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Friday, 20 December, 2024
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दिल्ली के मुख्यमंत्री अरविंद केजरीवाल ने खुद को भी ऑड-ईवन के दायरे में रखा

प्रदूषण के नियंत्रित करने के लिए 16 विजिलेंस टीम बनाई गई हैं जो दिन और रात में कंस्ट्रक्शन साइट और कचरा जलाने वालों पर नजर रखेगी.

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नई दिल्ली: देश की राजधानी दिल्ली में एक बार फिर प्रदूषण खतरनाक स्तर पर पहुंच गया है. सांस लेने में लोगों को तकलीफ होने लगी है. ऐसे में दिल्ली के मुख्यमंत्री अरविंद केजरीवाल ने ऑड-इवन योजना लागू होने से पहले किन गाड़ियों को छूट दी जाएगी और किसे नहीं, इसकी जानकारी दी. इस बार दिल्ली के मुख्यमंत्री अरविंद केजरीवाल ने खुद को भी ऑड ईवन के दायरे में रखा है. मुख्यमंत्री केजरीवाल ने बताया, ‘प्रदूषण के नियंत्रित करने के लिए 16 विजिलेंस टीम बनाई गई हैं जो दिन और रात में कंस्ट्रक्शन साइट और कचरा जलाने वालों पर नजर रखेंगी.’

बढ़ते प्रदूषण को देखते हुए केंद्रीय मंत्री हरदेव पुरी ने लोगों से खेतों में पराली न जलाने का अनुरोध किया है. उन्होंने कहा कि हम सभी जनता के लिए काम कर रहे हैं और ‘स्वच्छ हवा’ पर हम सभी का हक है. हवा को ‘स्वच्छ’ करने के लिए हमें मिलकर काम करना होगा.

4000 रूपये का लगेगा जुर्माना

ऑड-इवन योजना दिल्ली में 4 नवंबर से 15 नवंबर तक लागू की जाएगी और यह सुबह आठ से शाम आठ बजे तक लागू रहेगी. रविवार को छोड़कर.

मीडिया से बातचीत करते हुए केजरीवाल ने कहा सम(ईवन) तारीख पर इवन नंबर और ऑड तारीख पर ऑड नंबर की गाड़िया चलेंगी. इसमें दूसरे राज्यों से आ रही गाड़ियों पर भी यह योजना लागू होगी. नियम तोड़ने वालों को ‘4000 रूपये का जुर्माना’ देना होगा.

मुख्यमंत्री केजरीवाल ने बताया, ‘इस योजना में राष्ट्रपति, उप राष्ट्रपति, प्रधानमंत्री, गर्वनर, मुख्य न्यायाधीश, लोक सभा के स्पीकर, केंद्रीय मंत्रियों की गाड़ियों, लोक सभा और राज्य सभा विपक्षी दलों के नेता के साथ साथ दूसरे राज्यों और केंद्र प्रशासित राज्यों के मुख्यमंत्री की गाड़ियों को छूट दी जाएगी लेकिन दिल्ली के मुख्यमंत्री ऑड- ईवन योजना के दायरे में रहेंगे.’

यही नहीं मुख्यमंत्री ने बताया कि हर बार की तरह इस बार भी वह गाड़ी जिसमें स्कूल छात्र हैं उन्हें इस योजना में छूट दी जाएगी. पिछले सप्ताह केजरीवाल ने घोषणा की थी कि महिलाओं को इस योजना में छूट दी जाएगी.  बता दें कि इस बार सीएनजी की गाड़ियों भी ऑड-ईवन के दायरे में रखा गया है.

इन गाड़ियों को मिलेगी छूट-इमरजेंसी वाहन, महिलाओं कार चालक, स्कूली बच्चों को लेकर जाने वाली गाड़ियां, मरीजों को लेकर जाने वाली गाड़ियां और एंबुलेंस, वीआईपी वाहन और दोपहिया वाहन होंगे दायरे से बाहर

इन गाड़ियों पर रहेगी नज़र– दिल्ली सरकार और मुख्यमंत्री की गाड़ियां, दूसरे राज्यों की गाड़ियां और सीएनजी गाड़ियां भी आएंगी दायरे में

दिल्ली के बढ़ते प्रदूषण से निपटने के लिए दिल्ली सरकार ने 2015 में ऑड ईवन योजना लागू की थी और तब से हर साल यह योजना नवंबर माह में दिल्ली में लागू की जा रही है.

बता दें कि दिल्ली में स्मॉग और धूल की चादर छा चुकी है. गुरुवार को राजधानी के कई क्षेत्रों में एयर क्वालिटी इंडेक्स बहुत खराब स्तर पर पहुंच गई है. सेंटर रन सिस्टम ऑफ एयर क्वालिटी एंड वेदर फॉरकास्टिंग एंड रिसर्च ने लोगों को मॉर्निंग वॉक और बाहर खेल-कूद करने वालों को घरों में रहने की सलाह दी है. बता दें कि पिछले तीन दिनों दिल्ली की आवोहवा जहरीली हो गई है.

दिल्ली में रियल टाइम सोर्स प्रदूषण की जांच के लिए 2020 से एक सेटअप काम करना शुरू करेगा. इसके लिए दिल्ली सरकार ने वाशिंगटन विश्वविद्यालय से टाइअप किया है. इस सेटअप से पता चल सकेगा कि किस कारण प्रदूषण हो रहा है.

वहीं केजरीवाल ने कहा कि ऑड-ईवन के दैरान सार्वजनिक वाहनों पर एक समय दबाव न बने इसके लिए दफ्तरों के समय बदलने पर विशेषज्ञों से बात चल रही है. एक एजेंसी इस पर काम कर रही है. जल्द ही इस पर कोई निर्णय लिया जाएगा.

मुख्यमंत्री ने लोगों से अपील की है कि वो ऑड-ईवन के दौरान कार पुलिंग को बढ़ावा दें. उन्होंने कहा, ‘इससे प्रदूषण में गिरावट आएगी.’

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