नयी दिल्ली, 11 अप्रैल (भाषा) दिल्ली विधानसभा ने हाल के बजट सत्र में पेश की गई कैग रिपोर्ट की जांच में तेजी लाने के लिए केंद्र सरकार के ‘ऑडिट पैरा मॉनिटरिंग सिस्टम’ (एपीएमएस) को अपनाने का फैसला किया है। विधानसभा अध्यक्ष विजेंद्र गुप्ता ने शुक्रवार को यह जानकारी दी।
गुप्ता ने कहा कि इस कदम से जुलाई में विधानसभा के मानसून सत्र में भारत के नियंत्रक एवं महालेखा परीक्षक (कैग) के निष्कर्षों पर लोक लेखा समिति (पीएसी) और सरकारी उपक्रम समिति की रिपोर्ट पेश करने में मदद मिलेगी।
विधानसभा में कैग की रिपोर्ट और एपीएमएस अपनाने पर उच्चस्तरीय समीक्षा बैठक हुई। गुप्ता ने संबंधित विभागों को 20 अप्रैल तक शराब की आपूर्ति और विनियमन पर कार्रवाई नोट (एटीएन) और 30 अप्रैल तक अन्य कैग रिपोर्ट प्रस्तुत करने का निर्देश दिया।
दिल्ली में पूर्ववर्ती आम आदमी पार्टी (आप) की सरकार के प्रदर्शन पर कैग की 14 लंबित ऑडिट रिपोर्ट विधानसभा में पेश की गईं। इनमें स्वास्थ्य, शराब की आपूर्ति और विनियमन, दिल्ली परिवहन निगम (डीटीसी), वायु प्रदूषण और दिल्ली सरकार के लोक लेखा और विनियोग खातों से संबंधित दो-दो रिपोर्ट शामिल हैं।
बैठक में दिल्ली की महालेखाकार (लेखा परीक्षा) रोली शुक्ला द्वारा विस्तृत प्रस्तुति दी गई, जिसमें कैग रिपोर्ट के प्रमुख निष्कर्षों और टिप्पणियों को रेखांकित किया गया।
गुप्ता ने संवाददाताओं से कहा, ‘‘हम एक सप्ताह के भीतर केंद्र के एपीएमएस को अपनाने जा रहे हैं। इससे सुचारू कामकाज सुनिश्चित होगा और कैग रिपोर्ट एवं एटीएन की तेजी से जांच हो सकेगी।’’
विधानसभा अध्यक्ष ने कहा कि पीएसी जुलाई में होने वाले मानसून सत्र में अपनी रिपोर्ट पेश करेगी। उन्होंने कहा कि इसकी पहली रिपोर्ट शराब आपूर्ति और विनियमन पर होगी।
गुप्ता ने कहा कि दिल्ली विधानसभा कैग रिपोर्ट और एटीएन की जांच के लिए अपने स्वयं के ‘एप्लीकेशन’ पर काम कर रही है, जिसके लिए छह महीने की आवश्यकता होगी।
उन्होंने कहा कि वह एपीएमएस को अपनाने के लिए केंद्र को पत्र लिखेंगे, जिसके बाद वित्त विभाग इसे अस्थायी उपाय के रूप में उपयोग कर सकेगा। उन्होंने कहा कि केंद्र की हरी झंडी मिलने के तुरंत बाद कैग रिपोर्ट की विषय-वस्तु एपीएमएस पर अपलोड कर दी जाएगी।
भाषा धीरज नेत्रपाल
नेत्रपाल
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