नई दिल्ली: राष्ट्रीय जांच एजेंसी (NIA) ने हरियाणा के एक निवासी को गिरफ्तार किया है. आरोप है कि उसने उस कथित सुसाइड बॉम्बर को “पनाह” दी थी, जो इस महीने की शुरुआत में दिल्ली के लाल किले के पास विस्फोट हुए i20 कार को चला रहा था. आरोपी का नाम सोयब है और उसे फरीदाबाद से हिरासत में लिया गया है, जहां डॉक्टरों के नेतृत्व वाला यह आतंक मॉड्यूल तैयार होने की बात कही जा रही है.
सोयब इस मामले में गिरफ्तार किया गया सातवां व्यक्ति है. यह गिरफ्तारी 10 नवंबर को हुए धमाके की जांच का हिस्सा है, जिसमें 15 लोगों की मौत हुई थी और 32 घायल हुए थे. यह धमाका कथित रूप से अमोनियम नाइट्रेट फ्यूल ऑयल (ANFO) से हुआ था, जिसे डॉक्टर उमर उन नबी के नेतृत्व वाले समूह ने इकट्ठा किया था. नबी फरीदाबाद के धौज गांव में स्थित अल फलाह स्कूल ऑफ मेडिकल साइंसेज एंड रिसर्च सेंटर में काम करते थे. सोयब भी उसी गांव का रहने वाला था और उसने नबी को “लॉजिस्टिकल सपोर्ट” दिया था, NIA के प्रवक्ता ने बुधवार को बताया.
जांच और केस विवरण से जुड़े सूत्रों के अनुसार, सोयब भी अल फलाह में काम करता था और उसने कथित तौर पर धमाके से पहले नबी को अपने पास ठहराया था. “नबी हरियाणा के नूंह जिले में सोयब की भाभी के घर में ठहरा था,” एक सूत्र ने दिप्रिंट को बताया.
प्रवक्ता ने कहा, “NIA की जांच में पता चला है कि उसने 10 नवंबर को हुए कार बम धमाके से पहले आतंकवादी उमर को लॉजिस्टिकल सपोर्ट दिया था, जिसमें कई लोगों की जान गई और कई घायल हुए.”
“एजेंसी सुसाइड बमिंग से जुड़े विभिन्न सुरागों की जांच जारी रखे हुए है और अन्य आरोपियों की पहचान और तलाश के लिए राज्य पुलिस के साथ मिलकर कई राज्यों में छापेमारी कर रही है.”
NIA इससे पहले डॉक्टर नबी के दो करीबी सहायकों को गिरफ्तार कर चुकी है. ये दोनों कश्मीरी निवासी हैं, जिनके नाम आमिर राशिद अली और जसीर बिलाल वानी उर्फ दानिश हैं. उन पर नबी को “लॉजिस्टिकल सपोर्ट” देने का आरोप है. आमिर राशिद अली को इस आरोप में गिरफ्तार किया गया कि उसने नबी को वह वाहन उपलब्ध कराया था, जिसका इस्तेमाल धमाके में हुआ. यह कार फरीदाबाद के एक डीलर से उसके नाम पर खरीदी गई थी. दानिश को “ड्रोन में बदलाव कर और रॉकेट बनाने की कोशिश कर आतंकवादी हमलों के लिए तकनीकी सहायता देने” के आरोप में गिरफ्तार किया गया था.
एजेंसी ने मुज़म्मिल शकील और शाहीन सईद को भी हिरासत में लिया है, जो दोनों अल फलाह मेडिकल कॉलेज में डॉक्टर के रूप में काम करते थे. इसके अलावा अदील राथर को भी हिरासत में लिया गया है, जो पहले से ही जम्मू-कश्मीर पुलिस की कस्टडी में था. उस पर जैश-ए-मोहम्मद के पोस्टरों से जुड़े एक मामले में कार्रवाई हुई थी. एजेंसी ने शोपियां के प्रीचर मुफ्ती इरफान अहमद वागे को भी इस धमाके की जांच के तहत दिल्ली लाया है.
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