नयी दिल्ली, 28 नवंबर (भाषा) दिल्ली की एक अदालत ने एक नाबालिग लड़की से कई बार दुष्कर्म करने के मामले में एक व्यक्ति को दोषी करार देते हुए 15 साल सश्रम कारावास की सजा सुनाई है। यह मामला वर्ष 2018 का है।
अदालत ने कहा कि यह अपराध न केवल पीड़िता की गरिमा पर आघात था, बल्कि यह समाज के विरुद्ध भी अपराध था।
अतिरिक्त सत्र न्यायाधीश हरलीन सिंह ने आरोपी सद्दाम हुसैन के खिलाफ मामले की सुनवाई की। सद्दाम को नाबालिग के अपहरण और उसके साथ दुष्कर्म के आरोप में दोषी ठहराया गया था।
अतिरिक्त लोक अभियोजक अंकित अग्रवाल ने अधिकतम सजा की मांग करते हुए कहा कि दोषी ने गंभीर अपराध किया है।
अभियोजन पक्ष के अनुसार पेशे से दर्जी सद्दाम (26) ने फरवरी 2018 में नाबालिग को उसके स्कूल से अगवा कर उसे अपने घर ले गया और तीन दिनों तक उसके साथ दुष्कर्म किया।
अदालत ने 20 नवंबर को पारित अपने आदेश में कहा कि इसमें अपराध की गंभीरता और सजा के बीच आनुपातिकता के सिद्धांत के अलावा इसके निवारक प्रभाव पर भी विचार किया जाना था।
अदालत ने कहा, ‘‘दोषी को भारतीय दंड संहिता (आईपीसी) की धारा 376 (2) (एन) (बार-बार दुष्कर्म) के तहत 15 साल के कठोर कारावास और 25,000 रुपये के जुर्माने की सजा सुनाई गई है।’’
नाबालिग के पुनर्वास के लिए मुआवजे के बारे में अदालत ने कहा कि लड़की, जो उस समय 9वीं कक्षा की छात्रा थी, को गंभीर मानसिक आघात पहुंचा है और उसकी शिक्षा का नुकसान हुआ है, इसलिए उसे पांच लाख रुपये का भुगतान का आदेश दिया जाता है।
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