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शुक्रवार, 6 जून, 2025
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दिल्ली: अदालत ने हिरासत में यातना मामले में पुलिसकर्मियों के खिलाफ प्राथमिकी दर्ज करने का आदेश दिया

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नयी दिल्ली, छह जून (भाषा) दिल्ली की एक अदालत ने हिरासत में कथित यातना मामले में मजिस्ट्रेट अदालत के आदेश को खारिज करते हुए शाहबाद डेयरी पुलिस थाने के कई अधिकारियों के खिलाफ प्राथमिकी दर्ज करने का आदेश दिया है।

अतिरिक्त सत्र न्यायाधीश जगमोहन सिंह ने मीनाक्षी नामक महिला की एक याचिका पर सुनवाई के दौरान यह आदेश दिया। मीनाक्षी ने कई पुलिस अधिकारियों पर अपने पति नवीन उर्फ ​​मोनू को प्रताड़ित करने का आरोप लगाते हुए उनके खिलाफ प्राथमिकी दर्ज करने की मांग की थी।

अगस्त 2019 में एक मजिस्ट्रेट अदालत ने मीनाक्षी की याचिका खारिज कर दी थी। सत्र अदालत ने 21 मई को कहा कि मजिस्ट्रेट अदालत के आदेश को रद्द किया जाना चाहिए, क्योंकि संबंधित सीसीटीवी फुटेज और ‘कॉल डिटेल रिकॉर्ड’ (सीडीआर) का सरकारी फॉरेंसिक लैब में विश्लेषण किया जाना आवश्यक है।

अदालत ने कहा कि शिकायतकर्ता और पीड़ित सामान्य नागरिक थे, जबकि आरोपी सभी पुलिस अधिकारी थे।

अदालत ने कहा, ‘‘आरोपों के अनुसार पीड़ित नवीन को जबरन वसूली करने के लिए पुलिस अधिकारियों द्वारा प्रताड़ित किया गया था तथा आरोपों की गंभीरता को देखते हुए कथित अपराधों में आरोपी पुलिस अधिकारियों की वास्तविक भूमिका का पता लगाने के लिए गहन जांच की आवश्यकता है।’’

अदालत ने कहा कि उच्चतम न्यायालय के उस आदेश का उल्लंघन हुआ है, जिसमें अमानवीय या अपमानजनक यातना को संविधान के अनुच्छेद 21 (जीवन और व्यक्तिगत स्वतंत्रता के अधिकार) का उल्लंघन माना गया था, तथा पुलिस अधिकारियों के खिलाफ आरोप गंभीर हैं।

अदालत ने मीनाक्षी की याचिका स्वीकार करते हुए संबंधित थाना प्रभारी को एक सप्ताह के भीतर प्राथमिकी दर्ज करने का निर्देश दिया।

भाषा रवि कांत सुरेश

सुरेश

यह खबर ‘भाषा’ न्यूज़ एजेंसी से ‘ऑटो-फीड’ द्वारा ली गई है. इसके कंटेंट के लिए दिप्रिंट जिम्मेदार नहीं है.

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