नयी दिल्ली, 27 मई (भाषा) दिल्ली उच्च न्यायालय ने उस खबर पर न्यायिक संज्ञान लिया है, जिसमें बताया गया है कि राजपूताना राइफल्स के 3,000 से अधिक सैनिकों को दिल्ली के छावनी क्षेत्र में बैरकों से निकलकर ‘परेड ग्राउंड’ तक पहुंचने के लिए ‘बदबूदार और गंदे नाले’ से होकर गुजरना पड़ता है।
इसे ‘अस्वीकार्य स्थिति’ बताते हुए उच्च न्यायालय ने कहा कि दिल्ली सरकार के अधिकारियों से उस स्थल पर एक पुल बनवाने का अनुरोध किया गया था, लेकिन इसे अभी तक नहीं बनाया गया है।
न्यायमूर्ति प्रतिभा एम सिंह और न्यायमूर्ति मनमीत पीएस अरोड़ा की पीठ ने इस मामले में दिल्ली छावनी बोर्ड को नोटिस जारी किया और 29 मई तक स्थिति रिपोर्ट दाखिल करने को कहा।
उच्च न्यायालय ने मामले में अगली सुनवाई की तारीख 29 मई तय की है।
पीठ ने कहा, ‘‘यह अदालत 26 मई, 2025 की एक खबर पर न्यायिक संज्ञान लेती है, जिसमें कहा गया है कि राजपूताना राइफल्स के 3,000 से अधिक सैनिकों को अपने बैरकों से बाहर निकलने और परेड ग्राउंड में जाने के दौरान एक नाले से गुजरना पड़ता है, जो बदबूदार और गंदा है।’’
पीठ ने 26 मई के अपने आदेश में कहा कि सैनिकों को दिन में चार बार इस नाले से गुजरना पड़ता है और बताया गया है कि उक्त नाला पानी-कीचड़ से भरा हुआ है, जिसकी कहीं-कहीं गहराई कमर तक है।
भाषा संतोष दिलीप
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