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Saturday, 20 April, 2024
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दिल्ली में कोविड के बढ़ते मामलो ने मेट्रो बहाली पर बढ़ाई चिंता, लेकिन डॉक्टर चिंतित नहीं हैं

दिल्ली मेट्रो, जो 22 मार्च से बंद है, हर दिन 25 लाख से अधिक लोगों को सफर कराती है और हाल के दिनों में बढ़ते मामलों ने इसके फिर से शुरू होने पर चिंता जताई है.

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नई दिल्ली: केंद्र सरकार के अनलॉक 4.0 के बाद दिल्ली मेट्रो का 7 सितंबर से परिचालन शुरू करने के लिए तैयार किया जा रहा है, लेकिन पिछले एक सप्ताह में कोविड मामलों की रिकॉर्ड संख्या राष्ट्रीय राजधानी में परेशान करने वाली बात है.

दिप्रिंट ने बताया था कि जुलाई में एक महीने की गिरावट के बावजूद, दिल्ली में अगस्त में मामलों में वृद्धि देखी गई. मुख्यमंत्री अरविंद केजरीवाल द्वारा मेट्रो परिचालन को फिर से शुरू करने के कदम का स्वागत करने के एक दिन बाद रविवार को इसने 2,024 मामलों के साथ 50 दिन की के सबसे ज्यादा केस देखने को मिला है.

दिल्ली मेट्रो, जो 22 मार्च से बंद है, हर दिन 25 लाख से अधिक लोगों को सफर कराती है और हाल के दिनों में बढ़ते मामलों ने इसके फिर से शुरू होने पर चिंता जताई है.

हालांकि, विशेषज्ञों और डॉक्टरों ने दिप्रिंट से बात की और बताया कि मई और जून के महीनों की तरह केस में वृद्धि की मेट्रो परिचालन फिर से शुरू होने के बावजूद संभावना नहीं है, क्योंकि महामारी ‘परिपक्व’ हो गई है; उन्होंने बताया किया कि आर्थिक गतिविधियों को फिर से शुरू करना महत्वपूर्ण है और अगर ऐसा होता है, तो दिल्ली में स्वास्थ्य सेवा प्रणाली पीक से निपटने के लिए तैयार है.

सार्वजनिक स्वास्थ्य फाउंडेशन ऑफ इंडिया में उपाध्यक्ष डॉ प्रीति कुमार ने बताया. दिल्ली में, महामारी प्रोग्रेस कर चुकी है और परिपक्व हुई है. लॉकडाउन रणनीति संभव नहीं है क्योंकि हमें परीक्षण के साथ आर्थिक गतिविधियों को संतुलित करने की आवश्यकता है और दिल्ली पहले से ही ज्यादा संख्या में परीक्षण कर रही है, जो मामलों में वृद्धि की व्याख्या करता है. लेकिन उत्साहजनक बात है कि पाजिटिविटी रेट में लगातार गिरावट आ रही है.’

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डॉक्टरों ने यह भी बताया है कि इस बार की वृद्धि की प्रवित्ति पहले के मामलों से अलग है.

दिल्ली सरकार के राजीव गांधी सुपर स्पेशियलिटी अस्पताल के निदेशक डॉ बी.एल. शेरवाल ने बताया, हाल ही में अस्पताल में भर्ती होने के मामलों में वृद्धि हुई है, वे हल्के मामले हैं. को-मोर्बिडीटी वाले मामले पहले की तुलना में कम हैं.

शेरवाल ने दिप्रिंट से कहा, ‘मेट्रो के फिर से खुलने से हम उम्मीद कर रहे हैं कि दिल्ली सरकार और केंद्र सरकार ने कड़ी मेहनत की है और हम चुनौती के लिए तैयार हैं.’

1 सितंबर तक, दिल्ली में 4,462 मौतों के साथ कुल 1,77,060 मामले दर्ज किए गए हैं.

मास्किंग, सामाजिक दूरी और हाथ की स्वच्छता अभी भी महत्वपूर्ण है

वायरोलॉजिस्ट डॉ टी जैकब जॉन के अनुसार, सरकार के पहले ‘गैर-नियोजित’ लॉकडाउन ने आर्थिक गतिविधियों को फिर से शुरू करने के लिए महत्वपूर्ण बना दिया है. हालांकि, उन्होंने कहा कि इससे मामलों में वृद्धि होगी, डेली केस 3,000 को पार करने की संभावना नहीं है.

जॉन ने दिप्रिंट को बताया, ‘हमारे पास कोरोनोवायरस महामारी के साथ-साथ एक वित्तीय महामारी है. मेट्रो के खुलने के साथ मामले बढ़ेंगे. लेकिन संभावना नहीं है कि हम जून जैसा पीक देखेंगे. यहां तक कि अगर हम सितंबर में एक पीक देखते हैं, तो यह एक कम होगा, लेकिन जून की तरह नहीं होगा जब मामले 3,000 से ऊपर थे.’

