नयी दिल्ली, 26 मई (भाषा) दिल्ली की मुख्यमंत्री रेखा गुप्ता ने जिलाधिकारियों को भ्रष्टाचार को कतई न सहने की नीति अपनाने और विभिन्न विभागों की सेवाओं को एक स्थान पर लाने के लिए सभी जिलों में मिनी सचिवालय स्थापित करने के वास्ते प्रस्ताव तैयार करने का सोमवार को निर्देश दिया।
मुख्यमंत्री ने जिलाधिकारियों (डीएम), उपजिलाधिकारी (एसडीएम) और उप-रजिस्ट्रार के कार्यालयों में ‘शिकायत और सुझाव’ पेटियां लगाने के भी आदेश दिए।
गुप्ता ने जिला विकास समितियों के अध्यक्षों और जिलाधिकारियों के साथ बैठक में अपने विचार रखे।
अधिकारियों ने बताया कि शिकायत पेटियां लगाई जा रही हैं और मुख्यमंत्री कार्यालय (सीएमओ) उनकी निगरानी करेगा।
गुप्ता ने एक बयान में कहा, ‘‘इसका उद्देश्य एक ऐसी प्रशासनिक व्यवस्था बनाना है जो पारदर्शी, जवाबदेह और नागरिक-हितैषी हो। बैठक के दौरान, सभी नवनियुक्त अध्यक्षों ने अपने दृष्टिकोण साझा किए और विकास की भावी पहल पर गहन चर्चा हुई।’’
उन्होंने कहा कि सभी जिलों में मिनी सचिवालय स्थापित किए जाएंगे, जहां लोगों को एक ही स्थान पर विभिन्न विभागों की सेवाएं मिल सकेंगी।
मुख्यमंत्री ने जिलाधिकारियों को इन सचिवालयों के लिए उपयुक्त भूमि की पहचान करने और प्रस्ताव तैयार करने के निर्देश दिए हैं।
बयान में कहा गया है कि ये मिनी सचिवालय स्थानीय स्तर पर त्वरित और एकीकृत सार्वजनिक सेवाएं प्रदान करने की दिशा में एक बड़ा कदम साबित होंगे।
बैठक के दौरान गुप्ता ने प्रशासनिक जिम्मेदारी और जवाबदेही लागू करने पर जोर दिया।
उन्होंने निर्देश दिया कि जिला विकास समितियों (डीडीसी) की बैठकों में संबंधित अधिकारियों की उपस्थिति अनिवार्य होगी।
गुप्ता ने कहा, ‘बिना उचित कारण के अनुपस्थित पाए गए अधिकारियों के खिलाफ अनुशासनात्मक कार्रवाई की जाएगी।’
उन्होंने प्रशासनिक कार्यप्रणाली में ‘लापरवाही और टालमटोल’ को समाप्त करने को कहा।
भ्रष्टाचार के प्रति अपनी सरकार की शून्य सहनशीलता की नीति को दोहराते हुए उन्होंने कहा कि पिछली सरकार ने जनता की शिकायतों के समाधान में ‘लापरवाही’ बरती।
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नोमान सुरेश
सुरेश
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