नयी दिल्ली, 25 फरवरी (भाषा) रक्षा मंत्री राजनाथ सिंह ने शुक्रवार को कहा कि रक्षा मंत्रालय अपने बजट खर्च की निगरानी के लिए तीनों सेवाओं के प्रतिनिधियों की एक समिति बनाएगा ताकि इसका समय पर पूरा उपयोग हो सके।
उन्होंने बजट से संबंधित एक वेबिनार के दौरान अपने भाषण में कहा कि इस बजट में आयात को कम करने और सशस्त्र बलों को स्वदेशी तकनीक से आधुनिक बनाने की सरकार की प्रतिबद्धता को और बल दिया गया है।
सिंह ने कहा कि उन्हें विश्वास है कि रक्षा मंत्रालय ने वेबिनार के दौरान प्राप्त सभी मूल्यवान सुझावों को नोट कर लिया है और रक्षा क्षेत्र में आत्मानिर्भरता के उद्देश्य से बजट घोषणाओं के समयबद्ध कार्यान्वयन के लिए एक कार्य योजना भी तैयार की है।
उन्होंने कहा, ”रक्षा उद्योग के नेतृत्व में होने वाले अनुसंधान और विकास प्रयासों के लिये मैं ‘मेक-1’ के तहत वित्त वर्ष 2022-23 के दौरान कम से कम पांच परियोजनाओं को मंजूरी दूंगा।”
‘मेक-1’ श्रेणी के तहत परियोजनाओं में सरकार की ओर से 90 प्रतिशत वित्तपोषण किया जाता है। इस राशि को योजना की प्रगति और रक्षा मंत्रालय व विक्रेता के बीच बनी सहमति की शर्तों के आधार पर चरणबद्ध तरीके से आवंटित किया जाता है।
सिंह ने कहा, ”हम विशेष रूप से निजी उद्योग और स्टार्टअप के लिए निर्धारित बजट की निगरानी के उद्देश्य से तीनों सेवाओं के प्रतिनिधियों वाला एक निगरानी तंत्र तैयार करेंगे, ताकि इसका पूरी तरह से उपयोग किया जा सके।”
गौरतलब है कि ‘‘मेक’’ श्रेणी रक्षा खरीद की प्रक्रिया से संबंधित प्रावधान है जो सरकार के ‘‘मेक इन इंडिया’’ कार्यक्रम के तहत स्वदेशी रक्षा क्षमता को मजबूत बनाने से जुड़ा है। ‘‘मेक’’ श्रेणी के तहत दो उप श्रेणियां … ‘‘मेक-1’’ और ‘‘मेक-2’’ हैं। ‘‘मेक-1’’ उप श्रेणी के तहत सरकार परियोजना का वित्तपोषण करती है जबकि ‘‘मेक-2’’ के तहत वित्तपोषण उद्योग करते हैं।
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जोहेब मनीषा
मनीषा
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