हालांकि, सभी डॉक्टर मूल्यांकन से सहमत नहीं हैं. दिल्ली की नोडल कोविड सुविधा लोकनायक जय प्रकाश नारायण अस्पताल में मुख्य चिकित्सा अधिकारी डॉ रितु सक्सेना ने कहा कि स्वास्थ्य सेवा पर्याप्त रूप से सुसज्जित है, लेकिन मेट्रो सेवाओं को पुनः आरंभ करने का यह सही समय नहीं है.

सक्सेना ने कहा, ‘हम पहले से ही मामलों में वृद्धि देख रहे हैं. जुलाई की तुलना में अधिक है, जबकि हमारे पास 1,000 से अधिक बेड खाली हैं, एक महीने के बाद मेट्रो को फिर से शुरू करना बेहतर होगा जब मामलों में कमी आएगी.’

हालांकि, सभी विशेषज्ञ इस बात से सहमत हैं कि यह सुनिश्चित करने के लिए मास्किंग और हाथ की स्वच्छता पर ध्यान देना महत्वपूर्ण है कि मेट्रो के कारण मामले नियंत्रण से बाहर न हों.

कुमार ने कहा, ‘अगर लोग मास्क पहनते हैं, तो सभी प्रकार के रोगियों को चाहे वह स्पर्शोन्मुख, पूर्व-लक्षण या रोगसूचक हो, प्रसार को काफी हद तक रोक दिया जाता है.

शेरवाल ने कहा कि लोगों की शालीनता और सावधानी बरतने में विफलता के कारण मामलों में वृद्धि भी आंशिक रूप से है.

उन्होंने कहा, ‘अगर लोग सावधानी बरतते हैं और बिना मास्क के बाहर जाते हैं, तो मामले बढ़ेंगे. अब दूसरे सीरो सर्वेक्षण से पता चलता है कि हमें उन क्षेत्रों में संक्रमण है जहां पहले नहीं था. मास्क के साथ, सोशल डिस्टैन्सिंग और उचित हाथ स्वच्छता के मामलों को बनाए रखना फिर से नीचे चला जाएगा.’

दूसरा सीरोलॉजिकल सर्वे, जो अगस्त की शुरुआत में आयोजित किया गया था, ने खुलासा किया कि दिल्ली की लगभग 28.3 प्रतिशत जनसंख्या कोविड-19 से संक्रमित हुई थी, जो कि पिछले सीरोलॉजिकल सर्वे में सामने आए एक्सपोज़र के ऊपर लगभग 5 प्रतिशत था, जो जून के अंत में आयोजित किया गया था.

सर्वेक्षण से यह भी पता चला है कि राष्ट्रीय राजधानी में बड़ी संख्या में स्पर्शोन्मुख रोगी हैं.

एम्स में सामुदायिक चिकित्सा के प्रोफेसर डॉ. संजय राय ने दिप्रिंट को बताया, दिल्ली की एक तिहाई आबादी पहले ही संक्रमित हो चुकी है, अब जो मामले हमें मिल रहे हैं, वे ज्यादातर स्पर्शोन्मुख हैं. हम सभी को उनके घरों में हमेशा के लिए नहीं रख सकते. यदि रोकथाम विधि काम करती, तो भारत 37 लाख मामलों तक नहीं पहुंचता. दिल्ली में लोगों को रूबरू होने से रोकने की जरूरत है, लेकिन सामान्य स्थिति को बहाल करना होगा और जीवन को आगे बढ़ाना होगा.


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दैनिक मामलों में वृद्धि चिंताजनक है

अगस्त के अंतिम सप्ताह में, दिल्ली के दैनिक मामलों में तेजी से वृद्धि हुई है 30 अगस्त को 2,000 के आंकड़े को पार कर गया है. यह 24 अगस्त को 1,061 से 30 अगस्त को 2,024 तक चला गया है.

इस दौरान दिल्ली ने 24 अगस्त को 1,061, 25 अगस्त (1,544), 26 अगस्त (1,693) 27 अगस्त(1,840), 28 अगस्त (1,808), 29 अगस्त(1,954), 30 अगस्त (2,024) मामले दर्ज किए गए है.

डेटा से पता चलता है कि पिछले महीने में भी मामले दोगुने हो गए थे, 30 जुलाई को प्रतिदिन 1,093 मामलों से बढ़कर 30 अगस्त को 2,024 मामले हुए हैं.

31 अगस्त को, दिल्ली उच्च न्यायालय ने बढ़ते मामलों पर ध्यान दिया और सरकार से रणनीतिक परीक्षण करने को कहा और यह भी कहा कि आप (दिल्ली सरकार) ने सोचा कि आपने ड्रैगन (कोविड-19) पर काबू पा लिया है. हालांकि, इस ड्रैगन के कई सिर हैं, जो लोगों के लिए जीवन को दुखी बना रहा है. शहर में हर दिन मामले बढ़ रहे हैं.

केजरीवाल द्वारा मामलों में उठापटक पर चर्चा करने के लिए 26 अगस्त को उच्च स्तरीय बैठक की अध्यक्षता करने के ठीक एक सप्ताह बाद हाईकोर्ट की टिप्पणी आई और जिसमें कहा गया कि दिल्ली में समग्र स्थिति नियंत्रण में थी.

(इस खबर को अंग्रेजी में पढ़ने के लिए यहां क्लिक करें )

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