नई दिल्ली: दिल्ली अग्निशमन सेवा (डीएफएस) को बुधवार को 200 से अधिक फोन कॉल मिलीं, जिनमें से 183 आग से संबंधित थी. इस साल आग से संबंधित एक दिन की यह सर्वाधिक सूचना है. अधिकारियों ने इसकी जानकारी दी.
अधिकारियों ने आग की इस घटना के लिए राष्टीय राजधानी में जारी भीषण गर्मी एवं लू को जिम्मेदार ठहराया है.
अधिकारियों ने बताया कि बुधवार को दिल्ली दमकल सेवा (डीएफएस) को 220 कॉल प्राप्त हुईं, जिनमें से 183 आग से संबंधित थीं. इस साल अब तक की यह सबसे अधिक कॉल हैं. उन्होंने बताया कि शेष कॉल पक्षियों और जानवरों के बचाव से संबंधित थीं.
डीएफएस द्वारा सोमवार को साझा किए गए आंकड़ों के अनुसार, एक जनवरी से 26 मई तक विभाग को आग से संबंधित कुल 8,912 कॉल प्राप्त हुईं.
डीएफएस प्रमुख अतुल गर्ग ने कहा, ‘हमें 29 मई की मध्यरात्रि तक 24 घंटे में आग से संबंधित 183 कॉल प्राप्त हुईं.’
उन्होंने कहा, ‘यह इस साल अब तक दर्ज की गयी एक दिन की सबसे अधिक कॉल थी.
आमतौर पर, हमें गर्मी के मौसम में लगभग 150 कॉल प्राप्त होती हैं, जिनमें से 60 आग से संबंधित होती हैं और बाकी जानवरों के बचाव से संबंधित होती हैं, लेकिन इस बार इसमें तीन गुना वृद्धि हुई है.’
राष्ट्रीय राजधानी में तापमान 50 डिग्री सेल्सियस के करीब पहुंचने के साथ ही दिल्ली में आग से जुड़ी घटनाओं में वृद्धि देखी जा रही है, जिसमें कई लोगों की जान जा चुकी है.
आंकड़ों के अनुसार, इस साल अब तक राष्ट्रीय राजधानी में आग से जुड़ी घटनाओं में 55 लोगों की जान जा चुकी है और 300 से अधिक लोग घायल हुए हैं.
आंकड़ों के मुताबिक जनवरी में आग से संबंधित घटनाओं में 16 लोगों की मौत हुई, मार्च में 12, अप्रैल में चार तथा 26 मई तक सात लोगों की मौत हो गई.
गर्ग ने कहा, ‘जनवरी में हमें 1,204 कॉल, फरवरी में 1,032 आग से संबंधित कॉल, मार्च में 1,328 कॉल, अप्रैल में 2,357 कॉल और 26 मई की मध्यरात्रि तक 2,991 कॉल प्राप्त हुईं. मई 29 को हमें आग से संबंधित सबसे अधिक कॉल प्राप्त हुईं.’
उन्होंने कहा कि अग्निशमन विभाग को पहले भी बड़ी संख्या में कॉल प्राप्त हुई हैं, लेकिन आग से संबंधित 183 कॉल एक बड़ी और चिंताजनक संख्या है.
गर्ग ने कहा, ‘सर्दियों के दौरान हमें आमतौर पर प्रतिदिन 60 से 70 कॉल और गर्मियों के मौसम में 150 या उससे कम कॉल प्राप्त होती हैं.’
उन्होंने कहा कि जैसे तापमान रिकॉर्ड तोड़ रहा है वैसे ही आग से संबंधित कॉल ने भी रिकॉर्ड तोड़ दिया है.
उन्होंने कहा कि अग्निशमन विभाग पशु बचाव और दुर्घटना से संबंधित कॉल भी लेता है.
डीएफएस प्रमुख ने कहा, ‘अग्निशमन विभाग के लिए उन सभी 183 कॉलों का जवाब देना एक बड़ी चुनौती थी. बुधवार को आग लगने से किसी की जान नहीं गई. हमारी टीमों ने हर एक कॉल पर कार्रवाई की.’
उन्होंने कहा, ‘पूर्वी दिल्ली में एक पार्किंग स्थल में लगी भीषण आग लगने से 16 कारें जलकर खाक हो गईं.’
अग्निशमन विभाग के अनुसार बृहस्पतिवार को आग से संबंधित अधिकांश कॉल बिजली के शॉर्ट-सर्किट के कारण आईं.
गर्ग ने बताया, ‘लगभग 70 प्रतिशत कॉल बिजली के शॉर्ट-सर्किट से संबंधित थीं और 30 प्रतिशत कॉल किसा या कार तथा रसोई में मामूली रूप से आग लगने से संबंधित थीं.’
उन्होंने कहा, ‘यदि किसी घर में चार एसी हैं तो तारों पर बिजली का भार अवश्य जांचना चाहिए. यदि तार उस भार को सहन करने में सक्षम नहीं हैं तो उन्हें इसे बदलवा लेना चाहिए.’
उन्होंने लोगों को यह सुनिश्चित करने की सलाह दी कि गैस ‘पाइपलाइन’ या ‘सिलेंडर’ में कोई रिसाव न हो और जब उपयोग में न हों तो उन्हें बंद रखें.
पारा बढ़ने से राजधानी में स्थित कारखानों या आवासीय क्षेत्रों में आग लगने की कई घटनाएं हो रही हैं.
छब्बीस मई को पूर्वी दिल्ली के विवेक विहार इलाके में ‘बेबी केयर न्यू बोर्न अस्पताल’ में आग लगने की घटना में छह नवजात शिशुओं की जान चली गई और पांच बच्चे घायल हो गए. नवजात शिशु अस्पताल में आग लगने से पांच ऑक्सीजन सिलेंडर फट गए.
बुधवार को उत्तरी दिल्ली के चांदनी चौक में आग लगने से पांच दुकानें जलकर खाक हो गईं.
डीएफएस ने कहा कि उन्होंने लोगों के लिए विशेष प्रशिक्षण सत्र शुरू कर दिए हैं कि आग लगने या किसी भी आपात स्थिति में कैसे निपटा जाए.
गर्ग ने कहा, ‘हमने राजधानी के लोगों के लिए आग से जुड़ी आपात स्थितियों से निपटने के लिए पहले ही एक यथार्थवादी ‘कंप्यूटर-जनरेटेड सिमुलेशन’ शुरू कर दिया है. अब तक आग की घटनाओं के कारण 55 से अधिक लोगों की जान जा चुकी है जो एक बड़ी संख्या है.’
उन्होंने कहा कि वर्चुअल प्रशिक्षण सत्र रोहिणी और द्वारका में डीएफएस स्टेशन में आयोजित किए जाएंगे.
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