नयी दिल्ली, 20 जनवरी (भाषा) दिल्ली की एक अदालत ने बैंक को 466.51 करोड़ रुपये के नुकसान से जुड़े धन शोधन के मामले में यस बैंक के पूर्व प्रबंध निदेशक और मुख्य कार्यकारी अधिकारी राणा कपूर की जमानत अर्जी बृहस्पतिवार को खारिज कर दी।
विशेष न्यायाधीश संजीव अग्रवाल ने कपूर को राहत देने से इंकार करते हुए कहा कि उनके खिलाफ बहुत ही गंभीर और संगीन किस्म के आरोप हैं। अदालत ने कहा, ‘‘वर्तमान मामले के समग्र तथ्यों और परिस्थितियों को ध्यान में रखते हुए, चूंकि आरोपी के खिलाफ आरोप गंभीर प्रकृति के हैं, इसलिए इस चरण में उनकी जमानत का कोई आधार नहीं बनता है। आरोपी राणा कपूर की जमानत अर्जी खारिज की जाती है।’’
प्रवर्तन निदेशालय (ईडी) के आरोप पत्र पर संज्ञान लेने वाली अदालत द्वारा तलब किए जाने के बाद कपूर ने अर्जी दायर की थी। कपूर ने अदालत को बताया कि जांच के दौरान उन्हें ईडी ने गिरफ्तार नहीं किया था और चूंकि आरोप पत्र पहले ही दाखिल किया जा चुका है, इसलिए मामले में उन्हें हिरासत में भेजने से कोई उद्देश्य पूरा नहीं होगा।
कपूर फिलहाल ईडी के एक अन्य मामले में न्यायिक हिरासत में मुंबई की तलोजा जेल में बंद है। ईडी के विशेष लोक अभियोजक एन के मट्टा ने अर्जी का विरोध करते हुए अदालत को बताया कि कपूर ने अपराध में महत्वपूर्ण भूमिका निभाई थी।
हालांकि, अदालत ने मामले में 15 अन्य आरोपियों- बी हरिहरन, अभिषेक एस पांडे, राजेंद्र कुमार मंगल, रघुबीर कुमार शर्मा, अनिल भार्गव, तापसी महाजन, सुरेंद्र कुमार खंडेलवाल, सोनू चड्ढा, हर्ष गुप्ता, रमेश शर्मा, पवन कुमार अग्रवाल, अमित ममतानी, आशीष अग्रवाल, अमित कुमार और विनोद बाहेती को जमानत दे दी।
न्यायाधीश ने कहा कि शिकायत के तथ्यों प्रतीत होता है कि ये 15 आरोपी मामले में अन्य आरोपियों गौतम थापर अथवा राणा कपूर के निर्देश के तहत काम कर रहे थे। अदालत ने यह भी कहा कि इन आरोपियों ने हमेशा जांच के दौरान सहयोग किया और जांच एजेंसी द्वारा बुलाये जाने पर वे जांच में शामिल हुए।
एक निचली अदालत ने इससे पहले अवंता समूह के प्रवर्तक व्यवसायी गौतम थापर की जमानत याचिका खारिज कर दी थी। थापर की जमानत याचिका दिल्ली उच्च न्यायालय में लंबित है। ईडी ने थापर को पिछले साल अगस्त में गिरफ्तार किया था और फिलहाल वह न्यायिक हिरासत में हैं।
भाषा आशीष अनूप
अनूप
यह खबर ‘भाषा’ न्यूज़ एजेंसी से ‘ऑटो-फीड’ द्वारा ली गई है. इसके कंटेट के लिए दिप्रिंट जिम्मेदार नहीं है.