवंबर से बंद थे, लेकिन उन्हें सोमवार से खोल दिया गया था.
प्रदूषण पर सुप्रीम कोर्ट की इस फटकार के बाद केजरीवाल सरकार ने दिल्ली में शुक्रवार से सभी स्कूल अगले आदेश तक बंद कर दिए हैं.
प्रधान न्यायाधीश एन वी रमन्ना, न्यायमूर्ति डी वाई चंद्रचूड़ और न्यायमूर्ति सूर्य कांत की विशेष पीठ ने कहा कि आम आदमी पार्टी (आप) सरकार ने पिछली सुनवाई में घर से काम करने, लॉकडाउन लागू करने और स्कूल एवं कॉलेज बंद करने जैसे कदम उठाने के आश्वासन दिए थे, लेकिन इसके बावजूद बच्चे स्कूल जा रहे हैं और वयस्क घर से काम कर रहे हैं.
पर्यावरण मंत्री गोपाल राय ने कहा है कि प्रदूषण से बिगड़ते हालात को देखते हुए यह फैसला लिया गया है. स्कूल कब से खुलेंगे फिलहाल इस पर कोई फैसला नहीं किया गया है.
प्रदूषण पर क्या किया 24 घंटे में बताए केंद्र, दिल्ली और पड़ोसी राज्य की सरकारें
इससे पहले बृहस्पतिवार को ही कोर्ट ने केंद्र, दिल्ली और पड़ोसी राज्यों की सरकार को फटकार लगाते हुए 24 घंटे का समय दिया था.
कोर्ट ने केंद्र से कहा था कि अगर प्रदूषण कम करने के लिए 24 घंटे में कड़े कदम नहीं उठाए गए तो सुप्रीम कोर्ट टास्क फोर्स का गठन करेगा.
चीफ जस्टिस रमन्ना ने सुनवाई के दौरान केंद्र से पूछा कि आखिर प्रदूषण कम क्यों नहीं हो रहा है?
यही नहीं पीठ ने दिल्ली सरकार को फटकार लगाते हुए कहा, ‘बेचारे युवक बैनर पकड़े सड़क के बीच खड़े होते हैं, उनके स्वास्थ्य का ध्यान कौन रख रहा है? हमें फिर से कहना होगा कि यह लोकलुभावन नारे के अलावा और क्या है?’
दिल्ली सरकार की ओर से वरिष्ठ अधिवक्ता अभिषेक मनु सिंघवी ने हलफनामे का हवाला देते हुए कहा कि सरकार ने विभिन्न कदम उठाए हैं.
इस पर पीठ ने टिप्पणी की, ‘यह प्रदूषण का एक और कारण है, रोजाना इतने हलफनामे.’
पीठ ने कहा, ‘हलफनामे में क्या यह बताया गया है कि कितने युवक सड़क पर खड़े हैं? प्रचार के लिए? एक युवक सड़क के बीच में बैनर लिए खड़ा है. यह क्या है? किसी को उनके स्वास्थ्य का ख्याल करना होगा.’
इसके जवाब में सिंघवी ने कहा कि ये ‘लड़के’ नागरिक स्वयंसेवक हैं.
मुख्यमंत्री अरविंद केजरवील ने 21 अक्टूबर से 15 नवंबर तक के लिए ‘रेड लाइट ऑन, गाड़ी ऑफ’ मुहिम शुरू करते हुए कहा था कि यदि शहर में 10 लाख वाहन इस मुहिम में शामिल हो गए, तो एक साल में पीएम10 का स्तर 1.5 टन और पीएम 2.5 का स्तर 0.4 टन कम हो जाएगा.
इस पहल के तहत, परिवहन विभाग के सरकारी अधिकारी, स्वयंसेवक और यातायात पुलिकर्मी यात्रियों से अनुरोध करते हैं कि वे हरी बत्ती जलने का इंतजार करते समय वाहन बंद कर दें. सरकार ने इस मुहिम की अवधि बढ़ाकर 30 नवंबर कर दी थी.
वायु गुणवत्ता में गिरावट
अधिकारियों ने बताया कि उत्तर पश्चिम भारत को प्रभावित करने वाले पश्चिमी विक्षोभ के परिणामस्वरूप राष्ट्रीय राजधानी में बृहस्पतिवार को आंशिक बादल छाए रहेंगे और बूंदाबादी होगी. अधिकतम तापमान करीब 25 डिग्री सेल्सियस दर्ज किया जा सकता है.
अधिकारियों ने बताया कि पश्चिमी विक्षोभ के कारण हवा की गति धीमी होने के चलते प्रदूषण तत्व जमा होंगे जिससे वायु प्रदूषण का स्तर बढ़ सकता है. सुबह नौ बजे दिल्ली में वायु गुणवत्ता सूचकांक (एक्यूआई) 357 रहा. मंगलवार को 24 घंटे का औसत एक्यूआई 328 रहा था.
पड़ोसी फरीदाबाद में एक्यूआई 342, गाजियाबाद में 361, ग्रेटर नोएडा में 310, गुड़गांव में 359 और नोएडा में 336 दर्ज किया गया और हवा की गति कम रहने से यहां वायु गुणवत्ता में गिरावट हुई.
शून्य से 50 के बीच एक्यूआई अच्छा माना जाता है, 51 से 100 के बीच संतोषजनक, 101 से 200 के बीच मध्यम, 201 से 300 को खराब, 301 से 400 को बहुत खराब, और 401 से 500 को गंभीर श्रेणी में माना जाता है.
पृथ्वी विज्ञान मंत्रालय के वायु गुणवत्ता निगरानीकर्ता ‘सफर’ ने सोमवार को संकेत दिया था कि तीन दिसंबर से हवा की गति अनुकूल होने की संभावना है. इस बीच, मंगलवार को दिल्ली सरकार ने भी आदेश जारी करके आवश्यक सामग्री वाले ट्रकों के अलावा अन्य ट्रकों के प्रवेश पर रोक सात दिसंबर तक बढ़ा दिया. हालांकि, सीएनजी और इलेक्ट्रिक ट्रकों को दिल्ली में प्रवेश की अनुमति रहेगी.
आदेश के मुताबिक, वायु प्रदूषण के उच्च स्तर के मद्देनजर अगले आदेश तक निर्माण एवं तोड़फोड़ गतिविधियों पर रोक जारी रहेगी. विद्यालय, कॉलेज और अन्य शैक्षणिक संस्थानों में भौतिक मौजूदगी में कक्षाएं बहाल कर दी गई हैं और सोमवार से सरकारी कार्यालय भी खुल गए हैं.
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